यूक्रेन -रूस युद्ध संकट:
कठिन दौर में अभिभावकों ने मांगी पीएम मोदी से मदद
*कल अलीगढ़ से जा सकते हैं दिल्ली !
– कुलदीप शर्मा
अलीगढ़।यूक्रेन में गुरुवार को रूस द्वारा सुबह तड़के से की जा रही बमबारी से जहां यूक्रेन दहल गया है, वहीं वहाँ फंसे भारतीय बच्चों को पूरी सुरक्षा के साथ भारत वापस लाने की अभिभावकों ने पीएम मोदी से गुहार लगाई है।
स्थानीय धीरज पैलेस में इंडो-यूक्रेन मेडिकल स्टूडेंट्स गार्जियन एसोसिएशन की आयोजित हुई अहम बैठक में असहाय से दिखे अभिभावक टीवी चैनलों से अपडेट लेते दिखे।वहीं, आज हमला ग्रस्त यूक्रेन की राजधानी कीव के इंटरनेशनल एयरपोर्ट से हवाई जहाज से न जा पाए अलीगढ़ के कुछ बच्चों के बीच मे ही फंस जाने से अभिभावकों की चिंता की लकीरें बड़ा दी है।इमरजेंसी लागू कर सभी उड़ाने रद्द कर दी गई हैं।अधिकांश बच्चों की फ्लाइट की टिकटें बुक हो गई थीं।लेकिन अब सब स्थगित हो गया है।
मोबाईल की बैटरी खत्म होने की वजह से बच्चों से कुछ समय के लिए अभिभावकों का सम्पर्क टूट गया।वो सुरक्षित स्थान तलाशते रहे।उनपर जो भी खाद्य सामग्री थी वो भी खत्म हो रही है।पूरा यूक्रेन बंद है। वहां के नागरिक भी सुरक्षित रहने के लिए पश्चिमी देश पोलैंड की तरफ सड़क मार्ग से जा रहे।जिसकी वजह से सड़क मार्ग पर जाम लगा हुआ है।हालांकि भारतीय दूतावास द्वारा जारी की गई नई एडवाइज़री जिसमें ,सभी भारतीय बच्चों को खुले स्थानों पर न जा कर केवल सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील किये जाने के बाद, भारतीय दूतावास से भी बच्चों का सम्पर्क टूटना बताया गया ।
यूक्रेन में भारत के राजदूत पार्थ सतपथे ने एक और एडवाइज़री जारी कर कहा है कि भारत सरकार इस कठिन समय मे समस्या का समाधान ढूंढ रहा है और एम्बेसी से सम्पर्क के नए नंबर जारी कर दिए है।
मगर ,युद्ध की दहशत के बीच बच्चे व अभिभावक खासे परेशान हैं। उक्त जानकारी अभिभावक पंकज धीरज व आमोद उपाध्याय ने देते हुए बताया कि अब सभी को केवल देश के पीएम नरेंद्र मोदी से ही उम्मीद है कि वो ही इस जान जोखिम बाली विषम परिस्थिति में मददगार साबित हो सकते हैं।
यहां हुई अभिभावक एसोसिएशन की बैठक में जहां बच्चों के भारत सुरक्षित वापस आने की ईश्वर से प्रार्थना की गई।वहीं, पीएम मोदी जी से वहां फंसे अलीगढ़ व यूपी के बच्चों को सुरक्षित रूप से भारत में एयर लिफ्ट करवाने की व माहौल को शांत करवाने की अपील की है।अलीगढ़ मंडल से ही करीब चार दर्जन मेडिकल विद्यार्थी वहां फंसे हुए हैं। बैठक में निर्णय हुआ कि अगर भारत सरकार कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लेती है तो स्थानीय अभिभावक बच्चों की सुरक्षा के लिए शुक्रवार को दिल्ली कुंच कर मांग रखेंगे। बैठक में ममता वार्ष्णेय, पुनीत अरोरा,डॉ विश्वमित्र आर्य ,सुधा सिंह, प्रदीप वार्ष्णेय,रतन वार्ष्णेय आदि सहित अन्य अभिभावक उपस्थित रहे।