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मोदी सरकार का सफेद हाथी बन चुका है PIB,सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का डाटा ही नही

मोदी सरकार का सफेद हाथी बन चुका है PIB,सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का डाटा ही नही
– सैकड़ो अफसरों की फ़ौज कर रही मौज,जनता के करोड़ों टैक्स के पैसे इनकी सेलरी में बर्बाद
– प्रधान महानिदेशक को भी नही पता नियम कानून..
– योगेश भारद्वाज
नई दिल्ली : भले ही मोदी सरकार ने अपनी जनहितकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार किया हो। लेकिन देश विदेश तक इन योजनाओं की जानकारी पहुँचाने का जिम्मा केंद्र सरकार के पत्र सूचना कार्यालय माने PIB का होता है। इसका गठन सरकार की जनहितकारी नीतियों, कार्यो को देश के बीच पहुचाने पत्रकारों को सुविधाएं देने और सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की प्रेस रिलीज बनाकर उनको देश के सरकारी और गैरसरकारी मीडिया तक भेजना होता था। साथ ही सरकार की सभी जनहितकारी योजनाओं का प्रकाशन कराकर उनका डाटा रखना भी इसका काम होता है। लेकिन यह बहुत ही आश्चर्यजनक बात है कि इस विभाग के पास मोदी सरकार की किसी जनहितकारी योजना का डाटा ही उपलब्ध नही है। यह बहुत ही हैरानी की बात है कि सैकड़ो अफसरों की फ़ौज अकेले इस विभाग में लगी है। जिनकी लाखों की सैलरी है वही अफसर सिर्फ प्रेस रिलीज बनाकर विभाग की वेबसाइट पर डाल देते है और मीडिया को मेल कर देते है। इसके बाद यह प्रेस रिलीज कहाँ छपी कहाँ प्रकाशित हुई इसका कोई भी डाटा PIB के पास नही है। यह सब रहस्योद्घाटन एक आरटीआई से प्राप्त जानकारी के आधार पर हुआ है।

प्रधान महानिदेशक को भी नही पता नियम कानून..
सबसे गजब बात यह है कि इस विभाग के प्रधान महानिदेशक को इस विभाग के नियम भी नही पता उनको यह भी नही पता कि प्रेस सुविधा के तहत केंद्रीय प्रेस प्रत्यायन समिति में किस केस को भेजना होता है और किस केस को नही। क्योकि प्रधान महानिदेशक पहले खुद वर्षो तक डीएवीपी में डटे रहे और अब pib के प्रधान महानिदेशक है। यदि pib की प्रेस प्रत्यायन कार्डो की निष्पक्ष जांच की जाए तो कई ADG बगले झांकते नज़र आएंगे। PIB कार्ड जहाँ सिर्फ दिल्ली और NCR के निवासी पत्रकारो को जारी किए जाते हो। वो कार्ड दिल्ली से हज़ारों किलोमीटर दूर बैठे पत्रकारो तक के जारी किए हुए है। वहीं बहुत ही हैरानी की बात तो यह है कि PIB कार्ड राजनेतिक दलों के प्रवक्ताओं तक के जारी किए गए थे। एक ADG सीबीआई से यहाँ आकर ऐसे कानूनों की दुहाई देने लगी कि जैसे अब PIB दूध का धुला हो जाएगा। लेकिन उनका ट्रांसफर हो गया और PIB ने अपनी ही गाईडलाइन 2022 को दरकिनार करके फिर से थोक के भाव मे कार्ड जारी कर दिए।

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