हवालात को मयखाना बना बदमाशों ने स्पेशल सेल की धज्जियां उड़ाई।
स्पेशल सेल का सब-इंस्पेक्टर रोहित निलंबित।
इंद्र वशिष्ठ
बदमाशों के लिए हवालात को मयखाना बनाने के मामले में स्पेशल सेल के एक सब-इंस्पेक्टर को निलंबित कर दिया गया है। इतने संवेदनशील, गंभीर, संगीन अपराध के मामले में सिर्फ एक सब-इंस्पेक्टर को निलंबित करना सिर्फ़ खानापूर्ति ही लगती है।
कमिश्नर को यह तो मालूम ही होगा ?-
आतंकियों से निपटने वाले स्पेशल सेल के अतिसुरक्षित परिसर में बिना वरिष्ठ अफसरों की अनुमति/ जानकारी के क्या कोई सब इंस्पेक्टर अपने स्तर पर बाहर से बदमाशों को इस तरह बुला सकता है?
बिना वरिष्ठ अफसरों की आदेश/अनुमति के क्या कोई निचले स्तर का पुलिसकर्मी किसी बाहरी व्यक्ति को हवालात में बंद बदमाश नवीन बाली और राहुल काला से मिलवा सकता है?
बिना वरिष्ठ अफसरों की आदेश/अनुमति के क्या कोई निचले स्तर का पुलिसकर्मी किसी बाहरी व्यक्ति को शराब की बोतल सहित परिसर में प्रवेश करने दे सकता है?
बिना वरिष्ठ अफसरों की अनुमति के क्या सिपाही हवालात का ताला खोल सकता हैं। सिपाही बाहरी लोगों को हवालात में प्रवेश दे सकता हैं ?
सच्चाई यह है कि बिना अफसरों की इजाजत के इस अतिसुरक्षित परिसर में कोई भी प्रवेश नहीं कर सकता है।
इस मामले में तो बदमाश नवीन बाली और राहुल काला ने अपने गिरोह के लोगों को न केवल बुलाया बल्कि हवालात में शराब की पार्टी की। पुलिस ने बकायदा दस्तरख़ान सजाया।
बदमाशों ने पुलिस को नंगा कर दिया।
हवालात में पार्टी कर बदमाशों ने स्पेशल सेल को पूरी दुनिया के सामने नंगा कर दिया। बदमाशों ने वीडियो वायरल कर समाज और अपराध जगत में यह साबित कर दिया कि पैसा मुंह पर मारो तो स्पेशल सेल तो हवालात को भी मयखाना बना देता है।
बदमाशों ने यह वीडियो जानबूझ कर अपना दबदबा और पुलिस से सांठगाठ दिखाने और लोगों को डराने के मकसद से वायरल किया होगा।
बदमाशों ने तो अपने चरित्र और प्रवृत्ति के अनुसार ही आचरण किया है। लेकिन लानत तो उन पुलिस अफसरों पर है जिन्होंने बदमाशों से रिश्वत रुपी गोबर खा कर हवालात को मयखाना बना कर पुलिस बल को कलंकित कर दिया।
स्पेशल सेल का यह अपराध अक्ष्मय हैं।
कमिश्नर की भूमिका –
अगर कोई दबंग, काबिल कमिश्नर होता तो इस मामले में डीसीपी प्रमोद कुशवाहा, एसीपी ललित मोहन नेगी और इंस्पेक्टर संजय गुप्ता समेत सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाती। इन सभी अफसरों के दफ्तर इसी परिसर में है और यहांं जो कुछ भी होता है उसके लिए यह सभी जिम्मेदार हैं। इन वरिष्ठ अफसरों का काम सुपरविजन का है। यह अफसर सिर्फ़ यह कह कर पल्ला नहीं झाड़ सकते कि यह सब उनकी जानकारी में नहीं था। वैसे इन अफसरों का यह कहना भी यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि ये स्पेशल सेल जैसे महत्त्वपूर्ण पद के लायक नहीं हैं।
सब-इंस्पेक्टर को यूएपीए में गिरफ्तार करें ।
स्पेशल सेल के सब-इंस्पेक्टर रोहित को निलंबित करना तो सिवाय खानापूर्ति और उसे बलि का बकरा बनाने से ज्यादा कुछ नहीं है। कुछ दिनों बाद ही उसे बहाल कर दिया जाएगा। जबकि खाकी वर्दी को शर्मसार करने का संगीन अपराध करने वाले को तो अब स्पेशल सेल या किसी भी महत्वपूर्ण स्थान पर तैनात नहीं किया जाना चाहिए।
खानापूर्ति का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि सब इंस्पेक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की गई। जाहिर सी बात हैं कि पुलिस को पैसे दिए बिना तो बदमाश हवालात में दारू पार्टी कर नहीं सकते।
ऐसे में यह सरकारी अफसर द्वारा अपराधियों से सांठगाठ , भ्रष्टाचार और गैरकानूनी गतिविधि का सीधा सीधा मामला है।
सही मायने में तो बदमाशों के साथ सांठगांठ करने वाले पुलिस अफसरों की यूएपीए के तहत गिरफ्तारी की जानी चाहिए।
नौकरी से क्यों नहीं निकाला?
