तेल-गैस उत्खनन के क्षेत्र में भारत की लंबी छलांग
पहली बार भारत में बनी धरती से तेल-गैस निकालने वाली रिग
परंपरागत विदेशी रिग से सस्ती, सुरक्षित और कार्यदक्ष है भारत में बनी उत्खनन मशीन
26 अगस्त, गांधीनगर
संवाददाता
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (एमईआईएल) ने हाई टेक्नोलॉजी से तैयार स्वदेशी ड्रिलिंग रिग गुरुवार को ओएनजीसी को सौंप दिया। यह नई ड्रिलिंग रिग तेल और गैस उत्कर्षण में समय की बचत के साथ ही लागत में भी कमी लाएगी।
मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर्स लिमिटेड (एमईआईएल) के उपाध्यक्ष पी. राजेश रेड्डी ने कहा कि मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की सफलता के लिए ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम करना आवश्यक है। एमईआईएल को इन दोनों पहल में योगदान देने, घरेलू तेल उत्पादन को बढ़ावा देने और देश के ऊर्जा भविष्य को सुरक्षित करने में अपनी भूमिका निभाने पर गर्व है।
एमईआईएल के मुख्य अधिकारी (ऑयल रिग्ज डिवीजन) एन. कृष्ण कुमार ने इस प्रोजेक्ट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि, अभी तक भारत ज्यादातर तेल और ईंधन निष्कर्षण रिग की आयात पर निर्भर था, लेकिन एमईआईएल ने घरेलू रिग निर्माण क्षमता को काफी बढ़ाया है।इटली से आयातित अत्याधुनिक तकनीक से स्वदेशी निर्मित तेल और गैस निष्कर्षण रिग सस्ती, सरल और सुरक्षित है। इस तकनीक से अब तेल और गैस निष्कर्षण की लागत में कमी आने के साथ ही समय की भी बचत होगी।
उन्होंने कहा कि ओएनजीसी को सुपुर्द की गई दूसरी रिग अत्याधुनिक हाइड्रोलिक और स्वचालित प्रौद्योगिकी के साथ निर्मित है। आधुनिक तकनीक से निर्मित इन उन्नत रिगों से ओएनजीसी को लाभ होगा।
उन्होंने कहा कि बेहतरीन हाइड्रोलिक तकनीक से लैस यह रिग ओएनजीसी अहमदाबाद एसेट के तहत गुजरात में कलोल के पास धमासना गांव में जिजीएस-IV तेल क्षेत्र के पास केलडीडीएच तेल कुएं में परिचालन शुरू करने के लिए तैयार है। यह तेल के कुओं को तेजी से खुदाई करता है और न्यूनतम ऊर्जा के साथ संचालित होता है। 1500 हार्सपावर की क्षमता वाला यह ड्रिलिंग रिग जमीन की सतह से 4000 मीटर (4 किलोमीटर) गहराई तक तेल कुओं को आसानी से खोद सकती है। रिग के 40 साल तक बिना रुकावट कार्यरत रहने की उम्मीद है और सुरक्षा मानकों के लिहाज से भी यह सबसे आधुनिक तकनीक के साथ निर्मित हुआ है।
एमईआईएल ने वर्ष 2019 में ओएनजीसी को 47 ड्रिलिंग रिग की आपूर्ति का करार किया था, इसके तहत दो रिग उसे सौंप दिए गये है। एन. कृष्ण कुमार ने बताया कि ओएनजीसी के लिये एमईआईएल का यह प्रोजेक्ट 6000 करोड़ की लागत का है।
उन्होंने आगे कहा कि ओएनजीसी को स्वदेशी प्रौद्योगिकी के साथ तेल और गैस निष्कर्षण के लिये पहला रिग इस साल अप्रैल में उसे सौंपा था, जो मेहसाणा में कलोल ऑयल फील्ड में कार्यरत है। कुमार ने बताया कि कुल 35 महीने में सभी 47 रिग ओएनजीसी को सौंप दिये जायेंगे।