9 साल बाद यूपी से विदा होंगे सुनील बसंल ,भाजपा को मिल सकता है नया संगठन महामंत्री
– टाइगर कमांड
भाजपा को मिल सकता है नया संगठन महामंत्री, कई और बड़े बदलाव संभव!
चर्चा है कि योगी सरकार 2.0 में सुनील बंसल का कद 2017 की तुलना में काफी कम हो गया है। इससे दुखी बंसल ने शीर्ष नेतृत्व से वर्तमान जिम्मेदारी से मुक्त करने का प्रस्ताव रखा है। वहीं, सीएम योगी की लॉबी भी संगठन मंत्री के पद पर दूसरा चेहरा बैठाने के लिए लामबंद होती दिख रही है।
योगी सरकार और संगठन में दूरियां टॉप पर पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जब भी भाजपा संगठन की बैठक हुई, उनमें एक नजारा काफी चर्चा का विषय बना। वह यह था कि मंच पर अगल-बगल बैठने के बाद भी योगी और बंसल कभी एक दूसरे से बात करते नजर नहीं आए। यह नजारा सिर्फ सीएम योगी और सुनील बंसल के बीच ही नहीं, बल्कि बंसल के सबसे करीबी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के साथ भी देखने को मिला।
यह दूरियां चुनावी रैलियों में भी देखने को मिली। मंच पर एक साथ होने के बाद भी केशव मौर्या ने अपने कई भाषण में सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम तक नहीं लिया। वह भी तब, जबकि मंच पर पीएम मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा मौजूद रहे थे।
योगी के निर्णय से कमजोर होते गए बंसल जी
संगठन की तरफ से भेजे गए मुख्यमंत्री के OSD अभिषेक कौशिक को भी पिछले दिनों हटा दिया गया। इसी तरह DGP रहे मुकुल गोयल को अचानक हटाया जाना भी चर्चा का विषय बना। कहा जा रहा है कि सुनील बंसल के खास अधिकारियों को या तो किनारे लगा दिया गया है या उन्होंने केंद्र में जाने के लिए प्रार्थना पत्र दिए हुए हैं।
सुनिल बंसल की जगह कौन, इस पर चर्चा?
यूपी में संगठन और सरकार के बीच बढ़ते अंतर्कलह को देखते हुए हाईकमान अब सुनील बंसल के विकल्प के बारे में सोच रहा है। पार्टी में चर्चा इस बात पर भी है कि सरकार और संगठन के बीच बेहतर तालमेल कौन बिठा सकता है? पार्टी नेतृत्व कुछ नामों पर विचार कर रहा है। सुनील बंसल को केंद्रीय संगठन में जोड़ने पर विचार चल रहा है। बंसल को राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री बनाया जा सकता है। कुछ लोगों का मानना है कि राजस्थान में चुनाव होने वाले है। वहां भी उनको बड़ी जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
6 साल भाजपा में चला बंसल राज!
अगर बात 2017 में आई योगी सरकार की करें, तो सरकार से संगठन तक सबसे ज्यादा पावरफुल नाम सुनील बंसल का हीं रहा। इन 6 सालों में यूपी भाजपा माने सुनील बंसल ही रहा। 2017 में योगी सरकार बनने के बाद में नेता से लेकर नौकरशाह तक बंसल दरबार में ही हाजिरी लगाते रहे।
मगर, 2019 के लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद योगी ने सरकार में संगठन को काफी सीमित कर दिया। संगठन और सरकार में चर्चा आम हो गई थी कि योगी अब आर-पार के मूड में हैं। अब ऐसे में सुनील बंसल खुद ही यूपी से किनारा करना बेहतर समझ रहे हैं।
लक्ष्मीकांत बाजपेई जी को हटाकर ताकतवर बने थे। बंसल जी 2014 में लोकसभा चुनाव के करीब एक साल पहले यूपी में सुनील बंसल जी का नाम सामने आया था। इनको लगभग पूरी तरह से भाजपा की कमान सौंप दी गई थी। 2014 में भाजपा को मिली रिकॉर्ड सफलता के बाद बंसल के कद के आगे यूपी भाजपा के सभी बड़े नेता बौने साबित होने लगे थे।
सबसे पहले बंसल ने तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत बाजपेई को हटाने का काम किया। उनकी जगह अपने खास केशव मौर्या को प्रदेश अध्यक्ष बनवाया। इससे प्रदेश भाजपा में साफ संदेश गया कि अमित शाह के सबसे खास आदमी सुनील बंसल ही हैं।
भाजपा की कई जीत में अहम भूमिका निभा चुके हैं बंसल
सुनील बंसल ने 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान अमित शाह के साथ चुनावी रणनीति सेट की थी।
यूपी महामंत्री संगठन पद पर आने से पहले उन्होंने ABVP और RSS में लंबे समय तक काम किया।
2014 लोकसभा चुनाव के बाद 2017 यूपी विधानसभा, 2019 लोकसभा चुनाव और फिर 2022 के विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत दिलाने का काम किया।
(मीडिया रिपोर्ट पर आधारित)