साइबर क्राइम रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने की नीमड़ी धर्मशाला शास्त्री नगर में बैठक
– साइबर क्राइम के हर वॉर पर दिल्ली पुलिस की पैनी नजर
– टाइगर कमांड
दिल्ली : साइबर के किसी भी तरह के अपराध पर अंकुश लगाने के लिए गृह मंत्रालय और भारत सरकार लगातार काम कर रही है,नेशनल पोर्टल की शुरुआत की गई है,साथ ही दिल्ली साइबर पर वार करने के लिए विशेष स्तर पर कार्य शुरू किए गए है। पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना ने अब हर जिले में साइबर थाने बनाने की पहल है,देश में दिल्ली राजधानी की पुलिसिंग में ऐसा होगा कि जहां हर जोन में साइबर थाने होगे जो केवल साइबर और हनीट्रैप से जुड़े केस पर काम करेगें। इसको लेकर अब दिल्ली पुलिस के हर थाने को क्षेत्र में जनता के बीच जाकर सतर्कता बैठक करने के निर्देश दिए गए है। जिसके तहत आज उत्तरी दिल्ली के शास्त्री नगर की नीमड़ी धर्मशाला में दिल्ली पुलिस ने नागरिकों के साथ मीटिंग की जिसमे क्षेत्र के कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। आपको बता दे कि दिल्ली पुलिस ने हाल में 1500 से अधिक साइबर एक्सपर्ट पुलिसकर्मियों को तैयार किया है,जो दिल्ली में होने वाले साइबर अटैक पर बखूबी काम कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने अब तक के घटे साइबर अपराधों पर 90 फीसदी से अधिक सफलता पाई है साथ ही दिल्ली में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर पर पुरी तरह से अंकुश लगाया है। इसके अलावा जल्द ही दिल्ली पुलिस पुलिस आयुक्त की पहल पर ही 2000 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को और ट्रैंड करने जा रही है जो साइबर के हर वार का मुस्तैदी से जवाब देगें।
यह है दिल्ली पुलिस की तैयारी
– देश में पहली ऐसी पुलिस को बनाने का श्रेय,जहां हर डिस्ट्रिक्ट को दिए अलग अलग साइबर थाने।
– साइबर क्राइम पर अंकुश के लिए विशेष ट्रेनिंग, अब 250 से ज्यादा सब इंस्पेक्टर ओर पुलिसकर्मियों को किया तैयार।
– साल भर में सभी प्रमुख थानों में साइबर एक्सपर्ट तैनात कने की कोशिश।
– चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर उठाए सख्त कदम
– ऑपरेशन मासूम के जरिये कई दोषियों को पहुंचाया जेल
– क्राइम ब्रांच व स्पेशल सेल की साइबर टीम के साथ लगातार होती है बैठक
पुलिस के आंकड़ो को देखे तो गत एक वर्ष में साइबर अपराध 90 फीसदी, ऑनलाइन बैंकिंग से जुड़े अपराध 72 फीसदी और बीते 3 माह में हनीट्रैप के केस में 52 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। भारत सरकार के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल के आंकड़ों को देखे तो 18 महीनों में साइबर अपराध की 3,17,439 घटनाएं हुई और 5,771 प्राथमिकी ऑनलाइन माध्यम से दर्ज की गई जो गत 10 वर्षो की तुलना में तीन गुना से ज्यादा हैं।
साइबर फ्रॉड हो जाए तब क्या करें?
