नई दिल्ली (योगेश भारद्वाज) कोविड-19 की गंभीर महामारी या यूं कहें कि सदी की सबसे बड़ी कयामत पर अब तक दुनिया के हाथ खाली है किसी के पास अभी तक इस माहवारी की दवा नहीं है लेकिन दावे सभी कर रहे हैं । भारत में आंकड़े 11 लाख के पार हो गए हैं। और सभी सरकार के साथ पूरा नौकरशाह कह रहा है। कि भारत में स्थिति कंट्रोल में है। इन सब में सबसे आगे दिल्ली है जहां के सीएम कह रहे हैं कि दिल्ली में रिकवरी रेट 80% से ऊपर है। लेकिन हैरान करने वाली बात यह है। कि आखिर वह दिल्ली का कौन सा डाटा बता रहे हैं जिस पर रिकवरी रेट 80% से ऊपर आ गया है दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग से लेकर डीएम तक के पास वो कौन से आंकड़े हैं जिस पर दिल्ली सरकार इतना दम भर रही है। दिल्ली में जहां लोग टेस्टिंग कराने आने से कतरा रहे हो और दिल्ली के 11 जिलों में कंटेनमेंट जोन की संख्या 678 पार हो गई हो। तो ऐसे में रिकवरी रेट अपने आप में हैरान करता है। बरहाल who के चेतावनी भारत को डराती है। Who के मुताबिक अगले दिनों में भारत में मामले और तेजी से होने कि संभावना है। कई विशेषज्ञ तो अब इसे सामुदायिक संक्रमण से जोड़कर देख रहे है। लेकिन सरकार से इंकार कर रही है। लेकिन दिल्ली में कोरोना पॉजिटिव मरीजों के आंकड़ों पर कौन सा फार्मूला काम कर रहा है यह तो दिल्ली सरकार को ही पता होगा लेकिन इतना तय है कि लोगों में कोरोना डर है। इतना है कि वह हल्के लक्षण होने के बजाय घर पर खुद ही इलाज कराना बेहतर समझ रहे हैं। ऐसे में दिल्ली सरकार को डांटा पर प्रश्नचिन्ह तो लगता ही है दूसरा कोरोना डाटा मीडिया के साथ शेयर नहीं किया जा रहा है।जबकि दूसरे राज्यो में डीएम स्तर पर डाटा मीडिया के साथ शेयर किया जा रहा है। जिसका लाभ सरकार को मिल भी रहा है लेकिन दिल्ली सरकार क्या छुपाना चाहती है यह समझ से परे है।
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