निगम के बिल्डिंग विभाग के 100 में से 90 बेईमान,फिर भी अफसरों का निगम महान, लाखों रुपये की खुलामखुल्ला रिश्वत
– सीबीआई आखिर कितनो को पकड़े
– शास्त्री नगर में भी बिल्डिंग विभाग का भ्र्ष्टाचार झूलती बिल्डिंगे,लेकिन जे ई और बेलदार लेंटर गिनने में व्यस्त
– योगेश भारद्वाज
दिल्ली : देश के सबसे ज्यादा भ्र्ष्टाचार निगमों में शुमार दिल्ली नगर निगम को यूं तो केंद्र ने अपने अधीन लेकर इसको सुधारने का दावा किया हो। लेकिन इस विभाग में भ्र्ष्टाचार का भूत इस तरह घर बना चुका है। कि ये काम शायद केंद्र के बस का भी नज़र नही आ रहा है। तभी तो आये दिन सीबीआई अवैध निर्माणों की मंजूरी देने में लाखों की रिश्वत लेने वाले जे ई और बेलदारों को गिरफ्तार करती फिर रही है। मतलब साफ है कि भले ही निगम को अफसरों के हाथ मे दे दो। लेकिन मज़ाल है कि भ्र्ष्टाचार से इनका गठबंधन टूट जाये। तभी तो निगम का सबसे कमाऊ विभाग बिल्डिंग विभाग ही होता है। जिस तरह से पिछले दिनों सीबीआई ने पूर्वी निगम से जे ई और बेलदार को रिश्वत लेते पकड़ा था। ठीक कुछ दिनों बाद ही फिर नजफगढ़ जोन से भी जे ई और बेलदार को रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। जिससे साफ पता चलता है कि निगम के जे ई और बेलदारों को किसी का भी डर नही।
शास्त्री नगर वार्ड 79 में जे ई और बेलदार भी लेंटर गिनने में व्यस्त.. झुकी जर्जर बिल्डिंगों पर कोई कार्यवाही नही…
ठीक इसी तरह शास्त्री नगर वार्ड में भी जे ई और बेलदार लेंटर गिनने में व्यस्त है। जबकि यहाँ दर्जनों बिल्डिंगे झुकी हुई है। जिनसे कभी भी कोई जानमाल का खतरा हो सकता है। लेकिन मज़ाल है कि मीडिया में खबर आ जाने के बाद भी बिल्डिंग विभाग का जे ई और बेलदार इस और मुड़कर भी देखे। लेकिन इतना जरूर है कि अवैध निर्माणों पर बेलदार और जे ई जरूर पहुच जाते है? क्यो वहाँ क्यो पहुँचते है जे ई और बेलदार?
निगम के विशेष अधिकारी,कमिश्नर और डी सी दें जबाब कौन है जिम्मेदार…
बरहाल अब निगमो में पार्षद तो है ही नही सारी ताकत अधिकारियों के हाथ मे है। तो अब जब लगातार भ्र्ष्टाचार करते निगम के जे ई और बेलदार पकड़े जा रहे है। तो ऐसे में निगम के विशेष अधिकारी,कमिश्नर और डी सी जबाब दे कि आखिर बिल्डिंग विभाग के भरष्ट जे ई और बेलदार ईमानदारी से काम कब करेंगे।
बिल्डिंग विभाग के जे ई और बेलदारों के साथ इनके परिवारों की संपत्ति की भी जांच हो…
साथ ही बिल्डिंग विभाग के सभी जे ई और बेलदारों के साथ इनके परिवारों की संपत्ति की जांच भी निगम को करा लेनी चाहिए क्या बात पूरी सफाई अभियान यहाँ भी हो जाये। जिससे कुछ लाभ अफसरशाही का जनता को भी तो मिले। गौरतलब है कि सीबीआई ने तीन लाख रुपए रिश्वत मांगने वाले एमसीडी के असिस्टेंट इंजीनियर और एक बेलदार के खिलाफ मामला दर्ज किया है। एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए बेलदार को गिरफ्तार किया है।
सीबीआई के प्रवक्ता आर सी जोशी ने बताया कि सीबीआई ने एक शिकायत के आधार पर एमसीडी के नजफगढ़ जोन के असिस्टेंट इंजीनियर एम एस मीणा और एमसीडी के बेलदार प्रकाश के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
आरोप है कि असिस्टेंट इंजीनियर एम एस मीणा शिकायतकर्ता को अपने घर के स्लैब / लैंटर के निर्माण की अनुमति देने के लिए बेलदार प्रकाश के माध्यम से 3 लाख रुपए की रिश्वत की मांग कर रहा था।
सीबीआई ने जाल बिछाया तथा एमसीडी के बेलदार प्रकाश को स्वयं के लिए एवं असिस्टेंट इंजीनियर एम एस मीणा की ओर से एक लाख रुपए की रिश्वत स्वीकार करने के दौरान पकड़ा।
आरोपियों के परिसरों की तलाशी ली गई, जिसमें कुछ आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।
गिरफ्तार बेलदार को दिल्ली की सक्षम न्यायालय के समक्ष पेश किया गया। अदालत ने उसे दो दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया।