एमसीडी के स्वास्थ विभाग की छत्रछाया में शास्त्री नगर में बगैर लाइसेंस और कन्वर्जन के चल रहा ढाबा और चिकिन मटन रोल की दुकान
– ए-77 और ई2-188 पर पीएचआई को मिलती है मोटी रिश्वत
– टाइगर कमांड
शास्त्री नगर : यहाँ नगर निगम के स्वास्थ विभाग की कृपा से लोगो के स्वास्थ के साथ खिलवाड़ हो रहा है। स्वास्थ विभाग के पीएचआई जो अभी नए नए आये है। उनका पर भी यहाँ रिश्वत का खुमार आ गया है। इससे पहले के पीएचआई का ट्रांसफर यहाँ टाइगर कमांड में उनके कारनामो के छपने के बाद कर दिया गया था। लेकिन यह नए पीएचआई तो पहले वाले के भी गुरु निकले। इन्ही के स्वास्थ विभाग द्वारा शास्त्री नगर के जिस ए-77 के एक ढाबे का बगैर लाइसेंस और अन्य नियमों को लेकर चालान कट चुके हो उस पर इन नए पीएचआई राजकुमार ने आते ही अपनी कृपा बरसा दी है। मतलब निगम एक्ट में कार्यवाही का समय बीत जाने के बाद भी अभी तक कार्यवाही नही की गई है। जबकि यही ई2 – 188 में जुगाड़ के लाइसेंस पर चल रहे एक चिकिन मटन रेस्टोरेंट पर पर भी इन नए पीएचआई राजकुमार की मेहरबानी हो गयी है। इस चिकिन मटन की दुकान को किस श्रेणी में स्वास्थ्य विभाग ने लाइसेंस जारी किया है यह तो विजिलेंस जांच का विषय बन चुका है। क्योंकि जिस चिकिन मटन की दुकान को पहले इसी स्वास्थ विभाग ने लाइसेंस की शर्तों को पूरा ना करने पर नोटिस और चालन दिए थे। वो ही दुकान अब इनके हैल्थ और रेस्टोरेंट लाइसेंस की शर्तों को कैसे पूरा कर रहा है? यह कैसे हो सकता है कि रेस्टोरेंट और हैल्थ लाइसेंस के नियम कानून कुछ और जारी करके काम कुछ और जब इसकी जिम्मेदारी स्वास्थ विभाग ने पीएचआई को दे रखी है। तो फिर पीएचआई कैसे अपनी नोकरी से दगा करके लोगों के स्वास्थ से खिलवाड़ की इजाजत दे सकता है। स्वास्थ विभाग को अविलंब इस और ध्यान देना चाहिए। क्योंकि शास्त्री नगर में पहले भी फूड पॉइजनिंग का मामला हो चुका है। विभाग को इस तरह से लापरवाही नही करनी चाहिए।