पुलिस कमिश्नर अगर सब-इंस्पेक्टर के खिलाफ गिरफ्तारी और नौकरी से बर्खास्तगी का आदेश जारी करते तो पता चलता कि वाकई कड़ी कार्रवाई की गई हैं।
कमिश्नर अगर ऐसा आदेश देते तो यह भी हो सकता है कि गिरफ्तारी की तलवार लटकी देख सब- इंस्पेक्टर रोहित खुद बताता कि किन किन अफसरों की इस मामले में मिलीभगत हैं।
स्पेशल सेल के वरिष्ठ अफसरों की जानकारी/ सहमति के बिना सब इंस्पेक्टर अकेला इतना दुस्साहस नहीं कर सकता। अगर वाकई सब इंस्पेक्टर ने अकेले ही इतना दुस्साहस किया है तो उसे जेल में क्यों नहीं डाला गया। रक्षक के वेश में भक्षक ऐसे राक्षस का खुला रहना तो पुलिस और समाज के लिए बहुत ही खतरनाक है।
ऐसा संभव नहीं है लेकिन अगर मान लेंं कि वरिष्ठ अफसर इस मामले में शामिल नहीं है तो ऐसे निठल्ले अफसरों को इतने संवेदनशील स्पेशल सेल में तैनात रखने का कोई औचित्य ही नहीं है।
देखना है दम कितना कमिश्नर में हैं?
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना को तो शुकर मनाना चाहिए कि बदमाशों ने अपना महिमामंडन करने के चक्कर में वीडियो वायरल कर स्पेशल सेल का असली चेहरा उजागर कर एक तरह से उन्हें सावधान कर दिया है।
बदमाशों और मीडिया ने तो अपना अपना काम कर दिया अब गेंद पुलिस कमिश्नर के पाले में हैं।
पुलिस कमिश्नर को अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करके पुलिस बल को कड़ा संदेश देना चाहिए। इससे ही समाज में भी यह संदेश जाएगा कि खाकी वर्दी को खाक में मिलाने वाले को बख्शा नहीं जाता है।
कमिश्नर नादान हैं?
पुलिस कमिश्नर क्या इतने नादान हैं कि जो स्पेशल सेल के अफसरों की इस बात पर आंख मूंद कर भरोसा कर लिया कि इस मामले में सिर्फ़ एक सब- इंस्पेक्टर ही शामिल है।
पुलिस कमिश्नर क्या संवेदनशील और महत्वपूर्ण माने जाते वाले स्पेशल सेल में ऐसे निकम्मे अफसरों को रखना पसंद करेंगे जिनकी नाक के नीचे बदमाश हवालात में शराब पार्टी करते हैं और सेल के अफसर कहते हैं कि हमें मालूम नहीं था।
वरिष्ठ अफसरों की मिलीभगत /अनुमति/ सहमति से अगर यह किया गया है। तो उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए।
दूसरा जिस अफसर को यह ही पता न हो, कि उसकी नाक के नीचे क्या हो रहा है ,तो वह स्पेशल सेल के वरिष्ठ अफसर जैसे महत्वपूर्ण पद पर रहने के बिल्कुल भी काबिल नहीं है।
ऐसे में दोनों ही सूरत में कार्रवाई तो बनती ही है।
मातहत पुलिस कर्मी जब किसी अपराधी को पकड़ता है तो उसका श्रेय उसके वरिष्ठ अफसर भी लेते हैं। इस मामले में भी तो सुपरविजन करने वाले अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की ही जानी चाहिए।
अपराधी बेखौफ-
खाकी को खाक मिलाने वाले गुंडोंं से सांठगांठ करने वाले भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के कारण ही अपराधी बैखौफ हो गए हैं। ऐसे भ्रष्ट पुलिसकर्मियों के कारण ही पुलिस बदनाम है।
दूसरी ओर बदमाशों को पकड़ने के लिए अपनी जान जोखिम में डालने वाले पुलिसकर्मियों का मनोबल टूटता है। बदमाश भी उनका ताने मार कर मजाक उड़ाते हैं।
हवालात है या ससुराल?
