मज़दूर संघ की आड़ में सरकार और पत्रकारों के साथ ठगी, आरएसएस को पता नहीं हो रहा खेला
पत्रकारों के नाम पर कथित संस्था बनाकर लोगो को किया जा रहा गुमराह,शास्त्री नगर का कथित अखबार वाला कर रहा उगाही
– कोर्ट में चल रहा केस फिर भी चल रहा गोरखधंधा
टाइगर कमांड
नई दिल्ली : तीस हजारी कोर्ट में धारा 420,406,467,468,471,509 और 120बी के तहत एक केस दर्ज हुआ है। जिसमे भारतीय मजदूर संघ की आड़ में पत्रकारों की एक कथित संस्था बनाकर सरकार से फंड, समिति सदस्य और अन्य प्रकार से ठगी की जा रही है। इसमें दिल्ली सरकार के सूचना विभाग में भी गलत तरीके से एक व्यक्ति को सदस्य बनाने का भी मामला है।
एक और जहाँ जी एस टी के चलते अखबार वालो के सामने मुश्किल खडी हो गयी है। तो वही दूसरी और कोरोना ने भी प्रिंट मीडिया की कमर तोड़ के रख दी। लेकिन इन सबसे अलग इस क्षेत्र के जाने माने लोगो को जो समस्या और चिंता सता रही है। वो है कुछ ऐसे जालसाज लोगो की करतूतो की जो मीडिया को बदनाम करके लोगो के साथ ठगी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला दिल्ली में सामने आया है। जिसका कुछ पत्रकारों ने फंडाफोड़ करके कोर्ट में केस दर्ज करा दिया है, उनके अनुसार जहाँ पत्रकारों के नाम पर एक कथित संस्था को बना कर उसमे 500 – 500 रूपये लेकर ऐसे लोगो को सदस्य बनाया जा रहा है। जिनका पत्रकारिता से क्या लेना देना है यह आप उनसे मिलकर समझ जाएंगे। इस कथित संस्था में डिजिटल मीडिया के नाम पर लोगो को बेबकुफ़ बनाकर बनाकर उनको पत्रकार होने का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है। और प्रमाण पत्र भी कोन दे रहा है वो कथित संस्था जिसके अस्तित्व पर ही कोर्ट में केस दर्ज करा दिया गया है। तीस हजारी कोर्ट में सीसी संख्या 4463/2019 के तहत वर्किंग जर्नलिस्ट ऑफ़ इंडिया नाम की इस कथित संस्था पर केस डाला गया है कि यह संस्था फर्जी तौर पर बनी है। इसमें दिल्ली सरकार के श्रम विभाग को भी पार्टी बनाया गया है। कोर्ट में यह केस धारा 420,406,467,468,471,509 और 120बी के तहत डाला गया है। जिसकी कार्यवाही जारी है। केस दायर करने वाले पत्रकारों ने टाइगर कमांड को बताया कि यह कथित संस्था फर्जी कागजो और श्रम विभाग के कुछ अधिकारियो के साथ मिलीभगत करके बनायी गयी है। जिसका उद्देश्य मीडिया की आड़ में लोगो से सिर्फ पैसे ठगना है और मीडिया को बदनाम करना है। बताया गया है कि इस कथित संस्था में ऐसे ऐसे लोगो को संस्था के मीडिया के नाम पर कार्ड जारी किये जाते जो इन कार्ड के द्वरा पुलिस और प्रसाशन को अपनी हेकड़ी दिखाकर अपना रौब झाड़ते फिरते हैं। जिससे वास्तविक पत्रकारों की बदनामी होती है। केस दायर करने वालो ने बताया कि कोरोना के चलते केस का फैसला आने में विलंब हो रहा है।लेकिन उनको विस्वास हे की निश्चित ही इस रैकेट का फंडाफोड़ होगा।
शास्त्री नगर L ब्लॉक का एक कथित अख़बार वाला करता है उगाही….
इस कथित संस्था का कोषाध्यक्ष भी संस्था ने बहुत की सोच समझकर बनाया है। इस संस्था के लिए उगाही करने वाला यह कथित अखबार वाला खुद फर्जी प्रसार संख्या को लेकर davp की जांच के दायरे में है। जबकि इसने खुद बिना किसी घोषणा पत्र को भरे अपने कथित अखबार का साइज टेबुलेट से स्टैंडर्ड यानी फुल साइज कर दिया जबकि इसके लिए भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक कार्यालय से अनुमति लेनी होती है। इसको लेकर भारत के समाचार पत्रों के पंजीयक कार्यालय ने इस कथित अखबार वाले से दस्ताबेज मांग लिए है। और तो और इस कथित अखबार वाले ने हेकड़ी दिखाकर अपने निवास पर एक अवैध भूजल पानी की बोरिंग भी करवा ली है।जिसकी पुष्टि सम्बंधित विभाग ने कर दी और कर्यवाही की जा रही है। यही नहीं इसने MCD की सड़क पर अपने मकान के छज्जे भी निकाले हुए हैं और 8 फ़ीट का अवैध चबूतरा भी बना दिया है। जिससे यहाँ आये दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। और यह सब किया गया ऐसी संस्थयो के साथ मिलकर और कथित अखबार की आड़ में।
संस्था की आड़ में दूसरे प्रदेश के अधिकारियो को करते हे फर्जी फ़ोन…
यही नहीं इस संस्था का एक फर्जी पदाधिकारी ब्लैकमेल करने के लिए दूसरे जिले के प्रसाशनिक अधिकारियो को फर्जी फ़ोन करवाते हैं। इसकी पूरी जानकारी मिल चुकी है। और मामला जल्दी अगले अंक में खोला जाएगा।