केजरीवाल के अधिकारी ने दी आँगनबाड़ी महिलाओं के सिर काटने की धमकी,महिलाओं में आक्रोश FIR की मांग
– टाइगर कमांड
दिल्ली : पिछले एक महीने से ज्यादा जारी दिल्ली की आँगनबाड़ी महिलाओं की हड़ताल को लेकर अब महिला बाल विकास के संयुक्त निदेशक नवलेन्द्र कुमार ने हड़ताल कर रही आँगनबाड़ी महिलाओं के सिर काटने की धमकी देते हुए उन्हें लफंगा तक कहा है। इसको लेकर हज़ारो महिलाओं में आक्रोश व्याप्त हो गया उन्होंने आज इसको लेकर केजरीवाल के आवास का घेराव कर लिया और संयुक्त निदेशक के खिलाफ बर्खस्त और FIR की मांग की है। इस संदर्भ में यूनियन की अध्यक्ष ने बताया कि नवलेन्द्र कुमार सिंह ने अपने विभाग की सुपरवाइज़र और सीडीपीओ को कहा है कि सभी आंगनवाड़ी प्रोजेक्ट्स में जो भी वर्कर्स और हेल्पर्स हड़ताल में शामिल हुई हैं, उन्हें तत्काल टर्मिनेट किया जायेगा। इसमें आन्दोलन की नेताओं के लिए इन महोदय ने ‘लफंगा’ आदि जैसे अपशब्द इस्तेमाल करते हुए सीधे कहा है कि जो भी हड़ताल में शामिल हो रहे लोग हैं, उन सभी को नौकरी से निश्चित तौर पर निकाल दिया जायेगा। यहां तक कि हड़ताल में शामिल आंगनवाड़ीकर्मियों के सिर काट डालने तक की धमकी इसमें दी गयी है। स्पष्ट है कि भारत का संविधान हरेक नागरिक को अपने अधिकारों के हनन के विरोध में और अपने हक़ों के लिए हड़ताल करने, यानी काम रोकने का पूरा हक़ देता है। यह भी ज्ञात है कि संविधान किसी भी सरकार या सरकारी विभाग के लिए कर्मचारियों की प्रातिनिधिक यूनियन या संगठन से वार्ता कर विवाद के मसलों को हल करने को अनिवार्य बनाता है।
लेकिन नवलेन्द्र कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक, महिला एवं बाल विकास ने अपने इस ऑडियो मैसेज में सीधे हड़ताल करने के अधिकार को ही रद्द करते हुए हड़ताल करने को असंवैधानिक बताया है। इस मैसेज से यह भी सिद्ध हो गया है कि महिला एवं बाल विकास विभाग और उसके मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम की असली मंशा क्या है। मानदेय में मामूली सी एकतरफा और नाकाफी बढ़ोत्तरी वास्तव में वर्कर्स और हेल्पर्स को मूर्ख बनाने के लिए और फिर वापस बुलाकर टर्मिनेट करने के लिए फैलाया गया जाल मात्र है।
धमकी भरा यह वीडियो वैसे तो भारत के लोकतंत्र की दुहाई देता है, लेकिन हड़ताल की स्त्री नेत्रियों के विरुद्ध अभद्र भाषा का प्रयोग करता है और हड़ताली वर्कर्स और हेल्पर्स का ‘’सिर फ़रोश’’ करने यानी सिर काटने की धमकी देता है। यह मैसेज कहता है कि जो भी आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स हड़ताल में शामिल हुए हैं, उनका टर्मिनेशन तय है और विभाग सीडीपीओ और सुपरवाइज़रों को पूरा खुला हाथ देता है कि सभी हड़ताली वर्कर्स और हेल्पर्स के नाम दे जिससे कि उन सभी को टर्मिनेट किया जा सके।
यह मैसेज पूरी तरह से असंवैधानिक और ग़ैर-कानूनी है और आंगनवाड़ी की दर्ज कराने जा रही है। यह सारी कार्रवाई आम आदमी पार्टी सरकार के मुख्यमन्त्री अरविन्द केजरीवाल और मंत्री राजेन्द्र पाल गौतम के इशारे पर हो रही है।
इस ऑडियो सन्देश के ज़रिये नवलेन्द्र सिंह द्वारा दी गयी धमकी से साफ़ हो चुका है कि महिला एवं बाल विकास विभाग और उसके मन्त्री का इरादा मसले का हल करना नहीं है, बल्कि हड़तालरत आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स को काम से बाहर निकालना है और इसी के लिए उन्हें धोखा देकर काम पर बुलाया जा रहा है क्योंकि उन्हें पता है कि जब तक हड़ताल जारी रहेगी तब तक न तो आंगनवाड़ी केन्द्र खुलेंगे, न वर्कर्स और हेल्पर्स आएंगी और उनको टर्मिनेट करने की स्थिति में हड़ताल और भी तेज़ हो जायेगी। ऐसे में, दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स यूनियन स्पष्ट करती है कि ऐसे असंवैधानिक और गैर-कानूनी धमकी भरे संदेश से आंगनवाड़ी की संघर्षरत बहनें डरती नहीं हैं, बल्कि इससे संघर्ष करने का उनका दृढ़ संकल्प और भी मज़बूत होता है। इस मैसेज का जवाब आंगनवाड़ी वर्कर्स और हेल्पर्स अपनी हड़ताल को और भी तेज़ करके देंगी और नवलेन्द्र सिंह के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी यूनियन तत्काल ही शुरू करेगी।