शांती वीरों को क्रांतिवीर न बनाये सरकार ”
#जंतर-मंतर पर गरजे भावी डॉक्टर
#किया अनशन , स्वदेश में ही मांगा आगामी शिक्षा का अधिकार
दिल्ली/अलीगढ़। यूक्रेन से लौटे भारत के भावी डॉक्टरों ने दिल्ली स्थित जंतर-मंतर पर युवा गर्जना के साथ अनशन रख धरना दिया और संवैधानिक अधिकार के तहत शेष मेडीकल शिक्षा स्वदेश में ही पूर्ण करवाने की मांग पुनः उठाई।
साथ ही सरकार को आगाह करते हुए कहा कि शांति वीर बने हुए भावी डॉक्टरों को क्रांति वीर न बनाये सरकार,क्योंकि अब धैर्य की परीक्षा बहुत हो चुकी है।
देश के 10 राज्यों से आये 37 यूक्रेन रिटर्न्ड मेडिकल स्टूडेंट्स ने सुबह 9 बजे जंतर-मंतर पहुंच कर सांय साढ़े चार बजे तक धरना स्थल पर अनशन रखा फिर पैदल मार्च निकाल कर पीएम नरेंद्र मोदी के नाम सम्बोधित एक ज्ञापन सरकार के प्रतिनिधि को सौंपा।इस दौरान पेरेंट्स एसोसिएशन ऑफ यूक्रेन एमबीबीएस स्टूडेंट्स(पीएयूएमएस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरबी गुप्ता, राष्ट्रीय महासचिव पंकज धीरज ,यूपी कॉर्डिनेटर डॉ विश्व मित्र आर्य,डॉ मनवीर सिंह, आमोद उपाध्याय, भानु प्रताप सिंह आदि सहित दो सौ से अधिक माता-पिता उपस्थित रहे।
धरने में अभिभावकों ने कहा कि चार माह बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार द्वारा अभी तक भारत के भावी डॉक्टरों के प्रति कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है,अगर ऐसा ही रहा तो कर्ज लेकर बच्चों को पढ़ाने बाले अभिभावक ,आत्मदाह का कदम उठाने पर मजबूर होंगे, जिसकी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।वक्ताओं ने यहां तक कहा कि बारह हज़ार ऐसे स्टूडेंट्स से संबंधित 40 लाख भारतीय वोटर ,आगामी चुनावों में ‘ नोटा ‘ का प्रयोग भी कर सकते हैं।
ज्ञात रहे कि यूक्रेन युद्ध से बापस लौटे अपने मेडिकल स्टूडेंट्स को पाकिस्तान, घाना व इसराइल देश अपने यहां कॉलेजों में प्रवेश दे चुके हैं, जबकि भारत में घोषणा के बाद भी अभी तक ऐसा आदेश नहीं हुआ है। धरना व अनशन में अलीगढ़ से ऋत्विक वार्ष्णेय, फाल्गुनी धीरज,सार्थक उपाध्याय आदि शामिल रहे।