दिल्ली : आकाशवाणी, दिल्ली और पी जी डी ए वी कॉलेज (सांध्य), दिल्ली विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान तथा ऐथना साहित्यिक समिति के संयोजन में महाविद्यालय के सभागार में “मेरा पहला वोट, देश के लिए” की थीम पर राष्ट्रीय हास्य कवि सम्मलेन का आयोजन किया गयाI कार्यक्रम का शुभारंभ दीपप्रज्वलन से हुआ। डॉ. योगेश शर्मा ने मंत्र उच्चारण किया। इस कार्यक्रम में देश के प्रतिष्ठत कवियों ने शिरकत की जिनमें सुविख्यात कवि अनिल अग्रवंशी, सुनहरी लाल ‘तुरंत’, डॉ. ज्योति उपाध्याय, राष्ट्रीय कवयित्री सीमा रंगा इन्द्रा जी सहित प्राचार्य प्रोफेसर रवीन्द्र कुमार गुप्ता, आकाशवाणी दिल्ली के कार्यक्रम प्रमुख श्री मनोहर सिंह रावत, आकाशवाणी, दिल्ली के कार्यक्रम समन्वयक श्री राम अवतार बैरवा एवं ऐथना साहित्यिक समिति के संयोजक डॉ. पवन कुमार उपस्थित रहे। कार्यक्रम के प्रारंभ में डॉ. ज्योति उपाध्याय ने मधुर कंठ में सरस्वती वंदना का काव्य पाठ किया व मन से मन की बातें मन को कहने दो, मीरा जैसी पीर हृदय को सहने दो, हरि रंग गुलाबी है भाग्य पिया के बालम नैन शराबी हैं, होली मतवाली है रंग लगाए जीजा को साली है इत्यादि अनेक कविताओं के माध्यम से सभी का मन मोह लिया। अन्तराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त प्रतिष्टित कवि डॉ. अनिल अग्रवंशी जी ने अपनी व्यंग्यात्मक कविताओं के माध्यम से धारा 370, तीन तलाक, हलाला, नोटबंदी और महिला सशक्तिकरण के लिए उठाये गए कदमों की जमकर प्रशंसा की तथा क्या पता था इतनी कड़क बनेगी चाय, एक बार पीने से ही मुंह जल जाएगा आदि व्यंग्य से भरी अनेक कविताओं से सभागार मे उपस्थित सभी को हंसा – हंसाकर लोटपोट कर दिया। उनकी कविताएँ सामाजिक संदेशों से भी भरी हुई थीं। छात्रों के लिए टेंशन मत लेना, बहनों को पंख दोगे तो उड़ कर दिखाएंगीं, आजकल के बच्चे न जाने किस तनाव में रहते हैं, मां-बाप का प्यार कंप्यूटर लैपटॉप मे बंटते देखा है इत्यादि अनेक कविताओं के माध्यम से सभी को हंसने पर मजबूर कर दिया। कवि सुनहरी लाल वर्मा ‘तुरंत’ ने हास्य व्यंग्यों की छड़ी लगा दी। प्यार ही प्यार लुटाओगे तो मजा आएगा, थोड़ा हमको भी निभाओगे तो मजा आएगा, जैसे मछुवारे मछलियों को फंसा लेते हैं, होली के रंग, रंग बरसे बरसाने में.. इत्यादि अनेक अपनी प्रसिद्ध कविताओं के माध्यम से पूरे सभागार को हास्यमय बना दिया। सीमा रंगा इन्द्रा ने न झूठे तुम अगर होते सहारा मिल गया होता, जैसी कविताओं के साथ ही अपने हरियाणवी लहजे में सभी को आनन्दित किया। कवयित्री सीमा रंगा इन्द्रा की कविताओं में विवाह के कुछ दिनों बाद के प्रेम पर तथा पुरुषों के लिए अनिवार्य कार्यों के आलोक में अनेक व्यंग्यात्मक कविताओं का सस्वर वाचन कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दियाI कार्यक्रम में प्रतिष्ठित कवि डॉ. अशोक चक्रधर आमंत्रित थे किन्तु विदेश में होने कारण कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हो सके|आकाशवाणी तकनीकी टीम से श्री अशोक कुमार मिश्रा जी अपनी ओबी टीम के साथ रिकॉर्डिंग के कार्य में संलग्न रहेI पी जी डी ए वी कॉलेज (सांध्य) के प्राचार्य प्रोफेसर रवीन्द्र कुमार गुप्ता ने अपने पाथेय में कहा कि “मानसिक स्वास्थ्य बेहद जरुरी हैI मेंटल वेल्बिंग के लिए स्वयं को प्रसन्न रखना होगा, यदि हम प्रसन्न रहेंगे, सहज रहेंगे तो जो भी कार्य करेंगे उसमे सफलता प्राप्त होगी| हमारे अंदर बसे बच्चे को हमें जीवित रखना होगा तभी हम इस संसार में सुखी रह सकते हैं। उन्होंने छात्रों के अनुशासन व आचरण की भूरिशः प्रशंसा की।” मंच संचालन छात्र रजनीश शुक्ल एवं कवयित्री सीमा रंगा इन्द्रा द्वारा किया गयाI ऐथना साहित्यिक समिति के संयोजक डॉ. पवन कुमार ने ‘हम दीवानों की क्या हस्ती, हैं आज यहाँ कल वहाँ चले, मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले’ कविता का सस्वर वाचन किया एवं सभी का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में प्रो. संजय कुमार, प्रो. हरीश अरोडा, डॉ. विपिन प्रताप, प्रो. मीना शर्मा, प्रो. राजकुमारी पाण्डेय, सहित अनेक प्राध्यापक व छात्र भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के संयोजन में सुश्री रिम्मी जैन, डॉ. ललिता, डॉ. हरि प्रताप, डॉ. नैंसी, डॉ. आनंद, डॉ. डिम्पल, डॉ. जुलिका, डॉ. सुन्दरम, डॉ. तरुण, डॉ. कुलदीप, श्री विकास जी रहे| ऐथना साहित्यिक समिति के अध्यक्ष अनुज, उपाध्यक्ष शरण्यम और तान्या श्री, अमितेंद्र, आदर्श, संभव, कशिश तथा समिति के प्रत्येक सदस्य ने अपना सहयोग देकर कार्यक्रम को सफल बनाया।