शहीद उधम सिंह स्कूल के कथित भ्र्ष्टाचार की खबर को फर्जी पत्रकार ने अवैध उगाही से जोड़ा,उसके खिलाफ ही दर्ज है थाने में केस
टाइगर कमांड
शास्त्री नगर : थाना सराय रोहिल्ला में अभी कुछ दिनों पूर्व शहीद उधम सिंह स्कूल स्मारक शिक्षा समिति के सचिव प्रदीप शर्मा की और से एक शिकायत दर्ज की गयी जिसमे कहा गया था। एक शिकायतकर्ता उनसे उनकी बेटी के स्कूल में किये गए प्रमोशन को भ्र्ष्टाचार से जोड़कर उनसे अवैध धन उगाही की मांग कर रहा है। इस पर पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए उस शिकायतकर्ता से पूछताछ की तो शिकायतकर्ता ने बताया कि उधम सिंह स्कूल स्मारक शिक्षा समिति के सचिव प्रदीप शर्मा की पुत्री उनके खुद इसी स्कूल में कार्यकारी सदस्य के रूप नियुक्त हैं और उनका प्रमोशन अवैध है। और इस स्कूल के चैयरमैन खुद उसके दादा है। जिसका मामला हाइकोर्ट में भी चल रहा है। इसको लेकर शिकायतकर्ता ने यह शिकायत दिल्ली के शिक्षा मंत्री से लेकर विभागीय स्तर तक कर दी। जिसको लेकर उस शिकायतकर्ता के खिलाफ प्रदीप शर्मा ने थाने में अवैध उगाही की शिकायत दर्ज करा दी। पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल की जिसमे पाया गया कि शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया है। कि वह यहाँ कई लोगो से अवैध वसूली कर चुका है। जब पुलिस ने इसकी जानकारी उन लोगो से ली जो अवैध उगाही के शिकार हुए थे। उन सभी ने मना कर दिया की ऐसा कुछ नहीं हुआ। और वो इस शिकायतकर्ता को जानते तक नहीं। लेकिन इस मामले को थाने के बाहर चक्कर कटाने वाले एक फर्जी पत्रकार ने सुन लिया और अपने गैंग के जरिये उस शिकायतकर्ता के आधार पर अवैध उगाही की खबर को बना कर अपने फर्जी अखंबार में लगा दिया। और बिल्डरों को भी डराना चालु कर दिया की मुझे पैसे दो में थाने में तुम्हारा सेटलमेंट कराता हूं।
जब शिकायत शहीद उधम सिंह स्कूल की थी तो वह अवैध उगाही में कैसे बदल गयी
गौरतलब और जांच का पहलू तो यह है कि शिकायतकर्ता ने शिकायत तो शहीद उधम सिंह स्कूल के प्रबन्धन और उसमें हिमांशी शर्मा की कथित अवैध प्रमोशन की थी। जिसमे उप शिक्षा निदेशक पर भी सवाल उठाये गए थे। लेकिन उस शिकायत को अवैध धन वसूली से जोड़कर पुलिस ने जांच की जबकि शिकायत तो शहीद उधम सिंह स्कूल के कथित नियुक्ति के प्रमोशन की थी? उस पर क्या कार्यवाही हुई?
फर्जी पत्रकार पर ही दर्ज है थाने में धारा 506 का केस दर्ज
अब बात करते हैं उस फर्जी पत्रकार की जो पिछले कई सालों से शास्त्री नगर में बिल्डिंगों की फोटो छापकर लोगो को ब्लैकमेल करता रहा जबकि इसकी बिल्डिंग खुद अवैध है। यही नहीं यह अपने लैटर पेड पर बाकायदा थाने में शिकायत भी करता था। जिसमे कई शिकायतों के साथ ही प्रमुख रूप से शास्त्री नगर के एक मंदिर की भी फर्जी शिकायत कर रखी है जिसको यह मीडिया द्वारा मांगी गयी जानकारी कहता है, अब इस अज्ञानी को कौन बताये की जानकारी माँगने के लिए आर टी आई है, शिकायत को मीडिया से जोड़कर जानकारी मांगना क्या है। और उस मंदिर को लेकर भी इसने एक फर्जी खबर चलायी थी । की मंदिर की जगह पर हो रहा अवैध निर्माण उस शिकायत और खबर पर तत्कालीन डीसीपी भी मौके पर पहुँची उसके बाद आज उसी जगह पर वैध रूप से निर्माण हो गया है। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है। कि यह फर्जी पत्रकार फर्जी खबरों को कैसे अवैध उगाही के लिए प्लांट करता है। और इसके गैंग में एक कथित रूप से यूपीएससी की पिछले 25 सालों से तैयारी करने वाला भी शामिल है। साथ ही एक अंडेवाला जो की आमलेट बनता है और पंजाबी बाग़ में अवैध रूप से सरकारी जमीन पर ढाबा चलाने वाले के साथ कुछ बादमाश भी शामिल है। जब इसकी इन्ही काली करतूतो को एक राष्ट्रीय निष्पक्ष और निडर ख्याति प्राप्त अखबार ने खोलना शुरू किया तो इसने अपने गैंग के साथ मिलकर उस निष्पक्ष निडर और भारत सरकार से मान्यता प्राप्त पत्रकार के घर पर ही रात में जानलेवा हमला कर दिया। जिसके मामला थाना सराय रोहिल्ला में धारा 506 के तहत दर्ज है।
कोरोना काल में चालयी थी फर्जी खबर
इस फर्जी पत्रकार ने कोरोना काल में खूब फर्जी खबर चालयी थी। जिसकी वास्तव सच्चाई दूसरे अख़बार ने बता दी। नतीज़ा इस गैंग का बोरिया बिस्तर सिमट गया। अब ना तो यह शास्त्री नगर में फर्जी खबर प्लांट कर पाता है। और ना ही अपने गैंग और यहाँ कुछ दलालो के जरिये अवैध उगाही कर पाता है। नतीजा किसी ना किसी खबर को फर्जी तरीके से प्लांट करता ही रहता है। लेकिन पब्लिक हे सब जानती है।