अगर इतनी सावधानियों के बाद भी आपके साथ साइबर फ्रॉड हो जाए, तब क्या करना चाहिए? सबसे पहले साइबर क्राइम पोर्टल ड्बल्यूडबल्यूडबल्यू.साइबरक्राइम.गॉव.इन या 155260 पर शिकायत दर्ज कराएं। दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, असम, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के निवासियों के लिए हेल्पलाइन 155260 उपलब्ध है। साइबर क्राइम की कंप्लेंट करने के लिए बनाया गया यह पोर्टल देश के गृह मंत्रालय के अंदर काम करता है।
इसमें शिकायत करने के बाद लोगों को थाने के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसमें ऑनलाइन ही कंप्लेंट दर्ज की जाती है और उसका निवारण भी ऑनलाइन ही मिल जाता है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें पहचान को गुमनाम रखकर भी कंप्लेंट की जा सकती है।साइबर क्राइम हुआ है या फिर आपके इसके शिकार हुए हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना है। यह वेबसाइट हिंदी और इंग्लिश दोनों ही भाषा में काम करती है।
– इस वेबसाइट में रिपोर्ट साइबर क्राइम रिलेटेड टू वूमेन/चाइल्ड और रिपोर्ट अदर साइबर क्राइम के दो भाग दिए गए हैं। यूजर को जिस तरह की शिकायत दर्ज करनी है और उस पर क्लिक करना होगा।
– अदर साइबर क्राइम के तहत धोखाधड़ी, फिशिंग, हैकिंग और फ्रॉड जैसे मुद्दें आते हैं। इस पर क्लिक करने के बाद फोन नंबर, नाम समेत अन्य जानकारी पूछी जाएगी, जिन्हे दर्ज करना होगा।
– साइबर क्राइम रिलेटेड टू वूमेन/चाइल्ड में ऑनलाइन बुलिंग, पोर्नोग्राफी और सेक्सुअली एक्सप्लिसिट आते हैं। इस तरह की शिकायत होने पर इस भाग में दर्ज करें।
– इसमें रिपोर्ट एनोनिमसली (गुमनाम तौर पर) और रिपोर्ट एंड ट्रैक के विकल्प मिलते हैं। इन ऑप्शन के तहत यूजर चाहें तो अपनी पहचान को गुमनाम रख कर साइबर क्राइम के तरह कंप्लेंट कर सकते हैं। वहीं चाहें तो दूसरे तरीके से भी अपनी इच्छा अनुसार विकल्प का चयन कर सकते हैं।
– जब आप क्राइम कैटेगरी का चयन करते हैं तो उसके बाद आरोपी का नाम, जगह और सबूत मांगे जाएंगे। सबी जरूरी जानकारियों को दर्ज करने के बाद कंप्लेंट को सबमिट करना है।
– जब आप साइबर क्राइम रिपोर्ट कर देंगे तो उसके बाद आपको कंप्लेंट आइडी मिलेगी जो कि एक यूनिक नंबर के तौर पर होगी। जब आपको बाद में अपनी कंप्लेंट को ट्रैक करना होगा तो उसके लिए उस यूनिक नंबर को फॉलो करना पड़ेगा।
– जब आपने कंप्लेंट दर्ज कर ली है तो उसका स्टेटस जानने के लिए आपको उसे ट्रैक करना होगा। इसे ट्रैक करने के लिए आधिकारिक वेबसाइट लॉगिन करना पड़ेगा। लॉगिन करने के बाद रिपोर्ट एंड ट्रैक पर क्लिक करना होगा।
– इसके लिए यूजर को यूनिक नंबर के तौर पर दी गई कंप्लेंट आईडी को दी गई जगह पर दर्ज करना है। दर्ज करने के बाद यूजर को राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल द्वारा उठाए गए कदमों समेत पूरी कार्यवाही की जानकारी मिलेगी।
मौजूदा समय में राजधानी में इस तरह से हो रही साइबर ठगी
– क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड की जानकारी जुटाकर ठगी।
– फर्जी शॉपिंग साइट और ई-कॉमर्स पोर्टल बनाकर ठगी।
– कोविड केयर या मानवता के नाम पर ठगी।
– नौकरी का विज्ञापन निकालकर ठगी।
– पीएम केयर फंड और प्रधानमंत्री बीमा योजना के नाम पर ठगी।
– ओएलएक्स, फेसबुक और क्वीकर जैसे ई-कॉमर्स वेबसाइट पर सामान बेचने और खरीदने के नाम पर ठगी।
– ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग के मामले।
– फेसबुक और मैट्रिमोनियल वेबसाइट से दोस्ती कर ठगी
– इंश्योरेंस पॉलिसी मैच्योर होने या इंश्योरेंस पॉलिसी पर कैशबैक के नाम पर ठगी