केजरीवाल सरकार ने पेश किया दिल्ली का आर्थिक सर्वेक्षण, दिल्ली वालों की बड़ी तीन गुना इनकम
– योगेश भारद्वाज
दिल्ली : देश के मुकाबले दिल्ली वालों की आय में अब तीन गुना इज़ाफ़ा हो गया है। ऐसा आज दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र में बताया है। आज दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आर्थिक सर्वेक्स्षण पेश करते हुए कहा कि दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय 3,54,004 हे जबकि देश में प्रति व्यक्ति आय 1,27,768 रूपए रही। इस तरह से दिल्ली में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रिय औसत से तीन गुना रही। उन्होंने कहा कि देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस की महामारी की वजह से 2020 में वायु प्रदूषण पिछले सात साल में सबसे कम दर्ज किया गया है. दिल्ली आर्थिक सर्वेक्षण (Delhi Economic Survey) की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले साल दिल्ली में पीएम10 (PM10), पीएम2.5( PM2.5) और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड सहित विभिन्न प्रदूषकों का औसत स्तर 2014 के बाद सबसे कम था. जबकि सरकारी आंकड़ों मुताबिक, पिछले कुछ वर्षों से शहर में मुख्य प्रदूषक तत्वों के औसत स्तर में निरंतर कमी आ रही है।
बहरहाल, दिल्ली विधानसभा में पेश की गई रिपोर्ट के अनुसार, साल 2014 के बाद साल 2020 में प्रदूषण का स्तर सबसे कम रहा. बता दें कि वर्ष 2014 में पीएम 10 का औसत स्तर 324 और पीएम 2.5 का स्तर 149 रहा था. जबकि इस साल 2020 में पीएम 10 का स्तर 187 और पीएम 2.5 का औसत स्तर 101 रहा है. साफ है कि कोरोना वायरस की महामारी के कारण लगे लॉकडाउन और अच्छे मौसम के चलते लोगों को सबसे साफ-सुथरी हवा मिली है. दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) के बजट सत्र की कार्रवाई आज सोमवार से शुरू हो गई. सत्र के पहले दिन की कार्रवाई की शुरुआत उप-राज्यपाल अनिल बैजल के अभिभाषण से की गई. एलजी अभिभाषण के बाद कार्रवाई को 30 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया था. सदन की पुनः शुरू हुई कार्यवाही के दौरान दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की ओर से दिल्ली सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण एवं आउटकम बजट 2020-21 की रिपोर्ट सदन में पेश करते हुए विस्तार से बताया.
दिल्ली के आर्थिक सर्वेक्षण एवं आउटकम बजट 2020-21 की रिपोर्ट सदन में पेश करने से पहले उप- मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सदन को यह भी बताया कि आउटकम बजट लाने की जरूरत क्यों पड़ी? उन्होंने बताया कि 4 साल पहले इसकी शुरुआत की गई थी और लगातार अब दिल्ली सरकार बजट को पेश करने से पहले सदन में आर्थिक सर्वेक्षण एवं आउटकम बजट को पेश करती है.
उप-मुख्यमंत्री ने आउटकम बजट को शासन प्रणाली का एक अभिन्न अंग बताया और कहा कि इससे बजट की पारदर्शिता सामने आती है.
उन्होंने कहा कि इसके जरिए सरकार विस्तार से यह बताती है कि जो बजट पेश किया गया उसमें किन योजनाओं के लिए कितनी राशि आवंटित की गई थी और उन योजनाओं के तहत तैयार किए गए इंडिकेटर्स पर क्या-क्या कार्य किए गए और उनसे जनता को कितना लाभ हुआ? यह सभी आउटकम बजट के जरिए आम जनता को बताया जाता है.
