दिल्ली के आंगनबाड़ी यूनियन की 6 दिन भी हड़ताल जारी,मोदी और केजरीवाल सरकार दोनो से खफा
– चुनावों में हो सकता है दोनों सरकारों को खतरा
टाइगर कमांड
दिल्ली : राजधानी दिल्ली में 31 जनवरी से शुरू हुए आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों के धरना प्रदर्शन को आज छठा दिन हो गया है। महिलाओं ने कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है। उन्हें लुभाने वादे केजरीवाल सरकार ने दिखाए, लेकिन उनको पूरा नहीं किया गया। जबकि इस मामले में मोदी सरकार भी कम नही निकली मोदी सरकार तो पिछले 4 सालों से मानदेय वर्द्धि के अंशदान को अभी तक नही दे पाई है। यूनियन अध्यक्ष शिवानी ने कहा कि
केजरीवाल सरकार केवल गोवा और पंजाब में दिल्ली के झूठे विकास मॉडल और आंगनवाड़ीकर्मियों के झूठे बढ़ाए गए मानदेय को लेकर प्रचार किए जा रहे हैं।आंगनवाड़ी महिला यूनियन की अध्यक्ष ने बताया कि वे एक टीम बनाकर गोवा और पंजाब जाएंगी जहां पर सरकार की सच्चाई लोगों के सामने लेकर आएंगे। आपको बता दे कि अकेले दिल्ली के अंदर ही 22 हज़ार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्र है। जिसमे एक वर्कर और हैल्पर होती है। यदि इनके ही वोट माने जाए तो 50 हज़ार से ऊपर ही इनके खुद वोट है। यदि इसमे इनके परिबार के वोट भी जोड़ दिए जाएं तो यह लाखो में हो जाते है। दूसरी और यह केंद्र जमीनी स्तर पर केंद्र और राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण योजनाओं को घर घर पहुचाती है। यदि वक्त रहते मोदी और केजरीवाल सरकार ने इनकी समस्यों पर गौर नही किया तो यह तय है।की चुनावी समर में आप और बीजेपी दोनो को नुकसान हो सकता है।
आंगनवाड़ी महिलाकर्मियों की ये हैं मांगें
1. एक अक्टूबर 2018 से लागू मानदेय वृद्धि की बकाया राशि का तुरंत भुगतान किया जाए.
2. आंगनबाड़ीकर्मियों को रिटायरमेंट की सुविधा दी जाए.
3. सहेली समन्वय केंद्र खोलने व नई शिक्षा नीति के फैसले वापस लिए जाएं.
4. आंगनबाड़ी महिलाकर्मियों के कार्य दिवस को बढ़ाने का फैसला तत्काल वापस लिया जाए.
5. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए.
6. ईएसआई, पीएफ और पेंशन जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाए.
7. सामाजिक सुरक्षा कार्ड दिए जाएं.
8. आंगनबाड़ी केंद्रों पर सूखे खाने को नियमित किया जाए.
9. फोन और इंटरनेट बिल का भुगतान नियमित हाे.
10. डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम रद्द की जाए.
11. पोषण ट्रैकर एप बंद किया जाए.