शास्त्री नगर वार्ड
ऊंची दुकान सड़को पर सामान, MCD अनजान
– शास्त्री नगर जुराब मार्किट से लेकर ई टू सब्जी मार्केट की सड़कों पर पक्के स्थायी अतिक्रमण
– MCD के वर्क्स विभाग और लाइसेन्सिंग विभाग की कृपा से मेट्रो सर्विस लेन का फुटपाथ गायब
– टाइगर कमांड
शास्त्री नगर : भले ही दिल्ली के राज्यपाल ने कहा हो कि वो राजनिवास में कम और सड़कों पर ज्यादा नज़र आएंगे। लेकिन सबसे बडा सवाल यह है कि जब दिल्ली नगर निगम की सड़को पर ही अवैध कब्जे हुए पड़े हो तो भला दिल्ली के उपराज्यपाल को निगम कमिश्नर किन सड़को पर लेकर जायेगे। दिल्ली नगर निगम सिटी सदर पहाड़गंज जोन के अंतर्गत आने वाला शास्त्री नगर वार्ड इस बात की नज़ीर है कि कैसे सरकारी जमीनों को अधिकारी काली कमाई के दम पर कब्जा कराते है। और फिर यही अधिकारी और कर्मचारी मीडिया में सवाल उठने पर एक दो दिनों के लिए अवैध कब्जाधारियों से सामान सड़क से हटवा लेते है। कुछ दिनों के बाद फिर तस्वीर वही हो जाती है हो भी क्यो ना आखिर प्रति दुकान हज़ारो रुपये लाइसेन्सिंग ,सेनेटरी और वर्क्स विभाग का इन अवैध कब्जाधारियों से बंधा जो होता है। शास्त्री नगर मेट्रो सर्विस लेन इन्ही कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों के कृपा पर पूरी तरह से आम लोगो के आने जाने के लिए बंद कर दी गयी है। क्योंकि यह पूरा फुटपाथ और 20 से 30 फुट की सड़क इन्ही कब्जाधारियों के चंगुल में फसी हुई है। ऐसा ही कुछ हाल यहाँ के ई टू ब्लॉक सब्जी मार्किट का है यहाँ तो हद ही हो गयी है। वार्ड का सबसे अधिक व्यस्त रहने वाले रास्ते पर एक ई टू 188 दुकान वाला जो मंदिर के सामने ही चिकिन मटन रोल की दुकान चलाता है। उसने तो पूरे लाइसेन्सिंग, सेनेटरी सहित वर्क्स विभाग को ही खरीदा हुआ है। यहाँ वर्क्स विभाग के जे ई से लेकर बेलदार मुँह करके भी नही देखते। मोटी काली कमाई का असर इस कदर ईमान पर भारी पड़ गया है कि लोगो के चलने वाले फुटपाथ इस चिकन मटन रोल वाले और इसके पास मौजूद एक पंसारी के कब्जे में है लगभग 10 फुट तक का स्थायी कब्जा इन लोगो का एमसीडी की जमीन पर हो चुका है। लेकिन मज़ाल है कि कोई भी एमसीडी का अधिकारी कार्यवाही करें। वही एफ ब्लॉक के जुराब मार्किट में भी यही हाल है। यहाँ तो बाकायदा एक स्वीट वाले ने अपने शोरूम के सामने ही सड़क पर अवैध कब्जा करके दुकान लगाई हुई है। यही नही एमसीडी के अधिकारियों की कृपा से यह सड़क पर ही ज्वलनशील कार्य कर रहा है। जिससे कभी भी किसी भी नागरिक के ऊपर विपदा आ सकती है। बरहाल अब यह मामला खुद एमसीडी के वरिष्ठ मुख्य अधिकारियों की नज़र में आ चुका है। देखना यह है कि अब यह भरस्टाचार की जीत होती है कि सच्चाई की जीत।