उप-मुख्यमंत्री सिसोदिया ने सदन में वक्तव्य देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार लगातार 4 सालों से बजट से पहले आउटकम बजट पेश करती है. इसका पूरे देश में ऐसा उदाहरण नहीं मिलता है. उन्होंने बताया कि आउटकम और आउटपुट दोनों सदन में पेश कर सरकार इस बारे में सदन को हमेशा अवगत कराती रही है.
बताते चलें कि उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया कल मंगलवार को सदन में वर्ष 2021-22 के लिए दिल्ली का बजट प्रस्तुत करेंगे. इससे पहले उन्होंने सदन में वक्तव्य देते हुए कहा कि सरकार हमेशा बजट बनाते हुए बजट में आउटकम और आउटपुट के लिए इंडिकेटर रखती है.
उन्होंने सदन में आउटकम बजट के बारे में भी सदस्य को समझाया. उन्होंने बताया कि गत वर्ष बजट पेश करते हुए आउटकम के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी जा सकी क्योंकि देश कोरोना महामारी (Corona Pandemic) से जूझ रहा था. कोरोना की वजह से जो वक्त बीता है मार्केट में बिजनेस कम हुआ, राजस्व कम आया, आर्थिक हालत कमजोर हुई है. उसकी वजह से हम उतना भी खर्च नहीं कर पाए जितना करना था.
कोरोना महामारी के दौरान दिल्ली सरकार के विभागों की ओर से किए गए कार्यों को भी उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सदन पटल पर सदन के समक्ष प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर अच्छा काम किया. वहीं, परिवहन विभाग, श्रम विभाग और शिक्षा विभाग ने भी कोरोना काल के दौरान लोगों की सेवा करने में बड़ी भूमिका निभाई है. शिक्षा विभाग की बात करें तो उसने कंटेनमेंट जोन और अस्पतालों के बाहर खड़े होकर बड़े स्तर पर लोगों की सेवा की है.
मनीष सिसोदिया ने सदन में उप-राज्यपाल की ओर से पेश किए गए अभिभाषण पर खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि उप-राज्यपाल की ओर से दिल्ली सरकार के कार्यकलापों को अच्छे से प्रस्तुत किया गया है.
सिसोदिया ने बताया कि कोरोना के दौरान शिक्षा विभाग ने बच्चों की पढ़ाई को प्रभावित नहीं होने दिया साल में जो 230 क्लासेज होती हैं. उनमें से शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन के जरिए 229 क्लासेज छात्रों को अटेंड कर आई है.
उन्होंने बताया कि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों से बच्चों की पढ़ाई को कवर करने का काम किया गया. उन्होंने बताया कि 9वीं से 9वीं से 12वीं कक्षा तक के बच्चों ने 90 फ़ीसदी तक ऑनलाइन-ऑफलाइन क्लासेज में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की है.
उन्होंने सदन कोअवगत कराया कि गत दिसंबर 2020 तक 352000 बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला कराया गया. वहीं दिल्ली सरकार के सरकारी स्कूलों के छात्रों का परिणाम भी बढ़ा है. यह 98 फ़ीसदी रिकॉर्ड किया गया जो कि पहले 92 फ़ीसदी तक रहा है.
उन्होंने यह बताया कि सरकारी स्कूलों में लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरों का कार्य भी लगातार चल रहा है. अभी तक 459 स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं.
उप-मुख्यमंत्री सिसोदिया ने स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर भी सदन के समक्ष आउटकम बजट प्रस्तुत करते हुए बताया कि दिसंबर 2020 तक 496 मोहल्ला क्लीनिक स्थापित की जा चुकी है. उन्होंने महिला एवं बाल विकास विभाग के इंडिकेटर्स भी सदन के समक्ष पेश किए और बताया कि 275000 विपत्ति ग्रस्त महिलाओं को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई. लाडली योजना में 300241 छात्रों को लाडली योजना के तहत पंजीकृत किया गया. लेकिन जो लक्ष्य निर्धारित किया गया था वह कोरोना की वजह से पूरा नहीं हो सका. उस पर अब और तेजी से काम किया जाना है।