महाकाल को गरीबो से किया दूर अमीरों से प्रीत, बाबा को दूर से निहारने देने होंगे 250 रुपए
– टाइगर कमांड
कलयुग के प्रथम चरण में अब देवो के देव महादेव के महाकाल को गरीबों से दूर किया जा रहा है। यहाँ अब 1 फरवरी से दर्शनों की व्यवस्थाओं में बदलाब किया गया है। महाकाल मंदिर प्रबंध समिति ने बाबा महाकाल के दर्शन के लिए अलग-अलग प्रकार के शुल्क लगा रखे हैं। हालांकि यह व्यवस्था कोई नई नहीं। हर दिन देश-विदेश से मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को यह व्यवस्था भ्रम में डाल रही थी, इसलिए प्रबंध समिति के जिम्मेदारों ने मंदिर परिसर में श्रेणी के हैं तो कोई अलग-अलग स्थानों पर बड़े-बड़े बोर्ड लगा दिए। इसमें दर्शन, पूजन और अभिषेक के बल्कि मंदिर समिति अलावा शीघ्र दर्शन व्यवस्था के लिए कितने। रुपए श्रद्धालुओं को देना होंगे, सब कुछ लिख रखा है। अधिकारियों की मानें तो इन बोर्ड को लगाने का उद्देश्य बस इतना सा है कि यहां किस-किस दर्शन-पूजन के लिए कितने रुपए देना होंगे, यह सब कुछ स्पष्ट रहे और इसमें किसी प्रकार से कोई भी व्यक्ति छलावे का शिकार न बने। महाकाल मंदिर में कोई छोटा-बड़ा नहीं, यह बात अब पुरानी हो गई। अब तो यहां कैटेगरी अनुसार काम होता है। यदि प्रोटोकॉल से आ रहे हैं। और वीवीआईपी शुल्क नहीं लगेगा। दुपट्टा ओढ़ाकर, आधा या एक किलो का लड्डू पैकेट देकर सम्मान करेगी। दो-तीन कर्मचारियों को साथ भेजकर गेट से लाने ले जाने की व्यवस्था पूरी तरह से नि:शुल्क रहेगी, लेकिन उसी प्रोटोकॉल में यदि आप सामान्य श्रेणी वाले हुए, तो आपको 250 रुपए तो देने ही हैं, बैरिकेड्स से ही दर्शन करने पड़ेंगे। इसके अलावा अन्य लोग जो थोड़े बहुत रसूखदार हैं, उनके लिए (4 और 5 नंबर) गेट फिक्स कर रखे हैं। इन दरवाजों के अलावा यदि दूसरे गेट से घुसे, या कोशिश भी की, तो वहां खड़े गार्ड ही आपको दुत्कार देंगे। ऐसा सलूक करेंगे, जैसे आपने कोई नियम तोड़ दिया है या तोडऩे का का प्रयास कर रहे हैं और गार्ड पूरी तत्परता से रोक रहा है।
इन लोगों को मिलेगी नि:शुक्ल दर्शन की सुविधा
उज्जैन महाकाल प्रबंध समिति ने 1 फरवरी से दर्शन की नई व्यवस्था लागू कर दी गई है। प्रोटोकॉल के माध्यम से साधु, संत, प्रेस क्लब के सदस्य, अधिमान्यता प्राप्त पत्रकार, सत्कार व्यवस्था के अंतर्गत इन लोगों को नि:शुल्क शीघ्र दर्शन व्यवस्था का लाभ मिलेगा। इसके जरिए ये लोग नि:शुल्क मंदिर में दर्शन कर सकते हैं। इसके लिए भी उन्हें पहले प्रोटोकॉल के लिए पॉइंट डालना होगा। इसके बाद उन्हें एक टोकन नंबर जारी किया जाएगा। वह टोकन नंबर दिखाकर प्रोटोकॉल ऑफिस से रसीद बनवानी होगी। इसके बाद दर्शन कर सकते हैं। इसके अलावा अतिविशिष्ट अतिथि शासन के प्रोटोकॉल की श्रेणी में आते हैं।
next post