वीगन इंडिया मूवमेंट द्वारा आयोजित किया गया ट्वीटथॉन “पशु कुर्बानी पर प्रतिबन्ध” ट्विटर पर ट्रेंड किया
26 जुलाई को, देश भर के पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने ट्विटर प्लेटफॉर्म का उपयोग पशुओं के बलिदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए किया। यह ईद-अल-अधा के वार्षिक उत्सव से तीन दिन पहले किया गया। सदियों से मनाई जाने वाली एक रस्म के रूप में अल्लाह को खुश करने के लिए दुनिया भर में लाखों पशुओं की क़ुरबानी दी जाएगी। पशु अधिकार कार्यकर्ताओं का संदेश बिलकुल स्पष्ट था – कभी भी कोई भी अल्लाह/भगवान अपने ही द्वारा बनाई हुई कृतियों की हत्या से प्रसन्न नहीं होगा। देश भर में सैकड़ों कार्यकर्ता ने “कुर्बानी आप उनकी दें जो आपको प्रिय हो, ना कि किसी निर्दोष पशु की” जैसे संदेशों के साथ कल ट्वीट किया ।
इसी तरह के संदेश लेकर कई अलग भाषाओं में भी ट्वीट किए गए।
हैशटैग #BanAnimalSacrifice के लगभग….. से ज़्यादा ट्वीट्स हुए और ट्विटर पर यह चार घंटे तक ट्रेंड किया।
इस ट्वीटथॉन कार्यक्रम को वीगन इंडिया मूवमेंट द्वारा आयोजित किया गया, जो देश भर में भारत में मूल स्तर पर वीगन कार्यकर्ताओं की एक पहल है जो पशु अधिकारों और वीगन (पूर्णत: शाकाहारी) के बारे में जागरूकता बढ़ाती है। वीगनिस्म हमारे समय का सबसे तेजी से बढ़ता सामाजिक न्याय आंदोलन है। वीगन विचार धारा के लोग जानवरों के प्रति जानबूझकर नुकसान पहुंचाने से बचते हैं और जानवरों का शोषण करने वाले उद्योगों का समर्थन नहीं करते हैं। ये लोग मांस, चमड़ा, अंडे, शहद, पशुओं से प्राप्त दूध, डेयरी उत्पादों, जानवरों पर परीक्षण किए गए उत्पादों का उपयोग या सेवन करने से परहेज करते हैं, और मनोरंजन, कपड़े, या किसी अन्य उद्देश्य के लिए भी जानवरों का उपयोग करने के खिलाफ हैं।
इस ट्वीटथॉन से पहले, वीगन इंडिया मूवमेंट ने वर्तमान महामारी की स्थिति के कारण हाल के दिनों में कई ऑनलाइन अभियान चलाए हैं।
कई ट्वीट्स ने इस तथ्य को भी उजागर किया कि कुछ क्षेत्रों में पशु कुर्बानी/बलि की रस्म ग़ैरक़ानूनी है।
स्थानीय कार्यकर्ताओं में से एक, (नाम) ने कहा, “हमें उम्मीद है कि लोग इस अभियान के द्वारा दिए गए इस सन्देश को समझेंगे कि पशु कुर्बानी/बलि की यह रस्म पूरी तरह से अनावश्यक है और निर्दोष पशुओं पर पीड़ा है।”