डीएवीपी की नई विज्ञापन नीति,प्रेस पर सेंसरशिप वापिस ले सरकार : आसिफ
नई दिल्ली : डीएवीपी ने एक बार फिर अपनी विज्ञापन नीति को बदल कर यह जाहिर कर दिया है।की अब देश में सरकार कि और से प्रेस पर सेंसरशिप लागू कर दी है यह नीति पिछले 3 सालो में दूसरी बार बदली गई। यह प्रेस की आज़ादी का गला घोंटने के समान है। सरकार इसको तुरंत वापिस ले नहीं तो प्रेस की आज़ादी के लिए ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट आंदोलन करेगी।यह कहना है। ऑल इंडिया माइनॉरिटी फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष एस एम आसिफ का उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुखद हे की जिन लघु और मध्यम समाचार पत्रों ने देश की आज़ादी से लेकर आज तक लोकतंत्र की आवाज को जिंदा रखा आज उन्हीं का गला नई और दमनकारी विज्ञापन नीति बनाकर घो टा जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले सरकार ने विज्ञापन नीति बनाकर अंको की और एजेंसी लेने की शर्ते थोपी गई जब उनको भी पूरा किया गया तो सरकार ने अब ऐसी दमनकारी नीति बना दि जिससे कि देश में लघु और मझौले अख़बार बंद ही हो जाए।यह ग़लत है। सरकार ने अगस्त 2020 से जिस नई विज्ञापन नीति को लागू करने की बात की हे उसके
पैरा 12.1 के अन्तर्गत किया गया संशोधन पूरी तरह से काला कानून है।और यह प्रेस की आज़ादी को खतरे में डालता है। आसिफ ने कहा कि यह तो एक तरह से देश से लघु और मझौले अख़बार को समाप्त करने की सोची समझी चाल है। जिससे प्रेस की आज़ादी के साथ लोकतंत्र का चौथा स्तंभ भी टूट कर गिर जाएगा। आसिफ ने कहा कि उनकी पार्टी की मांग है कि सरकार अपने इस दमनकारी फैसले को तुरंत वापिस ले।