जे ई के संरक्षण में सरकारी जमीन पर खड़ी हो गई करोड़ों की बिल्डिंग
कूड़ा घर को ही मिलकर बेच दिया नगर निगम के जेई और बिल्डरों ने
दिल्ली में अवैध निर्माणों के समाचार तो आप आए दिन सुनते ही रहते होंगे लेकिन जब एक कूड़ा घर पर ही निगम के जेई के संरक्षण में बिल्डर अरबों की संपत्ति खड़ी कर दे तो उसे आप क्या करेगा ऐसा ही एक मामला मध्य दिल्ली के शास्त्री नगर में हुआ है। यहां एफ 16 के 30 गज के एक कूड़ा घर पर 110 गज की करोड़ों की बिल्डिंग खड़ी हो गई है। लोगों ने बताया है कि इस इलाके के जेई को इसकी एवज में करोड़ों में मैनेज कर लिया गया है।
एफ 16 प्लॉट की 30 गज की जमीन जिसके कागजी फर्जी है…
इलाके के लोगों के अनुसार इस जगह के कागज ही फर्जी हैं। असल में आज से 30 40 साल पूर्व इस जगह पर एक खात्ता था जिस पर लोग कूड़ा फेंका करते थे और यह जगह 30 गज के आसपास के तिकोना प्लॉट थी।
बारफो देवी के नाम से इस प्लॉट के कागज थे जिसमें इस जगह का गज का जिक्र नहीं था असल में इस विवादित जगह के कागज किसी पर बार्फो देवी के नाम थे जिसमें भी इस जगह के गज का उल्लेख था ही नहीं। स्थानीय निवासियों के अनुसार यह तो तिकोनी जगह थी जो लगभग 30 गज के आसपास थी|
बर्फ देवी के बाद कांति के नाम कागज कैसे हुए…
दूसरी बात इस जगह के कागज बर्फी देवी के बाद कांति पत्नी फतेह सिंह के नाम हो गए और कांति ने यही कागज फतेह सिंह को कर दिए जबकि यही कागज फतेह सिंह ने अपनी बेटी मिथिलेश को कर दिए थे और मिथलेश ने इस जगह की एक एन ओ सी श्याम अनिल विजय राकेश और राजेश ने ले ली थी जबकि इस सब प्रकरण में यह कहीं भी स्पष्ट नहीं हुआ कि यह जगह असल में कितने गज थी। जबकि इस जगह पर निर्माण 110 गज में हो रहा है जांच का विषय यह है कि किन कागजों के आधार पर यह जगह 110 गज हो गई और किसके के आदेश पर इस जगह का बिल्डिंग प्लान पास हो गया|
जेई और बिल्डिंग विभाग की भूमिका संदिग्ध मोटी घूस का खेल…
बरहाल इस मामले में पता चला है कि इस बिल्डिंग में करोड़ों की रिश्वत का खेल चला है और यहां के जेई के साथ बिल्डिंग विभाग को मोटी घूस चढ़ाई गई है|
इस जगह के और भी है दावेदार…
अब इस विवादित जगह को लेकर एक नई बात और सामने आई है पता चला है कि इस जगह में असल वरिसो में से और भी दावेदार मौजूद है उसका उल्लेख हम आगे करेंगे|