अपराधदिल्ली

आखिर दिल्ली पुलिस,दोस्त पुलिस क्यो नही बन पाती?

आखिर दिल्ली पुलिस,दोस्त पुलिस क्यो नही बन पाती?
– योगेश भारद्वाज
आज कोई शरीफ व्यक्ति पुलिस वालों के पास नहीं जाना चाहता। यदि कोई घटना भी घट जाती है तो कोशिश करता है पुलिस से बचे। अन्यथा उसे रस्सी से सांप बनते देर नहीं लगती। पुलिसवाले इतने भ्रष्ट हो चुके हैं कि वे शिकायत करने वालों से तो रिश्वत लेते ही हैं, जिसके खिलाफ शिकायत की गई है, उसे भी रिश्वत लेकर ही छोड़ते हैं। ताकतवर के खिलाफ तो रिपोर्ट किसी थाने में लिखी ही नहीं जाती। आम आदमी पुलिस वालों से नफ़रत करता है। बुजुर्ग लोग भी यही शिक्षा देते हैं कि पुलिस वालों की दोस्ती भी बुरी और दुश्मनी भी। आखिर पुलिस जब दोस्त होने का दावा करती है तो यह दावे यही फेल हो जाते है। जब पीड़ित की थाने में कोई सुनवाई नही होती। दिल्ली पुलिस भले ही लोगो को अपने आंख कान बनने की गुज़रिश करे लेकिन थानों के माहौल को देखकर नही लगता कि ये सब संभव हो पायेगा। वही दूसरी और
दिल्ली पुलिस दोस्त नहीं बन पा रही है। लोगों की  दोस्त न बने , तो कोई बात नहीं कम से कम ईमानदार पेशेवर पुलिस ही बन जाए तो बहुत है। 1992-93 में उत्तर पश्चिमी जिला के तत्कालीन पुलिस उपायुक्त दीप चंद ने जापान की तर्ज पर पुष्पांजलि एंक्लेव में दोस्त नाम से पुलिस चौकी भी बनाई। लेकिन आज तक पुलिस लोगों की दोस्त नहीं बन पा रही है। दीप  चंद शिकायतकर्ता और एसएचओ को अपने सामने बिठाकर कर समस्या का समाधान करते थे। इसका इतना जबरदस्त असर पड़ा कि एस एच ओ डीसीपी के सामने जाने से पहले ही अपने अपने शिकायतकर्ता को खोज कर उसकी समस्या का समाधान करते थे। पूरे जिले के एस एच ओ के सामने डीसीपी की फटकार से बचने के लिए एस एच ओ शिकायतकर्ता को गंभीरता से लेते थे। लेकिन आज ऐसा माहौल देखने को नही मिल रहा है। अब नए पुलिस कमिश्नर आये है। देखना होगा कि वो पुलिस को जनता का दोस्त बना पाते है कि नही।

Related posts

Union Minister DrJitendra Singh unveils the theme for National Science Day 2023, titled ” Global Science for Global Wellbeing”

Tiger Command

जनसमर्थन जुटाने में जिंदल अंकल भी हुए फेल, सांसद के कार्यक्रम में महज 50-60 ही लोगों को जुटा पाए..

Tiger Command

Ramkumar pushes Cilic before defeat, Prajnesh bites dust, India trail 0-2 against Croatia

cradmin

Leave a Comment