हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला को 4 साल कैद की सजा, 50 लाख रुपए जुर्माना।
– इंद्र वशिष्ठ
दिल्ली की विशेष सीबीआई अदालत ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को आय के ज्ञात स्त्रोत से अधिक संपत्ति के मामले में चार साल कैद की सजा सुनाई है। चौटाला पर 50 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
अदालत ने ओम प्रकाश चौटाला की 4 संपत्तियां जब्त करने का भी आदेश दिया है। ये संपत्तियां दिल्ली में हेली रोड, पंचकूला, गुरुग्राम और असोला में हैं।
विशेष सीबीआई अदालत के जज विकास ढुल ने यह सजा सुनाई है।
सीबीआई को 5 लाख-
चौटाला को 5 लाख रुपए अलग से सीबीआई को देने होंगे। 5 लाख न देने पर 6 महीने की और सजा हो सकती है। जज ने अदालत में ही चौटाला को हिरासत में लेने का आदेश दिया। चौटाला की तरफ से इस मामले में अपील दायर करने के लिए 10 दिन का समय मांगा गया। इस पर जज ने कहा कि आप हाई कोर्ट जाइए।
6 करोड़-
साल 2006 में सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज किया था।
26 मार्च 2010 को सीबीआई ने अदालत में दाखिल अपनी चार्जशीट में बताया था कि ओम प्रकाश चौटाला ने 24 मई 1993 से 31 मई 2006 तक मुख्यमंत्री के अपने पद पर रहते हुए आय से ज्यादा संपत्ति कमाई। उनके पास 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति ऐसी थी, जिसके स्त्रोत का उनके पास कोई सबूत नहीं था।
चौटाला के पास आय से 189.11 प्रतिशत संपत्ति ज्यादा थी।
सीबीआई को चौटाला और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक मामले की जांच के दौरान आय से अधिक संपत्ति होने का पता चला था। आरंभिक जांच के बाद सीबीआई ने 3 अप्रैल 2006 को चौटाला, उनके परिजनों और अन्य के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज किया था।
करोड़ों की संपत्ति जब्त-
साल 2019 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की 3 करोड़ 68 लाख की संपत्तियों को जब्त किया था। नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में स्थित फ्लैट, एक प्लॉट और जमीन को जब्त कर लिया गया था। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत दर्ज एफआईआर को लेकर हुई थी। ईडी ने बताया था कि पद पर रहते हुए चौटाला ने आय से ज्यादा कमाई की और उसका इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने में किया।
दोषी ठहराया-
अदालत ने 21मई को सीबीआई द्वारा पेश सबूतों/ साक्ष्यों को सही मानते हुए हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को आय के ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के मामले में दोषी ठहराया था।
विशेष सीबीआई अदालत के जज विकास ढुल ने 26 मई को सीबीआई के वकील और ओम प्रकाश चौटाला की दलीलें सुनी।
रहम की गुहार-
ओम प्रकाश चौटाला ने अदालत से बीमारियों और बुढ़ापे का हवाला देते हुए उन्हें न्यूनतम सजा देने का आग्रह किया।
उम्र एवं दिव्यांगता के आधार पर सजा में रियायत देने की हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की दलील का सीबीआई ने विरोध किया।
राउज एवेन्यू स्थित जज विकास ढुल की अदालत में सजा पर बहस के दौरान अभियोजन पक्ष ने कहा कि दोषी को उम्र नहीं कानून के आधार पर अपराध की सजा दी जाए।
रहम से जनता में जाएगा गलत संदेश :
सीबीआई की ओर से वकील अजय गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य का हवाला देकर सजा कम करने की मांग नहीं की जा सकती है। भ्रष्टाचार एक गंभीर अपराध है और देश में भ्रष्टाचार को कम करने के लिए कानून के मुताबिक सख्त सजा दी जानी चाहिए, ताकि लोगों के लिए यह मिसाल बने। चौटाला एक प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। रियायत देने से जनता में गलत संदेश जाएगा। अदालत को मामले में किसी भी तरह की नरमी नहीं बरतनी चाहिए।
पांच बार मुख्यमंत्री-
ओम प्रकाश चौटाला पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वे सात बार विधायक भी चुने जा चुके हैं। ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और उपप्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के बेटे हैं। 87 साल के चौटाला बारहवीं पास हैं।
भर्ती घोटाले में सजा काटी-
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में करीब दस साल की सजा काटने के बाद 2 जुलाई 2021 में तिहाड़ जेल से रिहा किया गया था।