अलीगढ़

अलीगढ़ को मिला अपना पहला आयरनमैन

अलीगढ़ को अपना पहला आयरनमैन 70.3 मिल गया जब सीनियर प्लास्टिक सर्जन डा. अमित अग्रवाल ने आयरनमैन 70.3 मलेशिया प्रतियोगिता में भाग लिया । ये प्रतियोगिता दुनिया में कठिनतम रेस में से है । इसमें 1.9 कि.मी. तैराकी, 90 कि.मी. साइकिलिंग और 21 कि.मी. की दौड शामिल है । डा. अमित ने ये दूरी 8.5 घंटे में पूरी कर के आयरनमैन 70.3 का मैडल जीत कर अलीगढ़ जिले का नाम रोशन किया है । इस कठिनतम प्रतियोगिता में पूरी दुनिया से करीब 1000 व भारत से 15 प्रतियोगियों ने प्रतिभाग किया । डा. अमित अग्रवाल ने बताया कि रेस काफी मुश्किल थी इसलिए काफी प्रतिभागी इस दौड को पूरा नहीं कर पाये क्यों कि मुसलाधार बारिश के साथ रेस पहाड़ी इलाकों में चढ़ाई पर थी, सडकों पर पानी भरा हुआ था। काफ़ी लोगों की साइकलपंक्चर हो गयी और कुछ लोगों को चोट भी लग गयी जिस की वजह से वो रेस पूरी नहीं कर पाए। था । डा. अग्रवाल ने बताया कि दौडने के दौरान उनके पैर में मांसपेशियों के खिंचाव आने के बावजूद उन्होने अपने दृढ़ संकल्प नहीं छोडा और रेस को पूरा किया । डा. अग्रवाल इस प्रतियोगिता को जीतने के लिए पिछले 6 महीने से तैयारी कर रहे थे, इस तैयारी में उनके परिवार के साथ साथ इष्ठजनों ने भरपूर साथ दिया, डाक्टरी पेशे के बावजूद रोज़ाना 2-3 घंटे की लगातार तैयारी के कारण ही इस मुकाम को हासिल कर पाये हैं ।

टास्क के नियम भी जटिल होते है इसे पूरा करना भी आसान नहीं है । लेकिन इस कठिन टास्ककोे पूरा करके डा. अमित अग्रवाल ने आयरनमैन का खिताब जीत कर अलीगढ़ जिले का नाम रोशन किया है ।
अलीगढ़ के कास्मिेटिक सर्जरी एण्ड लेजर सेंटर के प्लास्टिक सर्जन डा. अमित अग्रवाल ने मलेशिया के लांगकवि में विश्व trithalon चैंपियनशिप में खिताब लेकर लौटे डा. अमित अग्रवाल ने गति और सहनशीलता वाले इस विश्वस्तरीय खेल के रोमांचक क्षणों को साझा कर हर किसी को स्वस्थ और मानसिक स्वस्थ खाने के लिए आउटडोर गेम खेल खेलने की सलाह दी ।
डा. अमित अग्रवाल बताते हैं प्रतियोगिता का पहला चरण 1.9 km तैराकी का था । इसके बाद 90 km साइकल चलानी होती है और फिर 21 km दौड़ लगानी होती है।
पहाड़ पर चढ़ाना फिर ढलान पर उतरना खुद के साथ साइकिल को भी बैलेंस करने के लिए सधे हाथों से ब्रेक लगा कर सुरक्षा से दोड लगाकर बिना कोई गलती किए तय समय में प्रतियोगिता पूरी कर आयरन मैन का खिताब पाया । वे बताते हैं कि प्रतियोगिता की शुरूआत में ही पैरों में चिप लगा दी जाती है ताकि समय का पता चलता रहता है कि कितने समय में कौन सी प्रतियोगिता पूरी की ।
प्लास्टिक सर्जन डा. अमित अग्रवाल ने बताया कि प्रतियोगिता के नियम कठिन है । प्रतियोगिता के दौरान रास्ते में खाने पीने का इंतजाम था । जूस और केले मिल रहे थे । केला खाकर छिल्का सडक पर फैंक देने पर प्रतियोगी को पांच मिनट पेनल्टी करने का निमय था । इस तरह प्रतियोगी केपांच मिनट खराब होने से उसके पूरे प्रदर्शन पर असर पड सकता था । कोई भी प्रतिभागी समय की बाधाओं के भीतर ट्रायथलॉन को पूरा करने का प्रबंधन करता है, उसे आयरनमैन नामित किया जाता है । डॉक्टर अमित ने बताया कि अब लगता है कोई भी काम कठिन नहीं है । उसे करने की ललक होनी चाहिए । कोई भी काम नामुमकिन नहीं है , बस उसे पूरा करने के लिए सही योजना, उचित खानपान और सही ट्रेनिंग की ज़रूरत है।

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