अमित शाह और दिल्ली के एल जी से जनता का सीधा सवाल,अवैध निर्माणों की मंजूरी देने वाले एमसीडी अधिकारियों और इलाका एसएचओ पर कार्यवाही क्यों नही?
– टाइगर कमांड
दिल्ली : देश की राजधानी दिल्ली में अवैध निर्माणों के गिरने की घटना आये दिन होती रहती है। जिससे निर्दोष नागरिकों की जिंदगी हमेशा खतरे में पड़ी रहती है। बिल्डिंग गिरने के बाद जनता की आंखों में धूल झोंकने के लिए हल्की फुल्की कार्यवाही कर दी जाती है। और फिर से अवैध निर्माण बनाने शुरू कर दिए जाते है। सवाल उठता है कि आखिर देश की राजधानी में जब भ्रष्टाचार पर लगाम नही तो फिर देश के अन्य हिस्से में जनता क्या उम्मीद करे। बरहाल अभी हाल ही में आज़ाद मार्केट में एक अवैध निर्माणधीन बिल्डिंग गिरी उससे पहले दर्जनों बार दिल्ली में कई बिल्डिंग गिर चुकी है। लेकिन निगम के कमिश्नर से लेकर जे ई सब कागजो पर अपनी कुर्सी बचा लेते है। और जनता जान माल से जाती है। पहले आरोप था कि निगम पार्षद पैसे लेकर अवैध निर्माणों को संगरक्षण देते है। लेकिन अब तो निगम पार्षद नही है निगम सीधे सीधे गृह मंत्रालय और दिल्ली के उपराज्यपाल के अधीन है। फिर यह अवैध निर्माण ही कैसे रहे है। जो भी निगम के अधिकारियों पर आज भी किसी भी प्रकार का नकेल नही कसी गयी है। क्योंकि इस खेल में मोटा माल नीचे से ऊपर जाता है। जबकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश है कि जिस इलाके में अवैध निर्माण होगा वहाँ का एसएचओ भी इसका जिम्मेदार होगा आज तक कितने एसएचओ के खिलाफ इस मामले में कर्यवाही हुई? आज तक कितने जे ई निलंबित किये गए। इन लोगो की सीबीआई जांच आज तक क्यो नही हुई। कैसे अवैध निर्माण बन जाते है। जे ई क्यो बिल्डिंग की गुणवत्ता जांचते। यह सवाल आज दिल्ली की जनता के मन मे चल रहे है। और इसका जबाब गृह मंत्री से लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल को देना चाहिए।
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