MCD में चुनना था मेयर चल गई चेयर, लोकतंत्र का हुआ चीरहरण,भीष्म फिर चुप ,धृतराष्ट्र फिर भारी
– योगेश भारद्वाज
दिल्ली : जिस तरह से महाभारत में भीष्म के चुप रहने से महाभारत हो गयी थी। ठीक उसी तरह से आज भीष्म के रूप में वो आईएएस अधिकारी रहे जिनको सभी कानून पता है। लेकिन राजनीति की विसात में वो फसना ही नही चाहते। इसलिए धृतराष्ट्र फिर भारी है। बरहाल आज जहाँ दिल्ली निगम चुनावों में जनता ने एक पार्टी को बहुमत देकर और दूसरी को विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया हो तो ऐसे में सदन में मेयर चुनने की जगह चेयर चुनना बहुत ही अशोभनीय है। आज दिल्ली के सिविक सेन्टर में यही हुआ। यहाँ वैसे तो बहुमत आम आदमी पार्टी के पास है लेकिन पेंच एल जी द्वारा मनोनीत 10 पार्षदों को चुने हुए पार्षदों से पहले शपथ दिलाने पर फस गया और यह बात इतनी हो गयी कि यहाँ देखते ही देखते पूरा सदन महाभारत जैसे युद्ध के मैदान में बदल गया।
दिल्ली में मेयर पद के चुनाव के लिए शुरू हुई नगर निगम की कार्यवाही को हंगामे के बाद स्थगित कर दिया गया. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी और आम आदमी पार्टी के पार्षदों में जमकर हाथापाई और मारपीट हुई. इस बीच सदन में कई पार्षदों को कुर्सियां उठाकर एक-दूसरे को मारते हुए भी देखा गया. टेबल पर खड़े होकर पार्षदों ने पीठासीन अधिकारी के सामने जमकर नारेबाजी की. इसके बाद दोनों पार्टियों की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।
नगर निगम की कार्यवाही में आज दिल्ली के मेयर का चुनाव होना था, लेकिन उससे पहले पीठासीन अधिकारी को चुना गया और उसके बाद पीठासीन अधिकारी ने सबसे पहले मनोनीत पार्षदों को शपथ लेने के लिए बुलाया. इसको लेकर आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया. जैसी ही पीठासीन ने मनोनीत पार्षदों ने बुलाया, आप नेता मुकेश गोयल ने खड़े होकर इसका विरोध करते हुए कहा कि ऐसा तो बीते 15 साल से होते हुए आया है, अब इसको बदलना होगा।