दिल्ली

बस घोटाले के खिलाफ भाजपा का प्रचंड विरोध प्रदर्शन

बस घोटाले के खिलाफ भाजपा का प्रचंड विरोध प्रदर्शन

केजरीवाल इस्तीफा दें-रामवीर सिंह बिधूड़ी

परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को बर्खास्त किया जाए-विजेन्द्र गुप्ता

चांदनी चौक भाजपा युवा मोर्चा के सह प्रभारी गौरव अरोड़ा भी हुए टीम के साथ प्रदर्शन में शामिल

टाइगर कमांड

नई दिल्ली। प्रदेश भारतीय जनता पार्टी की ओर से डी.टी.सी. बस घोटाले के विरोध में आज दिल्ली सचिवालय पर जोरदार प्रदर्शन करते हुए इस घोटाले के लिए जिम्मेदार परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को बर्खास्तगी की मांग की।

प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा की ओर से आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष  रामवीर सिंह बिधूड़ी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक  विजेन्द्र गुप्ता, प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक गोयल देवराहा, प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख  नवीन कुमार जिंदल एवं प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष  वासु रुखड़ ने एक स्वर में बस घोटाले की जांच की मांग करते हुए मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग की। विरोध प्रदर्शन में प्रदेश पदाधिकारियों सहित युवा मोर्चा के कार्यकर्ता राजघाट पर एकत्रित हुए और फिर वहां से केजरीवाल विरोधी नारे लगाते हुए दिल्ली सचिवालय तक गए।

नेता प्रतिपक्ष  रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि दिल्ली की हर क्षेत्र में हालत बद से बदतर हुई है। गत 4 वर्षों में करोड़ो के बजट के बावजूद दिल्ली के लिए बस नहीं खरीदी गई, एक स्कूल नहीं खोला गया, एक कॉलेज नहीं खोला गया और स्वास्थ्य सेवाओं की सच्चाई तो यह कि जनता ने अभी हाल ही में झेली है। उन्होंने कहा कि इस घोटाले को विधानसभा में भी उठाया था, लेकिन सत्ता के मद में चूर आम आदमी पार्टी ने बहुमत के नीचे इसे दबाने का प्रयास किया था।

बिधूड़ी ने कहा कि विधानसभा में विजेन्द्र गुप्ता ने जो आरोप लगाए उसका सरकार के पास कोई संतोषजनक जवाब नहीं था। सरकार की ओर से किसी तरह की कार्यवाही न करने पर भाजपा विधायक दल ने इस मामले को उपराज्यपाल के यहां इसकी जांच के लिए उठाया।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि बसों की तीन वर्ष की गारंटी रहती है। ऐसे में रखरखाव के लिए किसी निजी कंपनी से करार करने की जरुरत क्या है। बसों की खरीद पर जितनी राशि खर्च होगी उससे अधिक राशि उसके रखरखाव के लिए करार किया गया है। 1000 बसों के लिए 900 करोड़ रुपये और उसके रखरखाव के लिए 3500 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष है। डी.टी.सी. में पहले से ही बसों की रखरखाव के लिए कर्मचारी हैं, वे क्या करेंगे?

विजेन्द्र गुप्ता ने बस घोटाले के विरोध में दिए गए घटनाक्रम को केजरीवाल सरकार के ताबूत में अंतिम कील बताया। गत 13 वर्षों में दिल्ली परिवहन निगम ने एक भी बस नहीं खरीदी। निगम के पास जो 3500 बसें हैं उनमें से अधिकांश बसें जल्दी ही सेवा से बाहर हो जायेंगी क्योंकि उनकी आयुसीमा पूरी हो जाएगी। इसके बाद दिल्ली में बस व्यवस्था ठप हो जाने का खतरा बन जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने बसों की खरीद के लिए 900 करोड़ रुपये खर्च किए, लेकिन इन बसों की वारंटी के दौरान रखरखाव पर 5000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इससे बड़ा कोई भ्रष्टाचार नहीं होगा। इसलिए परिवहन मंत्री की बर्खास्तगी जरुरी है।

प्रदेश उपाध्यक्ष  अशोक गोयल देवराहा ने केजरीवाल सरकार को घोटाले की सरकार बताते हुए कहा कि एक के बाद एक दिल्ली की जनता का पैसा लूटा है, वह बहुत शर्म की बात है। लगातार घोटाले चाहे वह टैंकर घोटाला हो, टीकाकरण घोटाला हो, सिवील डिफेंस घोटाला और डीटीसी बस घोटाले से दिल्ली की जनता समझ चुकी है कि केजरीवाल आपदा में भी लूटने का काम किया है। दिल्ली में जब केजरीवाल की सरकार आई तो उस वक्त बसों की संख्या 7000 थी लेकिन अब वह घटकर 3600 रह गई है।

प्रदेश भाजपा मीडिया प्रमुख  नवीन कुमार जिंदल ने केजरीवाल सरकार पर हर मामले में झूठे वायदों करने का आरोप लगाते हुए कहा कि यमुना को टेम्स और शिक्षा को वर्ल्ड क्लास बनाने का वायदा किया, लेकिन सच्चाई सबके सामने हैं। उन्होंने कहा कि आखिर केजरीवाल नई पीढ़ी को कैसी दिल्ली देना चाहते हैं क्योंकि एक तरफ बेरोजगारी बढ़ रही है और दूसरी ओर जिनके पास रोजगार है उन्हें निकाला जा रहा है।

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