अब दिल्ली जल बोर्ड देगा घरेलू पानी के कनेक्शन, लोगों को बिचौलियों से मिलेगी निजात – सत्येंद्र जैन*
*- केजरीवाल सरकार ओखला में बनाएगी 20 एमजीडी क्षमता का आरओ प्लांट
*- दिल्ली में बेहतर सरकार व नागरिक के बीच समन्वय के लिए बनेगी जल एवं सीवरेज कमेटी
*-रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए आर्थिक सहायता के लिए बनाए जाएंगे नए स्लैब
*- दिल्ली सरकार 153 करोड़ रुपये की लागत से अपने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों को करेगी अपग्रेड
*- दिल्ली सरकार अगले तीन साल में दिल्ली की सभी रिहायशी कॉलोनियों में सीवर लाइन लगाने के लिए प्रतिबद्ध
टाइगर कमांड
दिल्ली के जल मंत्री और दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने मंगलवार को दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के अधिकारियों के साथ एक अहम बैठक की। बैठक में दिल्ली सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के संबंध में महत्वपूर्ण चर्चा की गई। इस दौरान डीजेबी के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने घरों में पानी के कनेक्शन से संबन्धित एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि अब से सभी घरेलू पानी के कनेक्शन दिल्ली जल बोर्ड द्वारा ही जारी किए जाएंगे। इससे लोगों को बिचौलियों से निजात मिलेगी। इसके अलावा, जल मंत्री ने ओखला में 20 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) की क्षमता का एक आरओ प्लांट लगाने की परियोजना को मंजूरी दी। इस बैठक में दिल्ली सरकार और जनता के बीच बेहतर समन्वय बनाने के लिए जल और सीवेज समिति गठित करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। जल मंत्री ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में दी जाने वाली वित्तीय सहायता के स्लैब में भी बदलाव करने के निर्देश दिए। इसके तहत अब सभी श्रेणियों को हटाकर केवल दो श्रेणियों को ही रखा गया है। यानी अब 500 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले घरों के लिए 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी और 500 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल वाले मकानों के लिए 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी। दिल्ली सरकार 153 करोड़ रुपए की लागत से दिल्ली के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों को नए तरीके से विकसित करेगी। दिल्ली सरकार 3 साल की अवधि में सभी रिहायशी कॉलोनियों में सीवर लाइन डालने के लिए प्रतिबद्ध है। इस संबंध में संगम विहार में सीवर लाइन बिछाने के काम को मंजूरी मिल गई है। इसके अलावा, शाहबाद की कॉलोनियों में, सारंगपुर, गालिबपुर, काजीपुर और खेरा डाबर की कॉलोनियों में सीवर लाइन बिछाने और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इस कार्य को 2 साल के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।
मंगलवार को दिल्ली जल बोर्ड की बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। इसके तहत अब डीजेबी सभी उपभोक्ताओं को घरेलू पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराएगा। इसमें पानी की पाइप लाइन बिछाना और उपभोक्ता के घर तक मीटर लगाना शामिल है। इससे दूषित पानी की समस्या से निजात मिलेगी और अनाधिकृत कनेक्शन कम होंगे, जिसकी वजह से डीजेबी के नेटवर्क में काम करने वाले मीटरों की संख्या में वृद्धि होगी। डीजेबी वर्तमान में 13,000 किलोमीटर से अधिक पानी की पाइपलाइन नेटवर्क का रखरखाव करता है। अब तक घर