शास्त्री नगर में पीएम के मन की बात के बाद 20 उम्मीदवारों ने रख दी अपनी बात,पूर्व मेयर को कहा आप भी तो बागी हो गए थे
– शास्त्री नगर की सामान्य सीट पर टिकिट की मांग करने वाले भाजपा के महिला और पुरुष दोनों हुए खड़े
– मन की बात कार्यक्रम में टीवी तक जिलाध्यक्ष के कहने के बाद लगा
– शास्त्री नगर के भाजपा के पूर्व बागी और निर्दलीय लालाजी को खानी है मेवा
– योगेश भारद्वाज
दिल्ली : नगर निगम चुनावों में यदि सबसे ज्यादा किसी राजनैतिक दल में टिकिट को लेकर आपसी मार मारी है। तो वो भाजपा है। जिसमे टिकिट को लेकर चुनाव घोषित होने से पहले ही संग्राम मचा हुआ है। और अब संग्राम खुलकर भी सामने आने लगा है। इसका एक ताज़ा नज़ारा रविवार को शास्त्री नगर में आयोजित मन की बात कार्यक्रम में दिख गया। यहाँ भाजपा प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में मन की बात कार्यक्रम को सुना गया जिसमें अब आस पास के भी भाजपा के पदाधिकारी भी शामिल हुए। क्योकि अब परिसीमन के बाद आनंद पर्वत वार्ड इसी वार्ड में आ गया है। तो निसंदेह वहाँ के भी भाजपा कार्यकर्ता अब यही आएंगे। खैर आपको बता दे कि कार्यक्रम तो था मन कि बात का लेकिन जिस टीवी पर इसे सुना जाना था। वो टीवी भी जिलाध्यक्ष के आने के बाद ही लग पाया था। यह तो थी व्यवस्था जिसमे चाय को एक टंकी में भर दिया गया था। और मठरी को एक थैले में, पानी की व्यवस्था तो कहने ही क्या थे। बरहाल मन कि बात के बाद जब प्रदेश अध्यक्ष चले गए तो पूर्व मेयर रविन्द्र गुप्ता और जिलाध्यक्ष विकेश सेठी ने मधुमखियों के छत्ते में हाथ डाल दिया,इन्होंने पूछ लिया कि इस वार्ड से टिकिट किस किस को चाहिये। फिर क्या था खड़े हो गए 20 टिकिट के उम्मीदवार वो भी इनमें कुछ ऐसे भी थे जिनको वार्ड में कोई जानता तक नही है,वो भी लाइन में खड़े हो गए।
पूर्व मेयर पर निर्दलीय का कटाक्ष ,निशाना निर्दलीय लालाजी...
अब इसमे से कही से आवाज आ गयी कि भाई आपने भी तो पार्टी से बग़ावत की थी। इस पर पूर्व मेयर ने बोल दिया कि इसकी सजा उन्हें 10 साल तक मिली थी। यह सुनकर निर्दलीय लालाजी सोच में पड़ गए कि जब इनका न. 10 साल में आया है तो इसमे तो मेरी उम्र ही बीत जाएगी।
सेवा ही करते रहेंगे…मेवा भी तो खायेंगे..
अब जब निर्दलीय लालाजी पर रहा नही गया तो उन्होंने भी अपने मन की बात कह ही दी। कि सेवा ही करते रहेंगे मेवा भी तो खायेंगे।
आनंद पर्वत के भी टिकिट उम्मीदवार खड़े हो गए..
अब जिलाध्यक्ष के सामने सबसे बड़ा संकट यह खड़ा हो गया है। कि वो पहले तो शास्त्री नगर के तूफान से ही झेल रहे थे। अब तो आनंद पर्वत का चक्रवात भी सामने खड़ा है।
सामान्य सीट पर महिला उम्मीदवार भी खड़ी हो गयी..
हैरानी की बात तो यह रही कि इस वार्ड की 25 साल बाद यह सीट सामान्य हुई है। जिस पर पुरुष उम्मीदवारों की उम्मीद की किरण जागी है। लेकिन इस पर भी शास्त्री नगर वार्ड सहित आनंद पर्वत से भी महिला उम्मीदवार खड़ी हो गयी। उनका तर्क था कि जब महिला सीट पर पुरुष उम्मीदवार अपनी घरवाली को चुनाव लड़ा सकता है। तो हम क्यो नही टिकिट मांग सकते मज़े की बात तो यह कि ये बात उस महिला ने कही जो पहके चुनाव लड़कर इसी वार्ड से हार भी चुकी है।