हमेशा हारा है शास्त्री नगर में बाहरी प्रत्याशी, भाजपा के लिए हार का कारण बन सकता है बाहरी प्रत्याशी
– योगेश भारद्वाज
दिल्ली : नगर निगम चुनावों मे सीट रोटेशन के बाद कई नेताओं का राजनेतिक भविष्य खत्म हो गया तो कई नेताओं को मौका मिल गया है। ऐसे में वार्ड 79 शास्त्री नगर की सीट के साथ हुआ है। यह सीट 25 साल बाद सामान्य हुई है। यह पिछले 25 सालों से पुरुष प्रत्याशी अपनी बारी का इंतज़ार कर रहे थे। इसलिए अब यहाँ के भी समीकरण बदल गए है। जिसको देखते हुए भाजपा के कई पुराने नेता जिनकी सीट महिला हो गयी है। वो भी अपनी रणनीति बनाने में जुट गए है। सूत्रों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर ये पुराने नेता अब सदर विधानसभा की दो सामान्य सीटों की और देख रहे है। जिसमे शास्त्री नगर सीट सबसे प्रथमिकता में है। जिसको लेकर भाजपा में तरह तरह की चर्चा चल रही है।
निगम चुनावों में हमेशा हारा है भाजपा का बाहरी प्रत्याशी:
शास्त्री नगर का राजनीतिक इतिहास गवाह है कि यहां से जब भी भाजपा ने किसी बाहरी प्रत्याशी को उतारा है। वो प्रत्याशी हमेशा यहाँ से चुनाव हारा है। यहाँ से भाजपा ने 20 साल पहले कांग्रेस की शालू मालिक के सामने राजेश्वरी शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा था। जिनको हार का सामना करना पड़ा। जबकि उसके बाद इसी सीट से भाजपा ने बाहरी प्रत्याशी पूनम पाराशर झा को चुनावी मैदान में भेजा उनको भी हार मिली। जिससे तय होता है कि इस सीट पर हमेशा से ही बाहरी प्रत्याशी की हार हुई है।