पोस्टर लगाकर दीवारों को बदरंग किया तो लगेगा पांच हजार रुपये जुर्माना, शास्त्री नगर होर्डिंग और पोस्टरों से बदरंग
टाइगर कमांड
नई दिल्ली : दिल्ली संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम होने के बाद भी बहुत लोगो को इसका कतई भी ख़ौफ़ नहीं है। तभी दिल्ली जैसे शहर में भी खासतौर से नेतागण सरकारी सम्पति और नागरिको के घरों की दीवारों आदि पर पोस्टर होर्डिंग लगा कर शहर और वार्डो को बदरंग करने से बाज नहीं आते है। ऐसा ही कुछ आजकल शास्त्री नगर में भी देखा जा रहा है। यहाँ नगर निगम बार बार अभियान चला कर थक चूका है। लेकिन यह कुछ ऐसे होर्डिंगबाज और पोस्टरबाज हैं। जो निगम द्वारा इन अवैध हॉर्डिंग और पोस्टरों को हटाया जाता है। लेकिन फिर दोबरा उन्ही होर्डिंग प्रेमियों द्वरा यह सब लगा दिए जाते हैं। वो चाहते ही नहीं है, कि शहर सुंदर बना रहे। शास्त्री नगर में तो कुछ संस्था वाले तो इतने बेशर्म है। निगम द्वारा हॉर्डिंग हटाने के बाद भी बेशर्मी के साथ हॉर्डिंग टांग दिए जाते हैं। मानो की वह वार्ड की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हो। लेकिन दीवारों को गंदा करने वालों की अब खैर नहीं। दरअसल, स्थानीय एसडीएम और नगर निगम के क्षेत्रीय सहायक आयुक्त इस संबंध में कार्रवाई करने के लिए प्राधिकृत होंगे। खास बात यह होगी कि अब दीवारों पर पोस्टर लगाने पर न्यूनतम जुर्माना पांच हजार रुपये का होगा।
दिल्ली सरकार ने दिल्ली संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम-2007 के तहत सार्वजनिक रूप से संपत्ति के विरूपण संबंधित अपराधों को रोकने के लिए अधिकारियों की नियुक्ति /प्राधिकृत करने की अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार दिल्ली सरकार के क्षेत्राधिकार में होने वाले किसी भी संपत्ति विरूपण संबंधी अपराध को रोकने के लिए उप मंडलीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) कार्यवाही करेंगे, वहीं नगर निगम के क्षेत्राधिकार में इस कार्य के लिए क्षेत्रीय सहायक आयुक्त को प्राधिकृत किया गया है।
इसके साथ ही यह दोनों अधिकारी अधिनियम की धारा 3 के अनुसार संपत्ति विरूपण करने वालों के खिलाफ संपत्ति के विरूपण किए जाने से पहले या बाद में कार्यवाही कर सकते हैं। इन्हें संपत्ति विरूपित करने वाले अपराधियों पर पांच हजार का जुर्माना या विरूपित संपत्ति को साफ करने के लिए आने वाले खर्च के बराबर जुर्माना लगाना के अधिकार होगा। उत्तरी दिल्ली नगर निगम अपने क्षेत्राधिकार में संपत्ति के विरूपण को रोकने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। निगम द्वारा ऐसी पोस्टर वॉल विकसित करने के लिए दीवारों की पहचान की जा रही है, जहा नागरिक वैधरूप से पोस्टर चिपका सकें। उन्होंने कहा कि अधिकृत दीवारों के अलावा यदि अन्य स्थानों पर पोस्टर लगाए जाते हैं तो उक्त अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।