भाजपा की 40 गांव के नाम बदलने की मांग,लेकिन अकबर रोड, हुमायूं रोड,शाहजहां रोड के नाम क्यो नही बदले
– योगेश भारद्वाज
नई दिल्ली : इन दिनों एक नई मांग ने दिल्ली में फिर जोर पकड़ा है। और यह मांग भाजपा दिल्ली प्रदेश की और से केजरीवाल सरकार से की जा रही है। कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के 40 गांव के नाम बदले। लेकिन इसमे सबसे बडी हैरत और आश्चर्य की बात है। कि भाजपा दिल्ली प्रदेश भले ही 40 गांव के नाम बदलने का तर्क मुगलो की सराय का उद्धरण दे कर दे रही हो। किंतु नई दिल्ली नगर पालिका परिषद के अधीन आने वाली लुटियन दिल्ली के वो रोड जो अकबर,हुमायूं और शाहजहां के नाम पर है। उनके नाम बदलने को लेकर भाजपा दिल्ली प्रदेश ने आवाज क्यो नही उठायी? यह दो पैमाने कैसे हो सकते है। कि एक और दिल्ली के 40 गांवों के नाम इस तर्क पर बदल दिए जाएं कि दिल्ली देश की राजधानी है,कोई मुगलो की सराय नही तो फिर नई दिल्ली और लुटियन जोन में जो नाम अकबर,हुमायूं आदि के है। वो कौन थे?क्या उनके नाम बदलने नही चाहिए? बरहाल भाजपा के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि भारत और दिल्ली आज आजादी के 75वें वर्ष को अमृत महोत्सव के रुप में मना रही है और ऐसे में दिल्ली का कोई भी युवा नहीं चाहेगा कि प्रदेश के अंदर गुलामी के प्रतीक नाम हों, उसको कोई भी गांववाले पसंद नहीं करेंगे। इसलिए गांववाले आगे आकर मोहम्मदपुर गांव के नाम को बदलकर माधवपुरम करने का फैसला किया जिसपर कल मुहर लगाई गई। उन्होंने कहा कि दिल्ली बदल चुकी है और अब यह मुगलों का सराय नहीं बल्कि देश की राजधानी है और दिल्ली के गांव के लोग भी उसी स्वाभिमान के साथ जीना चाहते हैं। गांव का युवा आज अपनी गांव की पहचान किसी गुलामी के प्रतीक से नहीं जोड़ना चाहते हैं बल्कि वह देश के वीर सपूतों, महान विभूतियों एवं देश का मान बढ़ाने वाली हस्तियों के नाम से अपनी गांव की पहचान चाहते हैं।