सिद्धू मूसे वाला की हत्या में 3 गिरफ्तार। हथगोले, बंदूक, पिस्तौल बरामद।
इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने सिद्धू मूसे वाला की हत्या के मामले में प्रियव्रत उर्फ फौजी, कशिश उर्फ कुलदीप और केशव को गिरफ्तार किया है।
गोला बारूद बरामद-
पुलिस ने आठ हथगोले, ग्रेनेड लांचर, 9 डेटोनेटर, एक रायफल, 3 पिस्तौल और 56 गोलियां बरामद की हैं।
मुख्य आरोपी –
प्रियव्रत (निवासी गढी सिसाना, सोनीपत, हरियाणा) और कशिश (सजयान पान्ना,गांव बेरी, जिला झज्जर हरियाणा) सिद्धू मूसेवाला की हत्या करने में शामिल है। केशव (निवासी अवा बस्ती बठिंडा, पंजाब) को हत्यारों की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। प्रियव्रत आदि ने गोल्डी बरार के कहने पर यह हत्या की है। हत्यारे कनाडा में मौजूद बरार के साथ सीधे संपर्क में थे।
फौजी और कशिश हत्या से पहले फतेह गढ़ मे पेट्रोल पंप पर लगे सीसीटीवी कैमरे में नजर आए थे।
इन बदमाशों को गुजरात में कच्छ जिला के खारी मीठी रोड, गांव बरोई मुंद्रा पोर्ट इलाके से 19 जून को पकड़ा गया है। ये किराए के मकान में रह रहे थे।
साजिश का पर्दाफाश –
पुलिस ने हत्या में शामिल लारेंस विश्नोई-काला जठेडी-गोल्डी बरार गिरोह के इन बदमाशों को गिरफ्तार कर सिद्धू मुसेवाला हत्याकांड की पूरी साजिश का पर्दाफाश करने का दावा किया है।
29 मई 2022 को शुभदीप उर्फ सिद्धू मूसे वाला की हत्या के समय बलेरो कार में प्रियव्रत, अंकित सिरसा, दीपक मुंडे और कशिश सवार थे। कशिश बलेरो चला रहा था। करोला कार को जगरुप रुपा चला रहा था उसके साथ मनप्रीत मन्नू था।
करोला कार से सिद्धू की थार को ओवरटेक करके रोका गया। मनप्रीत मन्नू ने एके 47 रायफल से सिद्धू पर गोली चलाई। इसके बाद बलेरो सवार बदमाशों ने भी सिद्धू पर गोलियां चलाई। वारदात के बाद सभी 6 बदमाश अलग अलग भाग गए। बलेरो सवार बदमाशों ने बाद में बलेरो छोड़ दी। केशव उन्हें ऑल्टो कार में ले गया।
संदीप उर्फ केकड़ा ने इन बदमाशों को बताया था कि सिद्धू बिना सुरक्षा कर्मियों के जा रहा है।
फौजी इससे पहले भी सोनीपत में हत्या के 2 मामलों में शामिल रहे हैं
कशिश भी 2021 में झज्जर में हुई एक हत्या में भी शामिल है। केशव कुमार भी बठिंडा में हुई हत्या के एक अन्य मामले में शामिल है।
पुलिस टीम –
स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा की देखरेख में एसीपी ह्रदय भूषण, एसीपी ललित मोहन नेगी, इंस्पेक्टर सुनील रंजन, इंस्पेक्टर रवींद्र जोशी, विनय पाल और इंस्पेक्टर अरविंद आदि पुलिसकर्मियों की टीम को इन अभियुक्तों को पकड़ने में सफल हुई