अपराधदिल्ली

पांडव नगर थाने का SHO विद्या धर लाइन हाजिर

पांडव नगर थाने का SHO विद्या धर लाइन हाजिर।
इंद्र वशिष्ठ
पांडव नगर थाने के एसएचओ विद्या धर को लाइन हाजिर कर दिया गया है।
पांडव नगर थाने में तैनात होम गार्ड बृज लाल का शव कल पंखे से लटकता पाया गया था। सोमवार सुबह बृज लाल ड्यूटी पर थाने आया था। इसके कुछ ही देर बाद उसने फांसी लगा ली। बृज लाल के परिवार ने एसएचओ विद्या धर सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
एसएचओ विद्या धर को बृजलाल को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
वरिष्ठ अफसरों के अनुसार एसएचओ के खिलाफ कुछ शिकायत आई है, जिसके बाद लाइन हाजिर करके मामले की जांच के आदेश दे दिए गए है।
थाने के पुलिस कर्मियों से पूछताछ करने के अलावा सीसीटीवी फुटेज से भी मामले की जांच की जा रही है। वहीं सूत्रों का कहना है कि बृजलाल के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें उसने एसएचओ पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
 एसएचओ के कारण आत्महत्या की-
बृजलाल करीब पांच साल से पांडव नगर थाने में तैनात था। बृजलाल के परिजनों ने मीडिया में बताया कि पहले सब कुछ ठीक चल रहा था। लेकिन पिछले छह-सात माह से बृजलाल बेहद परेशान थे। वह हमेशा आरोप लगाते थे कि उनका नया एसएचओ उनके साथ गाली-गलौज करने के अलावा हमेशा डांटता रहता है।
सोमवार सुबह बृजलाल ड्यूटी के लिए थाने पहुंच गए। सीसीटीवी में वह 8.05 बजे थाने में प्रवेश करते हुए दिख रहे हैं। इसके बाद करीब 10.17 बजे थाने के एक जवान ने दूसरी मंजिल स्थित कमरे में बृजलाल को पंखे से लटके हुए देखा। मामले की सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई।
इसके बाद बृजलाल के परिवार को  सूचना  दी गई।
सूत्रों के अनुसार एसएचओ बृजलाल को बुरी तरह डांटते रहते थे। इस बात से वह परेशान था, सोमवार को ड्यूटी पर आने के बाद भी उसे डांटा गया था।
मूलरूप से गांव नेगपुर, खुर्जा, बुलंदशहर का रहने वाला बृजलाल पिछले करीब 15-16 साल से किराए के मकान में मयूर विहार की राजबीर कालोनी, ए-ब्लॉक, गली नंबर-4 में रहता था। इसके परिवार में पत्नी किरण के अलावा तीन बेटी नेहा, निशा, नीतू और एक 10 साल का बेटा चाहत है।
एसआई ने की गोली मार कर खुदकुशी-
4 जून 2021 को पांडव नगर थाने की छत पर एसआई राहुल ने सर्विस रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। राहुल के परिजनों ने भी एसएचओ पर प्रताडि़त करने का आरोप लगाया था। परिजनों ने एसएचओ पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था।
विद्या धर पर महिला पत्रकार के यौन उत्पीड़न की एफआईआर- 
23 मार्च 2018 को जेएनयू छात्रों के एक प्रदर्शन की कवरेज करने गई अंग्रेजी अखबार  की पत्रकार ने आरोप लगाया कि दिल्ली कैंट थाने के एसएचओ विद्या धर ने सरेआम उसका यौन उत्पीडन/ इज्जत पर हमला किया। लेकिन शिकायत देने के बाद भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज नही की।
वारदात के चौथे दिन 26 मार्च को पुलिस ने महिला पत्रकार की शिकायत पर दिल्ली कैंट थाने के एसएचओ विद्या धर के खिलाफ यौन उत्पीडन का मामला आईपीसी की धारा 354 ए के तहत दर्ज किया।
एडिशनल डीसीपी की भूमिका-
इस मामले में एक वीडियो में यह खुलासा भी हुआ कि तत्कालीन एडिशनल डीसीपी कुमार ज्ञानेश ने एसएचओ की  हिमायत में महिला पत्रकार को ”समझाने ‘ की ‘जी तोड ‘कोशिश की, ताकि वह शिकायत ही दर्ज न कराए। लेकिन महिला अपनी बात पर अडिग रही ।
अफसरों की भूमिका पर सवाल-
 पुलिस ने महिला की शिकायत पर विजिलेंस विभाग द्वारा जांच कराई और उसके आधार पर ही केस दर्ज किया गया है। इसके बावजूद एसएचओ को गिरफ्तार नहीं किया गया। उसे सिर्फ लाइन हाजिर किया गया।
छेडख़ानी का आरोप भी लगा- 
वर्ष 2008 में  विद्याधर सिंह द्वारका सेक्टर-23 थाने में सब-इंस्पेक्टर के पद पर तैनात था। वहां एसएचओ तिलकराज मोंगिया (अब सेवानिवृत्त) थे।
उस दौरान एसआई विद्याधर ने कार में बैठे एक प्रेमी जोड़े को पकड़ लिया था। विद्या धर पर युवती ने छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया था। इसकी शिकायत तत्कालीन दिल्ली पुलिस आयुक्त से की थी।
इसके बाद एसआई विद्याधर का पहले द्वारका सेक्टर-23 थाने से ट्रांसफर किया गया और उसके बाद विभागीय जांच के आदेश दिए गए थे। विद्याधर के खिलाफ विभागीय जांच कई वर्ष चली थी। हालांकि उस समय इंस्पेक्टर विद्याधर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी।
कमिश्नर,आईपीएस की भूमिका पर सवाल- 
ऐसे गंभीर आरोप लगने के बावजूद इंस्पेक्टर विद्याधर को एसएचओ जैसे पद पर तैनात कर देने के लिए तत्कालीन पुलिस कमिश्नर सच्चिदानंद श्रीवास्तव, अमूल्य पटनायक और वह आईपीएस अफसर जिम्मेदार हैं जिन्होंने उसे एसएचओ लगाने के लिए सिफारिश की थी।
निरंकुश बदतमीज  एसएचओ-
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने हाल ही में विजय विहार थाने के एसएचओ सुधीर कुमार को लाइन हाजिर किया। सब-इंस्पेक्टर उमेश ने आरोप लगाया कि एसएचओ शराब पीकर गालियां दे रहा है। एसएचओ की अलमारी से शराब की दस बोतलें भी मिली।
इन मामलों से पता चलता है कि जो एसएचओ अपने मातहतों से भी बदतमीजी और गाली गलौज करते हैंं वह आम जनता को तो कुछ भी नहीं समझते हैं।
(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)

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