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कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर बोला हमला,पेश किया संकल्प पत्र, देखिये पूरा संकल्प पत्र

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर बोला हमला,पेश किया संकल्प पत्र, देखिये पूरा संकल्प पत्र
– टाइगर कमांड
नई दिल्ली: कांग्रेस कार्यसमिति की आज शनिवार सुबह 10 बजे अहम बैठक शुरू हुई। इस बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष (Congress President) समेत पूरे संगठन में चुनाव पर सहमति बनती नजर आ रही है. कांग्रेस कार्यसमिति (CWC Meet) की बैठक में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कृषि कानूनों, महंगाई और लखीमपुर खीरी कांड को लेकर बीजेपी पर जमकर हमला बोला। सोनिया गांधी ने कहा कि लखीमपुर खीरी कांड ने बीजेपी की मानसिकता उजागर कर दी है. उन्होंने अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि सरकार की सिर्फ एक नीति है, बेचो, बेचो और बेचो. उन्होंने पार्टी में असंतुष्टों को नसीहत देते हुए कहा कि मीडिया के जरिये वे उनसे बात न करें. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि  कांग्रेस (Congress) की इस शीर्ष निर्णय लेने वाली कांग्रेस कार्य समिति (Congress Working Committee) की बैठक में संगठनात्मक चुनावों को हरी झंडी दे दी गई है अध्यक्ष पद के लिए अंतरिम चुनाव की बजाय पूर्णकालिक कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव शामिल है.वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था और सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी थीं. कांग्रेस कार्यसमिति (CWC Meet) की शनिवार को सुबह 10 बजे अहम बैठक होने वाली है.बैठक में कांग्रेस के नए अध्यक्ष (Congress President) के चुनाव पर कोई फैसला हो सकता है. माना जा रहा है कि जिले से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक सदस्यता की चुनावी प्रक्रिया पूरी होने तक सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद पर बने रहने के आसार हैं।

इस निर्णय पर सीडब्ल्यूसी की बैठक में मुहर लगने की संभावना है। पार्टी के असंतुष्ट नेताओं के समूह जी-23 (G-23)  में शामिल गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा ने पार्टी में आंतरिक चुनाव का मुद्दा उठाया था।  सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस कार्यसमिति के ज्यादातर सदस्यों का मत है कि सदस्यता अभियान चलाया जाए और जमीनी स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक चुनाव कराए जाएं। इसमें कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पूर्णकालिक चुनाव शामिल है. अगले साल 2022 में यूपी, पंजाब समेत कई राज्यों में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव होने हैं।

कांग्रेस कार्यसमिति का संकल्प पत्र

कांग्रेस कार्यसमिति ने देश के राजनैतिक हालात की समीक्षा की है। कांग्रेस कार्यसमिति देश के समक्ष विभिन्न समस्याओं और उनसे निपटने की चुनौतियों में मोदी सरकार की विफलता को देखकर चिंतित है। दरअसल, मोदी सरकार की विनाशकारी नीतियों ने स्थिति को और अधिक भयावह बना दिया है, जिसका प्रभाव नागरिकों पर भारी बोझ के रूप में पड़ा है

कांग्रेस कार्यसमिति देश की कमजोर होती बाहरी और आंतरिक सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित है। लद्दाख में हुई झड़प, जिसमें 20 सैनिकों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, उसके लगभग 18 महीने बाद भी चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय जमीन पर कब्जा बरकरार है। कई दौर की बातचीत हो जाने के बाद भी, चीन हमारी भारतीय जमीन से पीछे नहीं हटा है; और न ही हम उन इलाकों पर पुरानी यथास्थिति को बहाल कर पाए हैं। चीन के आक्रामक रुख और पाकिस्तान द्वारा लगातार घुसपैठ ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा को बहुत कमजोर कर दिया है। अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन और तालिबान के कब्जे के बाद, स्थिति और भी गंभीर हो गई है, लेकिन मोदी सरकार या तो बेखबर है, या गहरी नींद में सोई हुई है। आतंकवादी हमले बढ़े हैं, जिनमें सुरक्षा बलों व भोले-भाले नागरिकों ने अपनी जान गंवाई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन, या प्रशासन के नाम पर जो कुछ भी वहां चल रहा है, वह अक्षम, शक्तिहीन और पंगु है। भविष्य के लिए पूर्ण राज्य की बहाली और लोकतांत्रिक चुनावों का आयोजन जरूरी है।

देश के अन्य हिस्सों में, विशेष रूप से असम, नागालैंड और मिजोरम में, सुरक्षा संबंधी खतरे बढ़े हैं। राज्यों के बीच विवाद भड़क उठे हैं, जिससे सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों के मन में एकाएक भय उत्पन्न हो गया है। मोदी सरकार के अनाड़ी रवैये से नागा शांति वार्ता को गंभीर झटका लगा है।

ड्रग्स की तस्करी में भारी बढ़ोत्तरी हुई है। गुजरात के अडानी पोर्ट से 3,000 किलोग्राम हेरोइन के बरामद होने तथा एक और बड़ी खेप के भारत में सफलतापूर्वक आयात होने की खबर इस बात का अनुमान देती है कि देश में गैरकानूनी धंधा कितने विकराल रूप में मोदी सरकार की निगरानी में फल-फूल रहा है।

