MCD बोले तो Most Corrupt Department गरीबों के तोड़ते मकान, अमीरों पर कार्यवाही कब एल जी साहब?
– योगेश भारद्वाज
नई दिल्ली : दिल्ली के एलजी साहब ने लापरवाही, वित्तीय अनियमितताओं के लिए एमसीडी के 6 अधिकारियों को अभी कुछ दिनों पहले निलंबित किया था। जिससे साफ जाहिर होता है। कि MCD में भ्र्ष्टाचार किस कदर अपनी जड़े जमा चुका है। एलजी ने भले ही करोल बाग जोन में यह कार्यवाही की हो लेकिन ऐसा हाल दिल्ली के सभी जोनों का है। सबसे ज्यादा भ्र्ष्टाचार MCD के बिल्डिंग,स्वास्थ, लाइसेन्सिंग विभागों में होता है। अब जब खुद एल जी साहब को निर्देश देकर इन भृष्ट अधिकारियों को निलंबित करवाना पड़ रहा है। तो सोचिए दिल्ली का एक आम नागरिक अब तक MCD के इन भ्र्ष्टाचार से कैसे जूझ रहा होगा।
एल जी साहब! मकानों से जे ई और बेलदारों की प्रति लेंटर बंधी है रकम..जो दे उसका भला और जो ना दे उसका कबाड़ा..?
एल जी साहब जैसा कि सभी को पता है कि दिल्ली में लगभग हर क्षेत्र में अनधिकृत अवैध निर्माण होते है। लेकिन यह अवैध निर्माण हो ही क्यो जाते है? साहब जोन के बिल्डिंग जे ई से लेकर ऊपर तक का हिस्सा बंधा होता है। और इस उगाही को करता है बेलदार। मतलब बेलदारी का काम अब नही होता इसका काम बिल्डरों से अवैध उगाही का रह गया है। लगता है अब MCD को बेलदार की जगह इस पोस्ट का नाम रिकवरी एजेंट रखना होगा। वही जे ई जो इंजीनियरिंग करके आता है, यदि वो दिल्ली के किसी भी बिल्डर फ्लैट से कानूनन और DMC ACT के तहत गुणवत्तापूर्ण निर्माण सामग्री,भूकंप रोधी मानकों,हार्वेस्टिंग सिस्टम,जल निकासी सहित सही मानकों की जांच करके ओके रिपोर्ट दे रहा है। तो धन्य है उसकी इंजीनियरिंग और महान है उसका काम, दिल्ली के किसी भी बिल्डर फ्लैट को यदि नियम कानून से नही बनाया जा रहा है। तो वो सिर्फ जे ई के कारण नही बनाया जा रहा है। यदि बारिशों में दिल्ली की कोई बिल्डिंग गिरती है तो उसकी जिम्मेदारी जितनी और महकमों की है तो उससे कही ज्यादा जिम्मेदारी MCD के जे ई की होती है। खैर नियम कानूनों की आड़ में दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों और यू आर क्षेत्रो से खूब अवैध निर्माण जे ई और बिल्डरों की साठगांठ से हो रहे है।
फाइलों के खेल से जे ई कर देते है खेल..
सबसे बड़ा खेल फाइलों का अवैध निर्माणों में होता है। यह फाइलों की जांच की जाए तो नज़ारा कुछ और ही निकलेगा। बिल्डर की बिल्डिंग बनेगी जे ई की सेटिंग से जबकि फाइलों में रिपोर्ट होगी कुछ और।
शास्त्री नगर के A-76 और A- 825 की बिल्डिंग जे ई के भ्र्ष्टाचार की मिसाल…
जैसे सिटी सदर पहाड़गंज जोन के शास्त्री नगर वार्ड को ही ले ले यह वार्ड यू आर है। और नियम कानून भी वैसे ही है इन्ही नियम कानूनों से जे ई खेल करते है। कैसे, जैसे A-76 बिल्डिंग वर्ष 2014 में बुक हुई और इसको खाली कराने के आदेश वर्ष 2022 में हुए 8 साल बाद निगम ? खैर भ्र्ष्टाचार का नमूना देखिये अब जब खाली कराकर बिल्डिंग को सील करने की कार्यवाही होनी थी तो उसको भी अब तक 6 महीने बीत चुके है? जबकि इन 6 महीनों में 60 मकानों पर MCD का हथौड़ा चल चुका है। फिर यह A-76 बिल्डिंग को किसके दबाब में रोक गया है? सूत्रों ने बताया है कि चूंकि बिल्डिंग भाजपा का एक जिला पदाधिकारी बैठता है। इसलिए इस बिल्डिंग को अमर होने का वरदान MCD के अधिकारियों को भाजपा के द्वरा दिया गया है? इसका मतलब यह हुआ कि जिस अवैध बिल्डिंग में भाजपा का कोई पदाधिकारी बैठेगा वो बिल्डिंग वैध हो जाएगी? यदि नही तो अभी तक कार्यवाही क्यो नही?
दूसरा प्रत्यक्ष सबूत A-825 बिल्डिंग इसको भी भाजपा का ही एक मंडल पदाधिकारी बना रहा है। कमाल देखिये इस बिल्डिंग में आगे फ्रंट से भी MCD की सड़कों को घेरकर छज्जे निकाले गए है। तो पीछे गली में भी MCD की जमीन पर छज्जे निकाल लिए गए है? क्या सारे नियम कानून सिर्फ गरीब लोगों के लिए है! यदि ऐसा नही है तो फिर खत्म कर दीजिए बिल्डिंग विभाग को सभी के मकान वैध कर दीजिए।