उड़ान
खेतों की
मुंडेरों पर
कूदती नाचती
बारिश की
बूँदों से
अठखेलियाँ करती
खूब इठलाती
पैरों से
सुर में
पानी छप-छपाती
झूमती मुस्कुराती
साथियों संग
खेलती रंग
पत्ता नैय्या
बिन खव्वैया
दौड़ लगाती
जीत जाती
तितली पकड़
रंग जकड़
सपनें रंगती
पूरे करती
फटे कपड़े
लकड़ी टुकड़े
कतरन गुड़िया
गाड़ी बढ़िया
स्कूल जाती
अव्वल आती
बढ़ता ज्ञान
कई अरमान
बाबा फरमान
कटा नाम
घर काम
मेरा अंजाम
बर्तन बड़े
छोटे पड़े
नन्हें हाथ
तड़पते जज़्बात
लगता ऐसे
माँ जैसे
हो पराई
करे कमाई
मैं हुई
उसकी परछाई
भाई पालूँ
बहनें पालूँ
कपड़े धोऊँ
खाना बनाऊँ
झाड़ू बूहार
घर द्वार
संभालू ऐसे
मईयाँ जैसे
गलती होती
चैन खोती
नमक ज्यादा
पका आधा
गिरता भाई
होती पिटाई
डंडे खाती
गलियाई जाती
खूब रोती
भूखी सोती
सपनों बिन
बीते दिन
देखी तितली
आह निकली
आशा जागी
सरपट भागी
खोला बस्ता
निकला रस्ता
पढ़ी किताब
बुने ख्वाब
सब भूल
गई स्कूल
टीचर हमारी
बेहद प्यारी
गले लगाया
गोद बैठाया
माथा सहलाया
खाना खिलाया
समझा दर्द
मेरी हमदर्द
घर आई
अम्मा समझाई
की भलाई
फिर चलाई
सपना गाड़ी
आगंन-वाड़ी
छोटे जाएं
गिनती गाएं
खेले खाएं
ज्ञान पाएं
अम्मा कमाऐ
बाबा कमाऐ
दिहाड़ी जाएं
पैसे लाएं
पढ़ू अब
बदला सब
सांझ सवेरे
सपनें मेरे
जीवंत होते
उनमें खोते
सब मिलकर
खा पीकर
बर्तन धोते
कपड़े धोते
हाथ बटाते
गाते-गुनगुनाते
खुशहाल गृहस्थी
हरदम मस्ती
थे जो
फिर वो
खेत मुंडेर
बारिश पानी
जागी उमंग
खिलें रगं
प्यारी मुस्कान
नई उड़ान
मृदुला घई
लेखक परिचय :
अतिरिक्त केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त (मुख्यालय)
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन
श्रम और रोजगार मंत्रालय
भारत सरकारसाहित्यिक रुझान के चलते हिंदी की कई पत्र पत्रिकाओं में इनकी रचनाएँ प्रकाशित हुई हैं ।
इनकी काफ़ी रचनाएँ औरतों और शोषित वर्गों के मुद्दों को बखूबी बयां करती हैं। ‘उड़ान’, ‘सच’, ‘कल्लो’, ‘यमुना’ इत्यादि इनकी कुछ प्रमुख रचनाएँ हैं ।
उर्दू के कई पत्र पत्रिकाओं में इनकी कई रचनाओं का अनुवाद छपा हैं ।
संपर्क : बी – 378
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