दिल्ली

करोल बाग़ में DDA और MCD के अधिकारियो की मिलीभगत से रेजिडेंसल प्रोपर्टी का कॉमर्शियल प्रयोग

करोल बाग़ में DDA और MCD के अधिकारियो की मिलीभगत से रेजिडेंसल प्रोपर्टी का कॉमर्शियल प्रयोग
बिना फ्रीहोल्ड कराये ही बेच दिया गया  गेस्ट हाउस
टाइगर कमांड
दिल्ली : दिल्ली यूं तो अवैध निर्माणों की खबर आपको अक्सर पढने को मिलती ही रहती होगी लेकिन जब कोर्ट के आदेश के बाद भी किसी प्रोपर्टी का लैंड यूज़ ही बदल दिया जाए तो भला कानून का सम्मान कैसे होगा। ऐसा ही एक मामला करोल बाग़ में हुआ है और यह DDA की अधिकारियो की मिलीभगत के बिना संभव नहीं हुआ होगा। यहाँ एक गेस्ट हाउस को दिल्ली हाई कोर्ट ने वर्ष 1992 में ट्रेड लायसेंस जारी करने से मना कर दिया था। और इसे रेजिडेंसल बिल्डिंग बताया गया था। जबकि इस बिल्डिंग के मालिक एस एस सिक्का ने इस प्रोपर्टी को dda से बिना फ्री होल्ड कराये ही कॉमर्शियल रेट के हिसाब से दुकानदारों को बेच दिया। गफ्फार मार्केट के सामने 13/33, wea करोल बाग की इस समाप्ति को दिल्ली हाई कोर्ट ने यह कहते हुए वर्ष 1992 में रिजेक्ट कर दिया था कि इस समाप्ति पर ट्रेड लाइसेंस जारी नहीं किया जा सकता क्योंकि यह संपत्ति रेजिडेंसिअल हैं। लेकिन इस संपत्ति को कोर्ट की अवमानना करते हुए प्रोपर्टी के मालिक ने बिना लेंड यूज़ चेंज कराये ही कॉमर्शियल रेट पर दुकानदारों को बेच दिया। इस मामले में बिना dda के अधिकारियो की मिलीभगत के संभव ये नहीं हो सकता। इससे संबंधित सभी दस्तावेज और कोर्ट के ऑर्डर टाइगर कमांड के पास मौजूद है।

Related posts

दिल्ली में 4 दिसम्बर को MCD चुनाव 7 दिसम्बर को नतीजे, 1,46,73,847 वोटर

Tiger Command

PWD ने लिया गुलाबी बाग़ चेस्ट क्लीनिक के फुटपाथ के अतिक्रमण का स्वतः संज्ञान, हटेगी अवैध रूप से लगी दुकान

Tiger Command

सदर बाजार के 6 इलाके कंटेनमेंट जोन से बाहर शास्त्री नगर के तीन ब्लॉक अभी कंटेनमेंट जोन में

Tiger Command

Leave a Comment