भाजपा शास्त्री नगर मंडल कार्यकारणी बैठक बनी फ्लॉप शो,मात्र 20-25 लोग रहे मौजूद
– जिस बैनर पर था महामंत्री का फोटो वो खुद बैठक में मौजूद नही
– मंडल अध्यक्ष भाजपाइयों को जोड़ने में रहे असफल
– टाइगर कमांड
शास्त्री नगर: जिस तरह से दिल्ली के राजेन्द्र नगर विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की करारी हार हुई है। उसका नतीजा सीधा सीधा संगठन और भाजपा की रणनीति से जोड़ा जा रहा है। ठीक उसी तरह से दिल्ली में केजरीवाल की राजनीति के सामने भाजपा की राजनीति बौनी साबित हो रही है। कारण साफ है भाजपा का कुनबा ही इतना बढ़ गया है। कि इसमें खुद अंतर्द्वंद्व चल रहा है। ऐसा ही एक मामला जिला चाँदनी चौक भाजपा के शास्त्री नगर मंडल से सामने आया है। यहाँ आज मंडल की कार्यकारणी बैठक में महज 20 से 25 लोग ही नज़र आये। जबकि इस मंडल में गाजर मूली की तरह पद बाटे जा रहे है यदि अनुमान लगाया जाए तो अकेले मंडल में ही दर्जनों पद लोगो के पास है। उसके बाद भी मंडल अध्यक्ष के नेतृत्व में महज 20 से 25 लोगो का जुटना उनकी संगठन और नेतृत्व शैली पर सवाल खड़ा करता है।
जिस मंडल महामंत्री ने बैकड्रॉप बेनर में अपना फ़ोटो लगाया वो भी नही आया..
बहुत ही हैरत की बात तो यह रही कि जिस एक मंडल महामंत्री का बैनर में बड़ा फ़ोटो लगाया गया था। वो खुद बैठक में मौजूद नही था।
युवा मोर्चा की पूरी टीम नदारद…
दूसरी सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये की मंडल की युवा मोर्चा की लगभग पूरी टीम ही इस बैठक से नदारद नज़र आई। जो कि मंडल अध्यक्ष की कार्यशैली पर बहुत बड़ा प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है।
प्रदेश,जिले की टीम में है कई स्थानीय पदाधिकारी, एक भी नही आया…
तीसरा महत्वपूर्ण पहलू की इस बार शास्त्री नगर से प्रदेश और जिले की टीम में कई महत्वपूर्ण पदों पर स्थानीय लोग है। लेकिन उनमें से एक भी इस बैठक में नही आया। या बुलाया नही गया ये तो भाजपा ही बता सकती है। लेकिन इतना जरूर है कि इस तरह की फूट से भाजपा शास्त्री नगर से कभी चुनाव जीत पाएगी कहना मुश्किल है। क्योंकि जब संगठन ही कमजोर नेतृत्व में होगा तो चुनाव कैसे जीता जाएगा कहना मुश्किल है।
आंख के अंधे नाम नैनसुख कहावत कहने वाले मंडल अध्यक्ष को नज़र क्यो नही आता…
भाजपा शास्त्री नगर मंडल अध्यक्ष यू तो राष्ट्रवादी, निष्पक्ष और निडर पत्रकारों को आंख का अंधा बोल देते है। लेकिन उनका मंडल खुद कमंडल होता जा रहा है। वो उनको नज़र नही आता