उत्तर प्रदेश चुनावों को लेकर भाजपा ब्राह्मणों को लेकर चिंतित, बनाई समिति
– योगेश भारद्वाज
नई दिल्ली : ब्राह्मण बाहुल्य देश के सबसे बडे राज्य उप्र में विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा ब्राह्मण वोट बैंक को लेकर चिंतित हो गयी है। भले ही भाजपा इसको लेकर कुछ भी कहे लेकिन चेहरा सब बयां कर रहा है। तभी तो नई दिल्ली में ब्राह्मण भाजपा सासंदो और विधायकों को लेकर मीटिंग चल रही है। फ़िलहाल इन बैठकों के बारे में और उसमें हुई चर्चा के बारे में पार्टी की ओर से कोई औपचारिक जानकारी नहीं आई है। सांसद शिव प्रताप शुक्ल से जानने की कोशिश की कि वो वाक़ई में ऐसी एक समिति या टास्क फ़ोर्स के अध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं, पर उन्होंने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
इस बैठक में मौजूद रहे भारतीय जनता युवा मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री अभिजात मिश्र ने इस समिति के गठन की पुष्टि की और बताया कि वो भी इस समिति के सदस्य बनाए गए हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा की 403 सीटों में से भाजपा के 46, समाजवादी पार्टी के तीन, बहुजन समाज पार्टी के तीन, कांग्रेस का एक और अपना दल के एक ब्राह्मण विधायक हैं। दो ब्राह्मण विधायक निर्दलीय चुने गए थे।इन आंकड़ों से ज़ाहिर है कि 2017 के प्रादेशिक चुनाव में ब्राह्मणों ने भाजपा का खुल कर समर्थन किया. लेकिन हाल में हुए कुछ घटनाक्रम से कुछ अलग तस्वीर निकल कर सामने आ रही है, अटकलों को बल मिल रहा है।ऐसे में सवाल उठने लगे कि अगर ब्राह्मणों का भरोसा पूर्णतः योगी सरकार में है तो फिर दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व की प्रदेश के कद्दावर ब्राह्मण नेताओं के साथ बैठक की ख़बरें क्यों आ रही हैं?
बरहाल यह तय है कि उप्र में बिना ब्राह्मणों के आशीर्वाद से कोई भी सत्ता में नही आ सकता । और यह सत्य सभी पार्टी जानती है। इसको लेकर सभी दलों ने ब्राह्मणों पर डोरे डालने शुरू कर दिए है।
(रिपोर्ट विभिन्न मीडिया रिपोर्टों और लोगो से बातचीत पर आधरित)