उल्टा चोर कोतवाल को डांटे.. खुद के पार्किंग ऑफिस में लगे सीसीटीवी कैमरे, कुतर्क दिल्ली सरकार के कैमरों का
– फर्जी अपटूडेट खुद कर रहा लोगो की निगरानी,आरोप लगा रहा सरकार को
– टाइगर कमांड
दिल्ली : कहते है कि “जिसका काम उसी को झाजे, और करे तो डंडा बाजे” यह कहावत आजकल मध्य दिल्ली के शास्त्री नगर में चरितार्थ होती नजर आ रही है। यहाँ कुछ गैंगबाजो, पाकिस्तानी रिफ्यूजी, अंडेवाले, और कुछ गांजा पीकर नेतागिरी करने वाले महामूर्खों ने एक संगठित गिरोह बनाकर एक 4 पन्ने का अखबार निकाला है। जिसका उद्देश्य आप समझ ही सकते है कि पत्रकारिता की आड़ में ब्लैकमेलिंग,लोगों के मकानों की वीडियो बनाना MCD की सड़कों पर अतिक्रमण करना और सभ्य लोगो पर कीचड़ उछालने जैसे कार्य ये लोग करते है। यूं तो इनको हर बार मुहतोड़ जबाब मिलता ही है। लेकिन यह इतने बेशर्म और निरर्लज है कि फिर भी नही मानते। और कुछ ना कुछ ऊँट-पटांग बोलते और लिखते रहते है। अब इन्होंने एक और मूर्खतापूर्ण निबंध लिखा है। कि दिल्ली सरकार के सीसीटीवी कैमरे इनकी गोपनीयता भंग कर रहे है। कैसे भाई! क्या यह अपना गैंग नहीं चला पा रहे?क्या इनके गुर्गे अवैध वसूली नही कर पा रहे?क्या इनके गुंडों की मारपीट ये कैमरे पकड़ रहे है? यही दुख है इनको। इसलिए गांजा पीकर नेतागिरी करने वाले कुछ जमूरों के कहने पर ये गैंगबाज लिखते है। कि दिल्ली सरकार के कैमरों से लोगों की गोपनीयता भंग हो रही है। जबकि इन रिफ्यूजियों को पता ही नही है। कि दिल्ली सरकार के इन कैमरों से दिल्ली को कितना लाभ मिला है। खुद दिल्ली पुलिस को इन कैमरों से वरदान मिला है। लेकिन कहते है ना कि उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे। खुद इन लोगो के घरों पर बिना पुलिस की परमिशन के कैमरे लगे है उनसे लोगो की गोपनीयता भंग नही होती दिल्ली सरकार के कैमरों से गोपनीयता भंग होती है। अब हम आपको बताते है दिल्ली सरकार के इन कैमरों के फायदे और सच्चाई।
आंकड़ों की मानें तो दिल्ली पुलिस सितंबर 2019 से दिसंबर 2021 (10 दिसंबर तक) दिल्ली सरकार की ओर लगवाए गए सीसीटीवी कैमरे की 2258 फुटेज अपराध को सुलझाने के लिए मांग चुकी है। लोक निर्माण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो लोक निर्माण विभाग को इसमें 2213 सीसीटीवी फुटेज को उपलब्ध कराया जा चुका है। इसमें झपटमारी से लेकर दुष्कर्म और हत्या तक के मामले शामिल हैं। उन अपराधों को सुलझाने के लिए यह फुटेज मांगी गई थीं।
दिल्ली सरकार ने स्ट्रीट क्राइम को रोकने और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिल्लीभर में 1.40 लाख सीसीटीवी कैमरे लगवा चुकी है। प्रत्येक विधानसभा में दो-दो हजार कैमरे लगाए गए हैं। वहीं, स्कूलों और बसों में लगाए गए कैमरों को भी जोड़ दिया जाए तो सरकार सात वर्षों में 2.75 लाख सीसीटीवी कैमरे लगवा चुकी है। कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दूसरे चरण में फिर 1.40 लाख कैमरे लगाने की घोषणा की है। सरकार का दावा है कि दिल्ली में लंदन जैसे शहरों से भी ज्यादा सीसीटीवी कैमरे लगे है, जिसकी निगरानी एक नियंत्रण कक्ष के जरिए की जा रही है।
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