MCD कमिश्नर ध्यान दे! शास्त्री नगर में सरकारी जमीन पर खड़ा हो गया शोरूम, MCD में ध्वस्तीकरण के ऑर्डर, लेकिन जे ई बिल्डिंग काट रहे मलाई
– टाइगर कमांड
दिल्ली : भ्र्ष्टाचार और गुलाबी रंग की कितनी बड़ी ताकत होती है। इसका नज़ारा सिटी सदर पहाड़गंज जोन में देखा जा सकता है। यह दबंगो ने बिल्डर माफिया के साथ मिलकर पहले तो सरकारी जमीन पर कब्जा किया। उसके बाद उस पर 130 गज का शोरूम खड़ा कर दिया। इस मामले में तत्कालीन जे ई से लेकर पुलिस और वर्तमान जे ई तक सब गुलाबी रंग में रंग गए और शास्त्री नगर वार्ड 79 के F-16 में सरकारी जमीन पर अवैध रूप से शोरूम खड़ा हो गया। जो कह रहा है,कानून मेरी मुट्ठी में और MCD मेरी जेब मे। गौरतलब है कि दिल्ली में अब तक जमीन का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। यहां जीरो लैंड पर 130 गज की कमार्शियल अवैध निर्माण खड़ा हो गया है। जबकि इस जमीन को यहां के पुराने स्थानीय नागरिक इसको 30 गज के आसपास का ढलाव घर बताते है। और दूसरी जो सबसे अहम दस्तावेज टाइगर कमांड को मिले है। उसमे यह जगह जो एफ 16 के पते की है वो वास्तव में जिसने विक्रय की है उसके नाम ही यह जगह जीरो गज थी जबकि उसने यह जगह जिसको बेची थी उसे यह 94.47 स्क्वायर मीटर बेची गई। अब भला यह कैसे हो सकता है कि जिसके पास ज़ीरो स्क्वायर मीटर जमीन हो और वो उसे 94.47 स्क्वायर मीटर बेच दे?
गौरतलब है कि इस फर्जीवाड़े को टाइगर कमांड ने पहले भी प्रमुखता से उठाया था। लेकिन इस मामले में नगर निगम के अधिशासी अभियंता से लेकर जेई और पूरा बिल्डिंग विभाग ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका हो तो भला उसका कोई क्या बिगाड़ सकता है। लेकिन इस मामले में पीछे से कई सफेदपोशो का हाथ है नहीं तो ज़ीरो लैंड और फर्जी कागजों पर दिनदहाड़े कैसे अवैध निर्माण बन सकता है। आपको बता दे की दिल्ली रजिस्ट्रेशन इंफॉर्मेशन के तहत शास्त्री नगर के एफ 16 की यह जगह असल में पूरी तरह से ही विवादित है इसकी सूचना और जानकारी ही इसे पूरी तरह से विवादित बता रही है। जानकारी के अनुसार इस जमीन को राकेश, अनिल सैनी,विजय सैनी,अजय सैनी आदि ने मिथलेश को ज़ीरो स्क्वायर मीटर रिलक्वामेंट डीड करी थी जिसका हिंदी मतलब संन्यास विलेख है मतलब कोई जगह थी ही नहीं ? बस यही से फर्जीवाड़ा शुरू हुआ है। अब इसको कुछ बिल्डरों ने आपस में ही इसकी फर्जी चेन तेयार की जिसमे पहला फर्जीवाड़ा मिथलेश से ही शुरू हुआ जिस ज़ीरो स्क्वायर मीटर की जगह को मिथलेश ने मनोज जिंदल,विनोद जिंदल और उमेश जिंदल को 94.47 स्क्वायर मीटर में बेच दिया? अब यह केसे हो सकता है कि ज़ीरो को 94.47 स्क्वायर मीटर की जगह बना दिया जाए? मतलब साफ है इसमें बड़े सहाब से लेकर जेई और पूरा बिल्डिंग विभाग ही बिक चुका है तो उस फर्जीवाड़े को कोन रोक सकता है। अब चुकी MCD पूरी तरह से काबिल अफसरों के हाथ है। तो देखना होगा कि इस सरकारी जमीन को MCD कब्जा मुक्त करा पाती है कि नही।