भाजपा के सामने एंटी-इंकंबेंसी, आप के सामने जीत का लक्ष्य
– योगेश भारद्वाज
नई दिल्ली : MCD के चुनावों को लेकर अब तारीख घोषित हो गयी है। जिसको लेकर सभी दलों ने अपनी कमर कस ली है। अब गुजरात में विधानसभा और दिल्ली में एमसीडी के चुनाव की तारीख आसपास ही हैं। ऐसे में प्रचार-प्रसार को लेकर अरविंद केजरीवाल को दिक्कतें आएंगी। आम आदमी पार्टी के पास अभी अरविंद केजरीवाल ही इकलौता चेहरा हैं, जिनके नाम पर पार्टी को वोट मिलती है। अगर वह गुजरात में प्रचार करेंगे तो एमसीडी में समय नहीं दे पाएंगे और एमसीडी चुनाव के लिए प्रचार करेंगे तो गुजरात चुनाव से दूरियां बढ़ेंगी। ऐसे में उन्हें इसके बीच का कोई विकल्प निकालना होगा। जबकि, आप जैसी स्थिति भाजपा और कांग्रेस में नहीं है। इन पार्टियों में एक से ज्यादा चेहरे प्रचार की कमान संभालते हैं। दोनों पार्टियां एमसीडी चुनाव में राष्ट्रीय की जगह स्थानीय नेताओं के दम पर प्रचार करेंगी।’
भाजपा के सामने एंटी-इंकंबेंसी….
चूंकि निगम में पिछले तीन बार से भाजपा काबिज है। इसलिए इसके सामने अब निगम में फैले भ्र्ष्टाचार और एंटी इनकंबेंसी का खतरा है। भले ही पिछली बार अमित शाह के फार्मूले पर यह निगम जीती हो । लेकिन इस बार ये कौन सा फार्मूला लाएगी देखना बाकी है। ऐसे में आम आदमी पार्टी की तरफ से एंटी इन्कंबेंसी को भुनाने की कोशिश में है। वहीं, भाजपा अपने कामों को लेकर जनता के बीच में जाने की बात कर रही है। वहीं, कांग्रेस एक बार फिर खुद को दिल्ली में अपनी उपस्थिति दर्ज करने की कोशिश में लगी हुई है। हालांकि, नए परिसीमन से सारे आंकड़े बदल गए हैं। सभी पार्टियों को जाति, धर्म समेत सभी फैक्टर को नए सिरे से देखना होगा।
आप के दोनों हाथों में लड्डू…
अब यहाँ आम आदमी पार्टी के दोनों हाथों में लड्डू है। यानी आप के पास खोने को तो कुछ है ही नही बल्कि अब वो निगम में सत्ता की जीत के लिए काम करेगी।