में पानी का कनेक्शन लगाने की जिम्मेदारी उपभोक्ता की ही थी। इस वजह से कई समस्या आती थी, जैसे पाइपलाइन के जोड़ों से पानी का रिसाव और पानी दूषित होना। नई नीति के अनुसार, डीजेबी अब मौजूदा कॉलोनियों में पुरानी पाइप लाइनों को ठीक करने के साथ-साथ आने वाली कॉलोनियों में मीटर के साथ पानी के नए कनेक्शन लगाएगा। इसके लिए डीजेबी ने ए, बी, सी श्रेणी के तहत कॉलोनियों के लिए 4000 रुपये की लागत को मंजूरी दी है। डी और ई श्रेणी के लिए 2000 रुपये और एफ, जी, एच श्रेणी की कॉलोनियों और गांवों के लिए 1,000 रुपये की फ्लैट दर को मंजूरी दी है। व्यवसायिक कनेक्शनों के लिए दर घरेलू श्रेणी से दोगुनी होगी अर्थात 8,000; 4,000 और 2,000 रुपये है।
डीजेबी ओखला में 20 एमजीडी (मिलियन गैलन प्रति दिन) की क्षमता का एक आरओ प्लांट बनाने जा रहा है। बैठक में डीजेबी अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने इस परियोजना को मंजूरी दे दी है। इसके तहत रोजाना 20 एमजीडी पीने योग्य पानी का वितरण किया जाएगा, जो कि पाइप लाइन के द्वारा दिल्ली की जनता के घरों तक पहुंचाया जाएगा। इस आरओ प्लांट में पानी की आपूर्ति झीलों और भूजल से की जाएगी। जमीन से पानी सिर्फ उन इलाकों से निकाला जाएगा, जहां पानी का स्तर काफ़ी ऊपर है। इस परियोजना को मई 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना से दिल्ली के 8-10 निर्वाचन क्षेत्रों को तत्काल राहत मिलेगी। इस परियोजना में निजी निवेशक निवेश करेंगे तथा आरओ प्लांट को 15 साल तक चलाएँगे। डीजेबी इन निवेशकों से स्वच्छ पेयजल खरीदेगा। इसके अलावा, डीजेबी अगले 8 महीनों में आरओ प्लांट की कुल 100 एमजीडी क्षमता बनाने की परियोजनाओं पर भी काम कर रहा है।
किसी भी बेहतर शासन व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए जनता की भागीदारी होना आवश्यक होता है। जनता को सरकारी सुविधा का पूर्ण लाभ मिले, इसके लिए शिकायत केंद्र और संचार केंद्र की मुख्य भूमिका होती है। इसलिए डीजेबी ने नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और डीजेबी अधिकारियों से मिलकर वार्ड और जोन स्तर पर जल एवं सीवेज समिति के गठन को मंजूरी दी है। यह समिति दो स्तर पर होगी, एक वार्ड के स्तर पर और दूसरी जोन के स्तर पर। वार्ड स्तरीय समिति में 7 सदस्य होंगे तथा जोनल कमेटी में 12 सदस्य होंगे।
जल मंत्री ने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में दी जाने वाली वित्तीय सहायता के स्लेब में भी बदलाव करने के निर्देश दिये हैं। इसमें अब सभी श्रेणियों को हटाकर केवल दो श्रेणियों को ही रखा गया है। यानी अब 500 वर्ग मीटर से कम क्षेत्रफल वाले घरों के लिए 25,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी और 500 वर्ग मीटर या इससे अधिक क्षेत्रफल वाले मकानों के लिए 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।
यमुना नदी में प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। इसके तहत 14 सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में वातन तंत्र यानी ऐरेशन तंत्र लगाए जाएंगे, जिनकी क्षमता 220 एमजीडी होगी। इस ऐरेशन प्रणाली द्वारा पानी की गुणवत्ता में सुधार होगा और मौजूदा बायोकेमिकल ऑक्सीजन डिमांड (बीओडी) को 20-30 मिलीग्राम/लीटर के स्तर से घटाकर 10 मिलीग्राम /लीटर तक लाया जाएगा। इस परियोजना की लागत 153 करोड़ रुपये होगी और इसे 1 साल में पूरा किया जाएगा। इस परियोजना के अंतर्गत प्रतिदिन यमुना में बहने वाला लगभग 10,000 किलोग्राम आर्गेनिक प्रदूषक कम होगा।