शास्त्री नगर में सरकारी संपत्ति से अवैध होर्डिंग उतारने पर नगर निगम के कर्मचारियों के साथ गालीगलौज, धमकी
– फर्जी पत्रकार को बुलाकर झूठे आरोप लगाए
– जब इंडस्ट्रीज ही नही तो किस बात की संस्था
-टाइगर कमांड
शास्त्री नगर: यहाँ नगर निगम कर्मचारियों के साथ एक कथित इंडस्ट्रीज ट्रेडर्स वेलफेयर नाम की संस्था के कथित प्रधान ने अपनी संस्था के सरकारी संपत्ति पर लगे अवैध होर्डिंग उतारने पर गाली गलौच और धमकी देते हुए रिश्वत के झूठे आरोप लगाए है।
नगर निगम कर्मचारियों से जानकारी लेने पर मालूम हुआ कि जब दिल्ली सरकार और निगम के सरकारी संपत्ति विरूपित अधिनियम के तहत अवैध होर्डिंग उतारने निगम के कर्मचारी शास्त्री नगर के ए ब्लॉक में पहुचे और सरकारी संपत्ति से अवैध होर्डिंग उतारा तो वहाँ इस कथित संस्था के कथित प्रधान ने निगम कर्मचारियों के साथ गाली गलौच की और उन पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया। जिस पर निगम कर्मचारियों ने कहाँ की वह नियम कर कानून के अनुसार काम कर रहे है। इस पर कथित प्रधान ने एक फर्जी पत्रकार को बुलाकर वहा अनैतिक दबाब बनाने की कोशिस की और एक झूठा वीडियो बनाकर कुछ गुर्गो से वायरल कराना शुरू कर दिया।
सरकारी संपत्ति पर नही लग सकते होर्डिंग,पोस्टर..
दिल्ली सरकार के सरकारी संपत्ति विरूपित अधिनियम और निगम के कानून के तहत सरकारी सम्पतियों पर किसी भी प्रकार के होर्डिंग,पोस्टर लगाना गैरकानूनी है। और इसके कानून में सख्त प्रवधान है के साथ सजा भी है।
वीडियो में प्रधान ने होर्डिंग कहाँ लगा है क्यो नही बताया?
गौरतलब पहलु तो यह है ।कि जिस वीडियो में प्रधान निगम कर्मचारियों पर रिश्वत का आरोप लगा रहा है। वो यह क्यो नही बता रहा कि होर्डिंग कहाँ लगा था?
जिसने फर्जी पत्रकार ने वीडियो बनाया उसको जारी है फर्जी खबर पर नोटिस..
अब दूसरी बात यह है। कि जिस फर्जी पत्रकार ने यह वीडियो बनाया है। उस पर तो पहले ही फर्जी खबर बनाने के लिए प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से नोटिस आया हुआ है। उसके वीडियो बनाकर उसके फर्जी गुर्गो के द्वारा यह वीडियो वायरल किया गया
क्या हो सकती है सजा….
इस मामले में यदि निगम कर्मचारियों ने FIR कर दी तो दिल्ली सरकार और निगम के कानूनों के अनुसार जमानत मिलना भी मुशिकल हो सकती है।
जब शास्त्री नगर में इंडस्ट्रीज ही नही तो संस्था कैसी…
सबसे बड़ी बात जब शास्त्री नगर में इंडस्ट्रीज ही नही है। तो संस्था किस बात की जबकि संस्था के होर्डिंग में जिन लोगो के फोटो लगे है उसमें से 80 फीसदी लोगो की तो इंडस्ट्रीज ही नही है।