हवालात में शराब की पार्टी का एक वीडियो वायरल हैं। हवालात में बदमाश नवीन बाली और उसके भाई राहुल काला के साथ चार अन्य लोग मौजूद है।
इनके सामने शराब, सलाद, चिप्स और कोल्ड ड्रिंक्स आदि रखी हुई है। जाम छलकाए और सिगरेट के कश मारे जा रहे हैं बदमाश राहुल काला आराम से लेटा मोबाइल पर बात कर रहा है। ऐसा लगता है जैसे ये बदमाश हवालात में नहीं बल्कि ससुराल में हैं।
हवालात के बाहर खातिरदारी के लिए दो पुलिसकर्मी मौजूद हैं। जो शायद हुकुम की तामील करने के लिए बैठे हैं।
वीडियो में मौजूद दोनों भाई नवीन और राहुल जेल में बंद नीरज बवाना गिरोह के बदमाश हैं। राहुल और नवीन मंडौली जेल में बंद है।
वीडियो स्पेशल सेल के लोदी कालोनी के हवालात का है। यह बहुत ही गंभीर, खतरनाक और चौंकाने वाला मामला है। आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले स्पेशल सेल, लोदी कालोनी की सुरक्षा किले जैसी है। ऐसे में बदमाशों द्वारा शराब की दावत करना और उसमें बाहर से अपने साथियों को बुलाना सुरक्षा की दृष्टि से भी बहुत ही गंभीर मामला है।
चीलबाज ने बनाया वीडियो।
पुलिस सूत्रों के अनुसार हवालात में पार्टी में मौजूद अन्य लोगों के नाम दुष्यंत उर्फ मोनू (बाजीत पुर),अमित लोटा (आसौधा), सचिन उर्फ चीलबाज (बराही) और मन्नू उर्फ टैटू (दक्षिण दिल्ली) हैं।
सूत्रों के अनुसार बदमाश दुष्यंत मोनू इस समय जमानत पर है। सचिन उर्फ चीलबाज ने यह वीडियो बनाया बताते है।
भ्रष्ट पुलिस अफसर को हवालात में कब डालोगे ?
सूत्रों ने बताया कि इस वीडियो के वायरल होते ही वरिष्ठ अफसरों को बता दिया गया था।
पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना को इस मामले में शामिल पुलिस अफसरों के खिलाफ ऐसी कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि दोबारा कोई अफसर ऐसी करतूत न करें।
पुलिस कमिश्नर की नजर में अगर कानून का रत्ती भर भी सम्मान हैं तो उन भ्रष्ट पुलिस अफसरों को हवालात में बंद करना चाहिए ,जिन्होंने बदमाशों के साथ सांठगांठ कर खाकी वर्दी को कलंकित किया है। छात्रों को फंसाने वाले बदमाशों के कदमों में।
यह वहीं स्पेशल सेल हैं जिसने छात्रों को देशद्रोही, दंगाई और आतंकी बता कर जेल में डाल दिया था। लेकिन स्पेशल सेल की पोल अदालत में खुल गई थी ।
गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून (यूएपीए) में बेकसूरों को गिरफ्तार करने वाली पुलिस ने हवालात में बदमाशों की दावत कर खुद गैरकानूनी कार्य किया है।
सेल का सुशील से स्पेशल प्रेम।-
लोदी कालोनी स्थित स्पेशल सेल सुशील पहलवान का आत्म समर्पण कराने और सुशील के साथ फोटो खिंचवाने के कारण भी विवादों में रहा है।
पुलिस और जेल प्रशासन के भ्रष्ट अफसरों द्वारा बदमाशों और अमीर मुलजिमों को विशेष सुविधाएं देने के मामले अक्सर सामने आते हैं। लेकिन स्पेशल सेल के हवालात में बदमाशों द्वारा दारू पार्टी करना बहुत ही संगीन मामला है।
(लेखक इंद्र वशिष्ठ दिल्ली में 1990 से पत्रकारिता कर रहे हैं। दैनिक भास्कर में विशेष संवाददाता और सांध्य टाइम्स (टाइम्स ऑफ इंडिया ग्रुप) में वरिष्ठ संवाददाता रहे हैं।)