बिल्डिंग के फोटो छापने वाले अब एमएलए के ऑफिस में घुसकर ब्लेकमैल करने लगे
टाइगर कमांड (योगेश भारद्वाज)
दिल्ली :अगर नेताओं और बाबुओं के भ्रष्टाचार को लपक कर परोसने वाला मीडिया ख़ुद अपने पर उठे सवालों पर कन्नी काटता नज़र आएगा तो उससे हर ईमानदार पत्रकार का कद छोटा होगा। ऐसा अब अक्सर देखा जाने लगा है। पत्रकारिता के सम्मान और उसके रुतबे को देखकर 5 वीं फेल भी अखबार निकाल कर लोगो को ब्लेकमैल करने में जुट गए है। इन लोगो का जैसा चरित्र है वैसा ही इनका काम है। अव्वल इनको पत्रकारिता तो आती ही नहीं है,क्योंकि यह लोग सिर्फ लोगो को ब्लेकमैल करके सिर्फ चोथ उगाही में ही विश्वास करते है। यदि इनसे कहा जाए कि आपने से एक समाचार का इंट्रो लिखकर दिखा दे तो यह बगले झांकते नजर आयेंगे। बरहाल अब मामला इतना आगे बढ़ चुका है। कि यह चोथ उगाही करने वाले दल्ले अब दिल्ली के एमएलए को भी नहीं बख्स रहें है। ऐसा ही एक ताज़ा मामला सदर विधायक सोमदत्त के ऑफिस में हुआ है। जहां पहले से तैयार यह लोग अपना कैमरा लेकर एमएलए के ऑफिस में ऐसे घुसे चले गए जैसा की किसी सीबीआई टीम किसी के यहां छापा मारने जाती है। एमएलए, एमपी के कार्यालय की परिधि में पहले तो किसी भी प्रदर्शन कि अनुमति होती ही नहीं है,दूसरा आप बिना अनुमति लिए किसी एमएलए,एमपी के ऑफिस में घुसकर कैसे वीडियो बना सकते हो। यदि यही आपके घर में घुसकर किया जाए तो आप क्या करेंगे। पत्रकारिता को बदनाम करने के लिए आप यह कर सकते है,लेकिन पत्रकारिता में यह कही नहीं सिखाया जाता कि आप किसी कि निजता का हनन ही कर दो और ऊपर से पत्रकारिता कि दुहाई दो। क्योंकि अबसब पर उंगली उठाने वाला मीडिया खुद संदेह के घेरे में आया है।
असली ख़तरा यह नहीं है कि इससे पत्रकारिता बदनाम हो जाएगी। इस देश में ईमानदार पत्रकारों की कमी नहीं है।
देश के हर शहर के हर प्रेस-क्लब में हर कोई जानता है कि कौन कितने पानी में है, कौन किसकी जेब में है और कौन किसी भी लालच और धमकी से ऊपर है।पत्रकारिता को जांच के दायरे के भीतर लाने से एक नंबर और दो नंबर की पत्रकारिता में अंतर साफ़ होगा, ईमानदार मीडियाकर्मियों का सिर ऊंचा ही होगा।