लोकसभा में MCD को लेकर बिल पेश,मेयर की ताकत में इजाफा
– दोबारा होगा परिसीमन,250 सीटे तक होगी
– टाइगर कमांड
दिल्ली में तीनों नगर निगमों को एक करने का बिल लोकसभा में आज पेश कर दिया गया है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में इस बिल को पेश किया। जबकि बिल पेश किए जाने को लेकर कांग्रेस, आरएसपी और बीएसपी ने विरोध किया और इसे गलत बताया।
गौरतलब है कि इससे पहले दिल्ली एमसीडी चुनावों का ऐलान किया जाना था, लेकिन अचानक बताया गया कि केंद्र सरकार इसे लेकर बिल पेश करने जा रही है, इसीलिए चुनाव तारीखों का ऐलान टाल दिया गया. इसका सबसे ज्यादा विरोध दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी की तरफ से हुआ, पार्टी की तरफ से आरोप लगाया गया कि एमसीडी चुनाव में बीजेपी की हार हो रही है, इसीलिए चुनाव की तारीखों का ऐलान रोक दिया गया।
22 मार्च 2022 को दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन अमेंडमेंट एक्ट-2022 को केंद्र की कैबिनेट ने मंजूरी देकर एकीकरण के फैसले पर मुहर लगा दी थी। एकीकरण के बाद आरक्षित सीटों के गणित बदलेंगे. ऐसा इसलिए क्योंकि ईस्ट, साउथ, नॉर्थ एमसीडी के इलाके अलग-अलग हैं, लिहाजा उन इलाकों में रह रही अनूसूचित जाति के आधार पर सीटों का आरक्षण हुआ है. जबकि एकीकरण के बाद महिलाओं या अनूसूचित जाति के लिए आरक्षित सीटों के लिए दुबारा पूरी प्रक्रिया से गुजरना होगा। अभी मौजूदा 272 वार्ड में 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
वार्ड का परिसीमन दोबारा होगा
निगम में एकीकरण के बाद कुल वार्डों की संख्या 250 रहेगी। ऐसे में फिर से परिसीमन किया जाएगा। वार्ड का परिसीमन हर 10 साल में होता है. आखिरी बार 2016 में परिसीमन हुआ था. राज्य निर्वाचन आयोग ने बीते दिनों ही वार्ड रोटेशन किया था। जिससे बीजेपी, आप और प्रतिपक्ष के बड़े नेताओं की ये सीटें चली गईं। इससे तीनों अलग-अलग एमसीडी में हड़कंप मच गया, क्योंकि कुछ अपवाद को छोड़ दें तो अधिकतर पुरुष पार्षदों की सीट या तो महिला को दे दी गईं या अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो गईं।
विस्तृत खबर थोड़ी देर में…