अपराधदिल्ली

दिल्ली पुलिस का एसीपी रिटायरमेंट के दिन निलंबित

दिल्ली पुलिस का एसीपी रिटायरमेंट के दिन निलंबित।
इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस के एक एसीपी को उसके रिटायरमेंट के दिन ही निलंबित कर दिया गया है। यह एसीपी जालसाजी से पचास से ज्यादा अफगानिस्तान के नागरिकों के पासपोर्ट बनवा देने के मामले में आरोपी है।
मुख्य सचिव का आदेश-
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव विजय कुमार देव ने 31 मार्च 2021 को एसीपी रामकिशन को निलंबित किए जाने के आदेश जारी किए।
एसीपी राम किशन 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गया।
दिल्ली सशस्त्र पुलिस की तीसरी बटालियन में तैनात एसीपी रामकिशन के खिलाफ अपराध शाखा के थाने में 30 मई 2018 को जालसाजी, धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और पासपोर्ट एक्ट की धारा में मामला दर्ज किया गया था।
अफगानों के पासपोर्ट बनवा दिए-
साल 2018 में यह सनसनीखेज खुलासा हुआ था कि पासपोर्ट वेरिफिकेशन का महत्वपूर्ण कार्य करने वाली पुलिस के स्पेशल ब्रांच के कुछ पुलिस वालों ने मोटी रकम लेकर दिल्ली में रह रहे अफगानिस्तान के 52 नागरिकों के भारतीय पासपोर्ट बनवा दिए। ये पासपोर्ट असली थे, लेकिन इन्हें बनवाने में दिए गए दस्तावेज फर्जी थे। इस मामले में उस समय तीन पुलिसवालों को निलंबित भी किया गया था।
तत्कालीन इंस्पेक्टर रामकिशन उस समय स्पेशल ब्रांच के पश्चिम क्षेत्र में तैनात था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार ये पासपोर्ट दो बार में बनवाए गए। पहली बार 15 अफगानियों के पासपोर्ट बने। यह काम कुछ दलालों के मार्फत किया गया। दूसरी बार में 37 लोगों के भारतीय पासपोर्ट बनवाए गए। जिनके पासपोर्ट बने, वे सभी 52 अफगानी विदेश भागने की फिराक में थे।
आरोप है कि मोटी रकम लेकर जिन अफगानी नागरिकों के भारतीय पासपोर्ट बनवाए गए वे सभी पश्चिमी दिल्ली में रहते थे। वे लोग किराए के घर में रहते थे। इन विदेशी नागरिकों में से किसी के पास दिल्ली का स्थायी पता नहीं था। निवास के पते के प्रूफ के तौर पर कोई भारतीय सरकारी दस्तावेज नहीं था।
ये सभी अफगानी/विदेशी नागरिक पश्चिमी दिल्ली के पंजाबी बाग, राजौरी गार्डन और तिलक नगर इलाके में रहते थे।
पासपोर्ट बनवाने के लिए आवेदन करने वाले की पुलिस वेरिफिकेशन का काम स्पेशल ब्रांच द्वारा किया जाता है। ऐसे में इस ब्रांच के ही कुछ पुलिसकर्मियों ने इन विदेशी नागरिकों को दस्तावेज बनवाने का रास्ता दिखाया। ज्यादातर दस्तावेज दलालों के माध्यम से उन्होंने खुद ही तैयार कराए। वे सब फर्जी थे।
पुलिसवाले ने ही सूचना दी-
स्पेशल ब्रांच के कुछ पुलिसवालों द्वारा किए जा रहे इस संगीन अपराध की सूचना एक पुलिस वाले ने ही आला अफसरों तक पहुंचा दी थी। जिसके बाद मामले की जांच शुरु हुई और यह सनसनीखेज खुलासा हुआ।
हालांकि अपराध शाखा ने इस सिलसिले में 36 लोगों के जालसाजी से पासपोर्ट बनवाने के मामले में एफआईआर दर्ज की।
बलात्कार का आरोपी एसीपी भी निलंबित-
उल्लेखनीय है कि बलात्कार के आरोपी एसीपी रमेश दहिया को भी रिटायरमेंट से ठीक तीन दिन पहले 28 जनवरी 2021 को निलंबित किया गया था।

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