अफसरों को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र फिर आमने सामने
– योगेश भारद्वाज
दिल्ली : अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर एक बार फिर केंद्र और दिल्ली सरकार में ठन गयी है। आज दिल्ली विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर राखी बिड़लान ने कहा कि केंद्र सरकार के आदेश की आड़ में दिल्ली विधानसभा के विधायकों की ओर से सर्विस विभाग से पूछे गए नियुक्ति और खाली पद जैसे सवालों का जवाब देने से इंकार कर रही है। विधायकों की तरफ से सर्विसेज विभाग से सवाल पूछे गए कि दिल्ली सरकार में ग्रेड 4 के कितने पद रिक्त पड़े हैं, कितने अधिकारियों को एसडीएम का कार्यभार सौंपा गया, दिल्ली सरकार के प्रत्येक विभाग में स्वीकृत पदों की कितनी रिक्तियां हैं? इन सवालों के जवाब में कहा कि सर्विसेज विभाग विधानसभा के प्रश्न के बारे में उत्तर नहीं दे सकता है। जब भी कोई विधायक इस तरह के सवाल पूछता है तो सर्विस डिपार्टमेंट लिख कर दे देता है कि “मुझे यह सूचित करने का निर्देश दिया गया है कि सर्विसेज का मामला एमएचए की ओर से 21/05/2015 को जारी अधिसूचना के तहत एक आरक्षित विषय है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए यह विभाग विधानसभा प्रश्न के बारे में उत्तर नहीं दे सकता है। राखी बिड़लान ने कहा कि सूचना के अधिकार के तहत आवेदन देकर भी जो जानकारी ली जा सकती है वह जानकारी भी इस विधानसभा को केंद्र सरकार क्यों नहीं दे सकती है। सर्विस डिपार्टमेंट यानि कि कर्मचारियों की ट्रासंफर, पोस्टिंग, नियुक्ति आदि का मसला संविधान के तहत दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधीन आता है. सर्विस डिपार्टमेंट अन्य विभागों की तरह इस विधानसभा के प्रति जवाबदेह है। यह संवैधानिक व्यवस्थाओं, चुने हुए विधायकों और इस विधानसभा का अपमान है। इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए विधायक राजेश गुप्ता, सोमनाथ भारती और आतिशी की तीन सदस्यीय समिति बनाती हूं, जो 48 घंटे में इस पूरे मामले पर एक रिपोर्ट बनाकर देंगे। इसमें 2015 से पहले इस तरह के सवालों पर सर्विस विभाग की ओर से दिए जाने वाले जवाब को भी शामिल किया जाएगा।