देश कोरोना की गर्त में जा रहा और मोदी जी मोर को दाना चुगा रहे :कांग्रेस
नई दिल्ली : कोरोना को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने कहा है। की भारत आज दुनिया की ‘कोरोना कैपिटल’ बन गया है। आज समूचे देश में कोरोना महामारी के संक्रमण में भारत दुनिया में अब दूसरे स्थान पर है। पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना संक्रमण के 90,633 केस आए हैं। अमेरिका व ब्राजील में इसके आधे केस भी नहीं व दुनिया के और देशों में 24 घंटे में दस हजार से ज्यादा केस नहीं। कांग्रेस ने कहा की
24 मार्च, 2020 को मोदी जी ने कहा था, ‘‘महाभारत का युद्ध 18 दिन चला था। कोरोना से युद्ध जीतने में 21 दिन लगेंगे।’’ 166 दिन बाद भी समूचे देश में ‘कोरोना महामारी की महाभारत’ छिड़ी है, लोग मर रहे हैं, पर मोदी जी मोर को दाना खिला रहे हैं। कोरोना से युद्ध तो जारी है, पर सेनापति नदारद हैं। कोरोना से लड़ाई में मोदी सरकार पूरी तरह निकम्मी व नाकारा साबित हुई है। महामारी की विभीषिका में भाजपा ने देश के लोगों को अपने हाल पर बेहाल छोड़ दिया है।
कोरोना से जुड़े छः महत्वपूर्ण तथ्य जानिए:-
1. प्रतिदिन कुल कोरोना संक्रमण में – दुनिया में भारत पहले नंबर पर (90,802 संक्रमण)।
2. प्रतिदिन कोरोना मृत्यु दर में – दुनिया में भारत पहले नंबर पर (1,016 मृत्यु प्रतिदिन)।
3. कोरोना संक्रमण डबल होने की दर में – दुनिया में भारत पहले नंबर पर (29 दिन में डबल)।
4. कुल कोरोना संक्रमित मामलों में – दुनिया में भारत दूसरे नंबर पर (42,04,614 संक्रमण)।
5. सक्रिय कोरोना संक्रमण मामलों में – दुनिया में भारत दूसरे नंबर पर (8,82,542 संक्रमण)।
6. कोरोना से हुई कुल मौतों में – दुनिया में भारत तीसरे नंबर पर (71,642 मृत्यु)
देश में लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण का सच जानिए:-
1. 0 से 1 लाख तक कोरोना संक्रमण पहुँचा = 110 दिन में।
2. 1 लाख से 10 लाख तक कोरोना संक्रमण पहुँचा = 59 दिन में।
3. 10 लाख से 20 लाख तक कोरोना संक्रमण पहुँचा = 21 दिन में।
4. 20 लाख से 30 लाख तक कोरोना संक्रमण पहुँचा = 16 दिन में।
5. 30 लाख से 40 लाख तक कोरोना संक्रमण पहुँचा = 13 दिन में।
यानि मात्र 29 दिन में भारत में कोरोना संक्रमण डबल हुआ – 20 लाख से बढ़कर 40 लाख।
विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले दिनों में कोरोना संक्रमण और भी खतरनाक:-
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना संक्रमण की रफ्तार यही रही तो:-
1. 30 नवंबर तक कुल कोरोना संक्रमण के मामले 1 करोड़ हो सकते हैं।
2. 30 दिसंबर तक कोरोना संक्रमण के मामले बढ़कर 1.40 करोड़ हो सकते हैं।
3. कोरोना होने वाली मौतों की संख्या 1,75,000 तक बढ़ने की आशंका व खतरा है।
‘घोर नाकामी व निकम्मेपन’ को बयां करती ‘कोरोना क्रोनोलॉजी’ :-
कांग्रेस पार्टी व राहुल गांधी ने 12 फरवरी, 2020 से लगातार (12 फरवरी, 3 मार्च, 5 मार्च, 26 अप्रैल इत्यादि) कोरोना महामारी के संकट बारे बताया तथा सरकार को चेताया, पर मोदी सरकार ने हर बार हमारी चेतावनी का मजाक उड़ाया। आठ बिंदुओं की क्रोनोलॉजी देखिए:-
1. 12 फरवरी, 2020 = मोदी सरकार ने कहा कि ‘कोरोना चिंता का विषय नहीं’। श्री राहुल गांधी की 12 फरवरी की चेतावनी को सिरे से नकारा।
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2. 24 फरवरी, 2020 = 1 लाख लोगों की भीड़ जमा कर अहमदाबाद में नमस्ते ट्रंप का आयोजन।
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3. 2-5 मार्च, 2020 = कोरोना बारे 5 मार्च को श्री राहुल गांधी द्वारा दी गई चेतावनी को फिर खारिज करते हुए स्वास्थ्य मंत्री, डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि ‘चिंता की कोई जरूरत नहीं’।
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4. 24 मार्च, 2020 = सुबह खरीद फरोख्त से कांग्रेस की मध्यप्रदेश की सरकार गिराई। रात 12 बजे से एकदम देश में लंबा लॉकडाऊन लगाया।
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5. 25 अप्रैल, 2020 = नीति आयोग के सदस्य व कोरोना मैनेजमेंट कमिटी के अध्यक्ष, श्री वी. के पॉल ने रिपोर्ट दे कहा कि 15 मई, 2020 के बाद नए कोरोना संक्रमण केस नहीं आएंगे।
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6. 4 मई, 2020 = स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता व संयुक्त सचिव, लव अग्रवाल ने ऑफिशियल प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि कोरोना की कर्व अब फ्लैट यानि शिथिल हो गई है। अब बढ़ोत्तरी नहीं।
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7. 27 जून, 2020 = मोदीजी ने राष्ट्र को संदेश में कहा कि भारत में बढ़ते कोरोना संकट की जो आशंका जताई थी, वह सही नहीं। उन्होंने कहा कि भारत की स्थिति दूसरे देशों से कहीं बेहतर है।
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8. 6 सितंबर, 2020 = भारत कुल कोरोना संक्रमण में दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुँचा। प्रतिदिन कोरोना संक्रमण व कोरोना से होने वाली मौतों में दुनिया में भारत पहले नंबर पर पहुंचा।
मोदी जी के फेल नेतृत्व, विफल लॉकडाऊन (देशबंदी) तथा बदइंतजामी की ‘तुगलकी’ दास्तान
बगैर सोचे, बगैर समझे, बगैर विचार विमर्श के मात्र तीन घंटे के नोटिस पर किए गए मोदी जी के 24 मार्च, 2020 के लॉकडाऊन से न तो कोरोना महामारी रुकी, बल्कि उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था व लोगों की रोजगार-रोटी की कमर पूरी तरह से तोड़ दी। देश के इतिहास में नेतृत्व की विफलता का यह सबसे बड़ा तुगलकी उदाहरण गिना जाएगा।