दूसरों की बिल्डिंग की फोटो छापने वाले कथित पत्रकार की बिल्डिंग ही निकली अवैध, पार्किंग में चला रहा है कॉमर्शियल दफ्तर
टाइगर कमांड
दिल्ली : कहते है कि यदि दूसरों के बुरे के लिए कुआँ खोदा तो उसके लिए खाई भी तैयार हो जाती है। ऐसा ही एक मामला शास्त्री नगर में देखने को मिला है। यहाँ एक कथित अखबार का संपादक जो यहाँ के लोगो के बनते मकान को अवैध बताकर उनकी फोटो अपने कथित अखबार में छापता था। अब उसकी बिल्डिंग भी अवैध निकली है, निगम के बिल्डिंग बायलॉज के अनुसार उसकी यह बिल्डिंग किसी भी मानक पर खरी नहीं उतरती है। यही नहीं यह अखबार की आड़ में पार्किंग में कॉमर्शियल ऑफिस का भी संचालन कर रहा है। इसकी पूरी पोल एक जगदीप सिंह के नाम के व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर खोल कर रख दी है। उसके अनुसार इस बिल्डिंग छाप कथित अखबार के स्वामी और संपादक ने अपनी 27 गज की बिल्डिंग को अवैध रूप से 5 मंजिल तान दिया है। और इसकी पार्किंग को कॉमर्शियल ऑफिस के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। सोशल मीडिया पर बताया गया है कि इस अवैध बिल्डिंग को बनबाने में यहाँ के नगर निगम जे ई की पूरी पूरी मदद रिश्वत के दम पर ली गयी और कुछ अखबार की हेकड़ी दिखाकर। बरहाल अब आलम यह है कि यह कथित संपादक जब तक दूसरों की बिल्डिंग को अवैध बताकर साबित करने में जुटे रहते थे तब तक तो और लोग गलत कर रहे थे और नगर निगम के अधिकारी आँखे मुदे पड़े थे और जब तक निगम के अधिकारी उस बिल्डिंग ले लेंटर में पंचर नहीं कर देते थे । तब तक यह कथित संपादक उनकी और बिल्डिंग की फोटो छाप छाप कर रातों की नींद हराम कर देता था। अपने लेटर पेड पर लिख लिख कर नगर निगम और पुलिस को भी चैन नहीं लगने देता था। लेकिन आज जब किसी ने इसकी अवैध बिल्डिंग की पोल खोल दी है। तो देखना बाकी है कि अब नगर निगम के जे ई सहित उच्च अधिकारी और पुलिस इस मामले में क्या कार्यवाही करती है। शेष बाद में ……
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