अर्थव्यवस्था में लगातार हो रही गिरावट बड़ी चिंता का विषय है। 2020-21 में अर्थव्यवस्था औंधे मुंह गिरने के बाद, मोदी सरकार ने वी-शेप में सुधार का दावा किया था। लेकिन अर्थव्यवस्था के सभी संकेत विभिन्न क्षेत्रों में सुधार की असमान व रेंगती चाल की ओर इशारा करते हैं। मंदी व महामारी की मार से खोई हुई नौकरियां अभी तक वापस नहीं मिली हैं; बंद हो चुकी माईक्रो व लघु इकाइयां फिर से शुरू नहीं हो पाई हैं। लाखों परिवारों पर बेरोजगारी और ऊंची कीमतों की दोहरी मार पड़ रही है।

खेती के तीन काले कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 10 महीने बाद भी जारी है। अहंकार में डूबी मोदी सरकार ने किसानों से बात करने से भी इंकार कर दिया है और जब पुलिस एवं कुछ कुत्सित भाजपाई कार्यकर्ता उनके साथ हिंसा करते हैं, तो वह केवल एक मूक दर्शक बनकर देखती रहती है। लखीमपुर खेरी की दुखद घटना किसानों की आवाज को दबाने के प्रयास को केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे आधिकारिक समर्थन का एक स्पष्ट उदाहरण है। किसानों की नृशंस हत्या की निंदा करने और गृह मामलों के लिए राज्य मंत्री को बर्खास्त करने से प्रधानमंत्री मोदी के इंकार ने देश की अंतरात्मा को झकझोर कर रख दिया है।

कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशंस पर गहरी चिंता व्यक्त करती है, जिनके तहत केंद्रीय सुरक्षा बलों के अधिकारी किसी भी स्थान की तलाशी ले सकते हैं और किसी को भी गिरफ्तार कर सकते हैं तथा किसी भी केंद्रीय अधिनियम के तहत किसी भी संज्ञेय अपराध को रोकने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर किसी भी व्यक्ति की तलाशी ले सकते हैं। यह राज्यों के अधीन विशिष्ट शक्तियों और राज्य पुलिस की शक्तियों पर खतरनाक रूप से अतिक्रमण है। इन अधिसूचनाओं को निरस्त करने के लिए मोदी सरकार को मजबूर करने के लिए कांग्रेस पार्टी सभी हितधारकों और अन्य राजनैतिक दलों के साथ-साथ राज्य सरकारों से परामर्श करेगी और इस मामले में एक कार्ययोजना तैयार करेगी।

कांग्रेस कार्यसमिति दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर होने वाले बेलगाम और अनियंत्रित राज्य प्रायोजित हमलों पर भी चिंता व्यक्त करती है। कांग्रेस पार्टी इन सभी विघटनकारी तत्वों का साहसपूर्ण व निर्णायक रूप से मुकाबला करेगी और देश के सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगी।

देश की आर्थिक स्थिति भयावह है। पेट्रोल और डीजल पर भारी टैक्स लगाकर उगाहे गए पैसे के बूते अपनी सरकार चलाने में भी मोदी सरकार को कोई शर्म नहीं। अपनी कमजोर वित्तीय स्थिति को छिपाने के लिए, मोदी सरकार ने पिछले 70 सालों में बनाई गई इस देश की बहुमूल्य संपत्ति को आनन-फानन में बेचना शुरू कर दिया है। यह सार्वजनिक रूप से माना जा रहा है कि पोटर््स, एयरपोटर््स, पॉवर एवं टेलीकम्युनिकेशंस में सबसे बहुमूल्य संपत्तियां उन चुनिंदा व्यवसायिक घरानों को बेच दी जाएंगी, जो मोदी सरकार के मित्र हैं।

लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमला मोदी सरकार के कारनामों का एक और दुखद व लज्जाविहीन पहलू है। भारत ने लोकतंत्र के रूप अपनी मान्यता खो दी है, इसे अब निर्वाचित एकतंत्र (इलेक्टोरल ऑटोक्रेसी) के रूप में देखा जाने लगा है। संसद की तिरस्कारपूर्ण अवमानना की गई। कोर्ट व ट्राईब्यूनल्स में रिक्त पड़े पदों को न भरकर न्यायपालिका को कमजोर किया गया। सूचना आयोग, चुनाव आयोग और मानवाधिकार आयोग जैसे स्वतंत्र प्रहरी निकायों को कमजोर कर उन्हें शक्तिहीन कर दिया गया। मीडिया को झूठे मामलों में फंसाकर और छापे मारकर अपने वश में करने के लिए धमकाया गया। गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) को धमकाया गया और उनकी कल्याणकारी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई। लोगों की आवाज दबाने के लिए सरकारी एजेंसियों का व्यापक रूप से दुरुपयोग किया गया। सरकार ने दुर्भावनापूर्ण स्पाइवेयर द्वारा गुप्त रूप से लोगों के व्यक्तिगत जीवन में घुसपैठ की। लोकतंत्र के हर पहलू को कमजोर किया गया। कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार द्वारा भारत देश को ‘नागरिकों के ऊपर जासूसी और पुलिस द्वारा निगरानी तंत्र’ में बदलने के हर षडयंत्रकारी प्रयास का विरोध करेगी। मोदी सरकार के अंतर्गत सभी नागरिकों के लिए स्वतंत्रता व न्याय का संवैधानिक संरक्षण एक झूठी दिलासा बन गया है।

कांग्रेस कार्यसमिति का विश्वास है कि हमारी जिम्मेदारी है, लोगों को आने वाले खतरों के प्रति आगाह करना। हम ऐसा करते हुए सभी लोकतांत्रिक दलों और शक्तियों से आह्वान करते हैं कि सभी मिलकर मोदी सरकार से उत्पन्न इन चुनौतियों का दृढ़ता से मुकाबला करें, ताकि देश के नागरिकों की बेहतरी हो सके और उन मूल्यों का संरक्षण हो, जिन पर इस देश का निर्माण हुआ था।

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